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    विश्व अल्जाइमर दिवस आज, अच्छी लाइफ स्टाइल से खतरा होगा कम; 60 से 65 की उम्र के लोग अधिक प्रभावित

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 06:59 AM (IST)

    नोएडा में विश्व अल्जाइमर दिवस पर विशेषज्ञों ने बताया कि काम करते समय बातें भूलना अल्जाइमर का लक्षण हो सकता है। तीन मिनट की जांच से इसकी पहचान हो सकती है। सही जीवनशैली समय पर पहचान और सहायक देखभाल से इलाज आसान हो सकता है। नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार अल्जाइमर से बचाव में मदद करते हैं। युवाओं में भी तनाव के कारण याददाश्त की समस्या बढ़ रही है।

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    अच्छी लाइफ स्टाइल से अल्जाइमर का खतरा होगा कम।

    जागरण संवाददाता, नोएडा। यदि आप काम करते हुए जरूरी बात भूल जाते हैं। सोचने-समझने की क्षमता कमजोर हो रही है तो सावधान हो जाएं। ऐसे लक्षण अल्जाइमर बीमारी के हो सकते हैं। आज विश्व अल्जाइमर दिवस पर बीमारी और लक्षण के साथ बचाव के तरीके बताने के लिए हमने विभिन्न विशेषज्ञों से बात की है। प्रस्तुत है वरिष्ठ संवाददाता सुमित शिशोदिया की रिपोर्ट :

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    कैलाश अस्पताल के न्यूरोलाजिस्ट डॉ. अनिरुद्ध आर. देशमुख बताते हैं कि महज तीन मिनट की जांच से मरीज में अल्ज़ाइमर की पहचान कर याददाश्त बचा सकते हैं। दिमाग से संबंधित बीमारी में धीरे-धीरे याददाश्त, सोचने की क्षमता और रोजमर्रा के कामकाज करना भूल जाते हैं।

    एक शोध के हवाले से दावा किया कि लाइफ़ स्टाइल में बदलावों से अल्ज़ाइमर का खतरा कम किया जा सकता है। इसमें नियमित व्यायाम, फल-सब्जी, अच्छी नींद और मोटापा, डायबिटीज व हाई ब्लड प्रेशर को भी सामान्य रखना जरूरी है। बताया कि जल्दी पहचान के लिए थ्री-मिनट काग्निटिव टेस्ट होता है। इसमें मरीज़ से आसान शब्द याद करने, तय समय दिखाता हुआ घड़ी का चित्र बनाने और फिर से वही शब्द दोहराने को कहा जाता है। ये छोटे-छोटे काम याददाश्त, ध्यान और समस्या सुलझाने की क्षमता को परखते हैं।

    नोएडा फोर्टिस में न्यूरोलाजिस्ट विभाग की निदेशक डा. ज्योति बाला शर्मा बताती हैं कि अल्जाइमर में केवल याददाश्त ही नहीं बल्कि पूरा जीवन प्रभावित होता है। सबसे पहले हम यह समझें कि सही जीवनशैली, समय पर पहचान और सहायक देखभाल से इलाज को आसान बना देती हैं। नियमित शारीरिक गतिविधि, संतुलित आहार, मानसिक और सामाजिक रूप से सक्रिय रहना, तनाव कम करना व पर्याप्त नींद लेने से खतरा कम होता हैं। उनके मुताबिक, कई बार अनुवांशिक कारण भी रोग बढ़ाते है। संगीत, कला और पालतू पशुओं से जुड़ी थेरेपी मरीज को राहत व चेहरे पर मुस्कान ला सकती हैं।

    वहीं, मैक्स अस्पताल में न्यूरोलाजिस्ट डा. अमित श्रीवास्तव बताते हैं कि अल्ज़ाइमर 60-65 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों को प्रभावित करता है। युवा अल्जाइमर से नहीं, बल्कि याददाश्त से जुड़ी परेशानी के साथ ओपीडी में पहुंच रही है। इसमें तनाव, जीवनशैली, एक साथ कई काम करने, अवसाद और चिंता का कारण है। उनका कहना है कि उम्र बढ़ने के साथ अल्जाइमर का जोखिम बढ़ता है। परिवार में किसी को अल्जाइमर होने से जोखिम बढ़ सकता है।

    बचाव के टिप्स

    • सक्रिय जीवनशैली : नियमित व्यायाम करें, मानसिक गतिविधियां बढ़ाएं।
    • स्वस्थ आहार : संतुलित भोजन लें, ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ खाएं।
    • सामाजिक जुड़ाव: सामाजिक संपर्क बनाए रखें, मानसिक रूप से सक्रिय रहें।
    • स्वास्थ्य प्रबंधन: रक्तचाप, मधुमेह, और कोलेस्ट्राल को नियंत्रित रखें।
    • दिमाग का व्यायाम : पहेलियां, पढ़ाई, और नए कौशल सीखना दिमाग को सक्रिय रखते है।