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    नोएडा में 20 महीने में 13 हजार सिम कराए गए बंद, पर जाल अभी भी फैला है...

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 09:40 AM (IST)

    नोएडा पुलिस साइबर अपराधियों पर सख्ती बरत रही है और पिछले 20 महीनों में 13 हजार से ज्यादा अवैध सिम कार्ड बंद किए गए हैं। पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने बताया कि ठगी में इस्तेमाल किए गए सिम और खातों की जानकारी सरकार को भेजी जा रही है। लोग अपने नाम पर चल रहे सिम की जानकारी संचार साथी पोर्टल से ले सकते हैं।

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    पुलिस आयुक्त गौतमबुद्ध नगर लक्ष्मी सिंह की फाइल फोटो।

    मुनीश शर्मा, नोएडा। साइबर ठग नए-नए पैतरों से आमजन की मेहनत की कमाई पर डाका डाल रहे हैं। इसके लिए अवैध सिम का प्रयोग हो रहा है। शासन से लेकर पुलिस प्रशासन तक साइबर ठगाें के अवैध सिम के नेटवर्क को तोड़ने में लगा है।

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    गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस भी हर माह औसतन 650 अवैध सिम को बंद करा रही है। विगत 20 माह में 13 हजार से ज्यादा सिम बंद कराए जा चुके हैं। गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस की साइबर सेल टीम ठगी के मामलों में कार्रवाई करने के साथ-साथ ठगों के संसाधनों पर भी प्रहार कर रही है। इनमें से एक अवैध सिम भी है। इससे न केवल साइबर ठग पीड़ितों को जाल में फंसाकर ठगी करते हैं।

    पुलिस आयुक्त गौतमबुद्ध नगर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि ठगाें को पकड़ने के अलावा ठगी में प्रयुक्त अवैध सिम और बैंक खातों की रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी जा रही है। जनवरी 2024 से 15 सितंबर 2025 तक 13 हजार से ज्यादा अवैध सिम को बंद कराया जा चुका है। आगे भी अभियान चलाकर कार्रवाई करना जारी रहेगा।

    जिले में कितनी हुई कार्रवाई

         जोन व सेल -   कार्रवाई

    • नोएडा -- -- -- -- -- 2030
    • ग्रेटर नोएडा -- -- -- 890
    • सेंट्रल नोएडा -- -- -- 1200
    • आईटी सेल -- -- -- -9000

    साइबर अपराधों की जड़ अवैध सिम

    पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि डिजिटल अरेस्ट, शेयर बाजार में फर्जी निवेश, यूपीआई फ्राड जैसे कई साइबर अपराधों में अवैध सिम कार्ड का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। साइबर अपराधी अवैध सिम खरीद देश के बाहर भी उपयोग कर रहे हैं।

    जानकारों की मानें तो इन सिमों को अन्य के नाम पर लेकर एक्टीवेट किया जाता है। फिर इनको साइबर ठगों को उपलब्ध कराया जाता है। इस बाबत गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस तलाश अभियान भी चला चुकी है। सिम बेचने वाले प्वाइंट ऑफ सेल व दुकानों की जांच की जा रही है।

    जिले में पांच हजार से ज्यादा दुकान व 450 प्वाइंट आफ सेल की जांच की जा चुकी है। इनको सिम देने वालों के बारे में पूरी जानकारी रखने और प्री एक्टीवेट सिम उपलब्ध नहीं कराने के सख्त निर्देश हैं। उधर, सरकार धोखाधड़ी लेनदेन रोकने के लिए मई 2025 से फाइनेंशियल रिस्क इंडीकेटर की शुरूआत कर चुकी है।

    खुद भी बंद करा सकते हैं अवैध सिम

    दुकानदार दस्तावेज और केवाइसी आदि में गड़बड़ कर एक आइडी पर दो सिम चालू करा लेते हैैं। एडीसीपी साइबर शैव्या गोयल ने बताया कि इस तरह के फर्जीवाड़े का पता कोई लगा सकता है कि उसके नाम पर कितने सिम चल रहे हैं।

    इसके लिए संचार साथी पोर्टल पर जाकर जानकारी की जा सकती है। साइबर ठगों के धोधाखड़ी वाले काल, मैसेज आदि की शिकायत चक्षु पोर्टल पर की जा सकती है। शिकायत के आधार पर इन नंबरों ब्लॉक कर दिया जाता है।