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    ग्रेटर नोएडा में खुद को जोखिम में डाल मामा ने बचाई भांजे की जान, आवारा मवेशियों के हमले में पिता-पुत्र घायल

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 09:27 AM (IST)

    ग्रेटर नोएडा में आवारा पशुओं के झुंड ने पिता-पुत्र पर हमला किया जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रथम चंद्रा की पांच पसलियां टूट गईं जबकि रिहान को भी अंदरूनी चोटें आई हैं। घटना के बाद रिहान सदमे में है। लोगों ने प्राधिकरण पर लापरवाही का आरोप लगाया है और सोशल मीडिया पर आक्रोश जताया है।

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    प्रथम चंद्रा के ऊपर सांड के हमले का सीसीटीवी फुटेज। सीसीटीवी

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। सेक्टर बीटा एक में आवारा मवेशियों के झुंड ने हमला कर पिता-पुत्र को घायल किया। चीख-पुकार की आवाज सुन आसपास के एकत्रित हुए लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद बचाया।

    गंभीर स्थिति में यथार्थ अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां पर उपचार चल रहा है। वहीं बच्चे को हल्की चोटें आई हैं। आरडब्ल्यूए का कहना है कि ग्रेनो प्राधिकरण का स्वास्थ्य विभाग शिकायत किए जाने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाता है।

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    सेक्टर बीटा एक के सी ब्लाक निवासी महेश चंद्रा ने बताया कि उनका बेटा प्रथम चंद्रा शाम के समय में घर पर खाना खाकर बाहर बाजार की ओर पांच वर्षीय भांजे रिहान के साथ टहलने गया हुआ था। उनका बेटा प्रथम एक आइटी कंपनी में इंजीनियर है।

    प्रथम जब बाजार से रिहान के साथ वापस आ रहा था, उसी दौरान आवारा सांड और गाय के झुंड ने हमला बोल दिया। पहले उनके पांच वर्षीय भांजे रिहान को उठाकर पटक दिया, जिसे बचाने की कोशिश प्रथम करने लगा।

    इस दौरान आवारा जानवरों के झुंड ने प्रथम पर हमला बोल दिया और गंभीर रूप से घायल कर दिया। गनीमत रही कि आसपास के लोगों ने जैसे-तैसे आवारा जानवरों के झुंड से छुड़वाया। वहीं अभी यथार्थ अस्पताल में प्रथम का उपचार चल रहा है। प्रथम की पांच पसली टूटी हुई हैं।

    लंग्स में चोट आई है, जिस कारण सांस लेने में परेशानी हो रही है और ब्लीडिंग नहीं रुक रही है। साथ ही दोनों पैर में चोटें आई हुई हैं। वहीं रिहान के कमर, माथे और हाथ के अलावा के अलावा अंदरूनी चोटें आई हुई है।

    स्वजनों ने बताया कि रिहान घटना के बाद से दहशत में बना हुआ है। घटना के बाद से कुछ भी खा-पी नहीं रहा है। थोड़ी देर लेटता है और उठकर बैठ जाता हर बार-कहता है मामा की फोटो दिखाओ। बस रिहान के जेहन में सोमवार की रात हुई घटना ही बसी हुई है। स्वजनों से बार-बार रिहान मामा के बारे में ही पूंछकर सिसकने लगता है।

    वहीं आरडब्ल्यूए महासचिव हरेंद्र भाटी का कहना है कि कई महीनों से ग्रेनो प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से आवारा जानवरों को पकड़वाने के लिए शिकायत की जा रही थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी। लगता जिम्मेदार घटनाओं के इंतजार में बैठे रहते हैं।

    सोशल मीडिया पर दिखा आक्रोश, पकड़वाए गए आवारा जानवर

    घटना को लेकर शहर में लोगों के बीच आक्रोश देखने को मिल रहा है। लोगोंं ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से ग्रेनो प्राधिकरण के उच्चाधिकारियों से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के काम करने के रवैये पर सवाल उठाए हैं।

    सोशल पर आक्रोश जताए जाने के बाद मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आवारा जानवरों को पकड़वाया है। लोगों का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारियों की नींद घटनाएं होने के बाद ही खुलती है। अगर समय रहते कार्रवाई कर दी जाए तो ऐसी गंभीर घटनाएं न हों।