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    नोएडा की हाईराइज बिल्डिंगों में आग का खतरा, NOFAA ने कहा- सुरक्षा के लिए युद्धस्तर पर तैयारी जरूरी

    Updated: Tue, 17 Jun 2025 04:10 PM (IST)

    गौतमबुद्ध नगर में 350 से अधिक बहुमंजिला इमारतों में आग लगने की घटनाओं से बचाव के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम जरूरी हैं। कई इमारतों में अभी भी अधूरे इंतजाम हैं जिसके चलते न्यायालय में मामला विचाराधीन है। नोफा अध्यक्ष ने सुझाव दिया कि सुरक्षाकर्मियों को प्रशिक्षण नियमित ऑडिट और आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता आवश्यक है। प्राधिकरण बिल्डर और एओए को अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा।

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    आग की घटना को समय पर काबू पाने को टीम और बचाव को हेलीकाॅप्टर जरूरी।

    जागरण संवाददाता, नोएडा: बहुमंजिला इमारतों में अग्निशमन उपकरणों में सुधार के साथ सख्ती से नियमों का पालन और निगरानी की आवश्यकता है। गौतमबुद्ध नगर में 350 से अधिक बहुमंजिला इमारतें हैं।

    92 में आग पर काबू पाने के अधूरे इंतजाम में हैं। हजारों लोगों यहां रहते हैं। इनकी सुरक्षा पर मामला अब न्यायालय में विचाराधीन है। दर्जनों अस्पतालों पर भी अधूरे इंतजामों के चलते फायर एनओसी नहीं है। 

    Noida federation of Apartment Owner Association (NOFAA) के अध्यक्ष राजीव सिंह ने बहुमंजिला इमारतों में आग से सुरक्षा के इंतजामों को लेकर कई बिंदुओं पर सुधार की आवश्यकता को बताया।

    हर सोसायटी में आग से निपटने का प्रशिक्षण दिया जाए

    नोफा अध्यक्ष ने कहा कि नियम के तहत ऑडिट होना चाहिए। हर एक सोसायटी में सुरक्षाकर्मी या वालंटियर्स तैयार कर अग्निकांड के दौरान सुरक्षा के लिए प्रशिक्षण देना चाहिए।

    फायर विभाग के पास बहुमंजिला इमारतों में अग्निशमन उपकरणों से लैस समेत हाइड्रोलिक लिफ्ट व बचाव के लिए हेलीकाप्टर भी उपलब्ध होना चाहिए।

    जिससे बहुमंजिला इमारताें में आग के दौरान समय पर फंसे हुए लोगों को बचाकर निकाला जा सके। बिल्डर और एओए के बीच हैंडओवर के बाद अधूरे इंतजामों की बाद सबसे अधिक निकलकर आती है।

    हैडओवर करने से पहले फायर विभाग ऑडिट करे

    फायर विभाग को हैंडओवर प्रक्रिया से पहले ऑडिट करना चाहिए। कमियों को ठीक करने के बाद भी यह हैंडओवर होगा तो बेहतर रहेगा। कमियां मिलने पर बिल्डर या एओए जिसकी भी जिम्मेदारी हैं उसकाे सुधार के लिए निर्देशित करना चाहिए।

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    इमारतों में अग्निशमन सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए सरकारी पैनल्ड एजेंसी नियुक्त करें। पुरानी सोसायटियों में वाटर स्प्रिंकलर और फायर एग्जिट वे या पाथवे नहीं हैं। इस पर काम करने की आवश्यकता है।

    पुरानी सोसायटियों में सुरक्षा को लेकर यह इंतजाम कैसे होंगे इस पर पालिसी तैयार होनी चाहिए। फायर सेफ्टी के लिए अलग से फंड निर्धारित किया जा सकता है।

    सोसायटियों की ओर से फायर डिपार्टमेंट में प्रशिक्षण के लिए कहा जाता है तो कई बार मेनपावर के अभाव में लेतलटीफी होती है। जबकि फायर विभाग को अपने स्तर से रोस्टर तैयार कर नियमित प्रशिक्षण देना चाहिए और आडिट करना चाहिए।

    प्लानिंग से पहले सुरक्षा व्यवस्था पर किया जाए कार्य

    गौतमबुद्ध नगर में हाईराइज दो दशकों से बन रहीं हैं। अब यह तेजी से बढ़ रहीं हैं और ऊंचाईयां भी तेजी से बढ़ रहीं हैं। इस स्तर के सुरक्षा इंतजाम नहीं है।

    टाउन प्लानिंग से पहले सुरक्षा व्यवस्था ठीक होनी चाहिए। इसमें फायर विभाग की भी एक व्यवस्था है। हर बिंदू पर कार्य किया जाना चाहिए। नोएडा में इमारतों की ऊंचाई बढ़़ रही है जबकि सुरक्षा के इंतजामों को उतनी गति से नहीं बढ़ता हुआ देखा जा रहा है।

    जिम्मेदारियों को समझें जिम्मेदार

    अग्निशमन व्यवस्था में सुधार के लिए जिम्मेदारों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। प्राधिकरण बिना अग्निशमन सुरक्षा उपकरणों के ओसी-सीसी जारी नहीं करे और न ही लोगों को टावरों में रहने की अनुमति दें।

    बिल्डर हो या एओए सभी को व्यवस्था में सुधार रखने के लिए समय निर्धारित की जाए। आडिट में कमियां नजर आएं तो जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएं।

    अग्निशमन व्यवस्था में पूर्व रूप से सुधार के लिए प्राधिकरण, बिल्डर, एओए, फायर विभाग को अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा।