Noida News: फिंगर प्रिंट से खुलेगा गोलीकांड का राज! कॉलेज हॉस्टल में गोली लगने से घायल दूसरे छात्र की भी मौत
ग्रेटर नोएडा के बिमटेक कॉलेज के हॉस्टल में गोली लगने से घायल दूसरे छात्र देवांश की भी मौत हो गई। पुलिस जांच कर रही है कि गोली किसने चलाई। जांच में पता चला है कि देवांश अपने पिता की लाइसेंसी रिवाल्वर चोरी से लाया था। पुलिस आत्महत्या के पहलू पर भी जांच कर रही है क्योंकि दीपक के दोस्तों को अच्छे पैकेज पर नौकरी मिल गई थी ।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। बिमटेक कालेज के हॉस्टल में गोली लगने से घायल दूसरे छात्र देवांश की भी उपचार के दौरान मौत हो गई। देवांश का उपचार ग्रेटर नोएडा के कैलाश अस्पताल में चल रहा था। उसके सिर में गोली फंसी थी। वह वेंटिलेटर पर था।
बुधवार सुबह आठ बजे चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। गोली लगने से घायल एक छात्र दीपक कुमार ने मंगलवार को ही दम तोड़ दिया था। दोनों छात्रों की मौत के बाद वारदात को किसने और क्यों अंजाम दिया पुलिस के सामने भी अनसुलझी पहेली बन गई है। जिसे सुलझाने के लिए पुलिस ने दोनों छात्रों के मोबाइल फोन, लैपटॉप समेत अन्य सामान जब्त करने के साथ लाइसेंसी रिवाल्वर को कब्जे में लेकर फारेंसिक जांच के लिए भेजा है, ताकि फिंगर प्रिंट से पता लगाया जा सके कि गोली किसने चलाई।
कोतवाली प्रभारी सर्वेश चंद्र ने बताया कि पुलिस जांच में सामने आया है कि देवांश शनिवार को आगरा गया था। जहां से अभी हाल ही में डीएसपी पद से सेवानिवृत हुए पिता की लाइसेंसी रिवाल्वर चोरी से लेकर आया था। उसने मंगलवार को नौ बजकर 14 मिनट पर हॉस्टल में प्रवेश किया।
हॉस्टल में गोली चलने से दोनों छात्रों के घायल होने की सूचना पुलिस को साढ़े 11 बजे मिली थी। पुलिस जांच में सामने आया है कि दोनों छात्र हॉस्टल में अलग-अलग रूम पार्टनर के साथ रहते थे। प्रथम तल पर कमरा संख्या 127 में दीपक व दूसरे तल पर सी-307 में देवांश रह रहा था।
दोनों आपस में घनिष्ठ मित्र थे और दोनों एक साथ मिलकर एक ही कमरे में पढ़ाई किया करते थे। हादसा दीपक के कमरे में हुआ। देवांश कमरे में गेट के पास व दीपक कुर्सी पर खून से लथपथ हालत में मिला था। दोनों छात्रों को गोली दाहिनी कनपटी पर लगी थी। दीपक के सिर में गोली लगने के बाद पार करते हुए दीवार में जा लगी जबकि देवांश के सिर में ही गोली फंसी रह गई थी।
कहीं अवसाद में तो नहीं थे दोनों छात्र
दोनों छात्रों ने कहीं मानसिक तनाव में आकर आत्महत्या तो नहीं की पुलिस इस पहलू पर भी मामले की जांच कर रही है। हॉस्टल में रह रहे छात्रों से पूछताछ में सामने आया है कि दीपक के कई दोस्तों ने अच्छे पैकेज पर नौकरी हासिल कर ली थी। ऐसे में उसे अपने आपसे गिलानी होने लगी थी।
हॉस्टल में रह रहे छात्रों से भी दो बार इस बात का जिक्र करते हुए आत्महत्या किए जाने की मंशा जाहिर की थी। वहीं देवांश भी एयरफोर्स कामन एडमिशन टेस्ट (एएफकेट) क्वालीफाई नहीं कर पाया था। बताया जाता है कि कुछ ही नंबरों से वह टेस्ट क्वालीफाई करने से वंचित रह गया था। पुलिस दोनों के बीच आपसी विवाद हो जाने के साथ अन्य बिंदुओं पर भी मामले की जांच कर रही है।
बच्चों को पढ़ाता था दीपक
दोनों छात्र पढ़ने में काफी होशियार थे। मिलकर पढ़ाई करते थे। दीपक छात्रावास में रह रहे छात्रों को भी पढ़ाता था।
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