नोएडा में 40 हजार से ज्यादा गाड़ियां सीज, बस-ट्रक या बाइकर्स नहीं; सड़क पर ऑटो चालकों ने की जमकर 'मनमानी'
नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने ऑटो चालकों की मनमानी पर लगाम कसते हुए 40 हजार से ज्यादा वाहनों को सीज किया है। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 14 हजार से ज्यादा ऑटो जब्त किए गए। नाबालिगों द्वारा ऑटो चलाने की समस्या को रोकने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं। पुलिस का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं को कम करना और यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करना है।

सुमित शिशोदिया, नोएडा। यात्रियों की सुरक्षा से उलट मनमाने और बेतरतीब तरीके से फर्राटा भर रहे ऑटो चालकों पर यातायात पुलिस ने सबसे ज्यादा नकेल कसी है। वजह है कि सड़कों पर मनमानी करने में ऑटो चालकों ने बस, ट्रक और ट्रैक्टर ही नहीं, बल्कि ई-रिक्शा, बाइक व स्कूटी चालकों को भी साढ़े तीन साल में पीछे छोड़ दिया है।
ट्रैफिक पुलिस ने प्रदूषण फैलाने, परमिट खत्म होने और नियमों के गंभीर उल्लंघन पर 14 हजार 77 ऑटो को सीज कर बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस रिकॉर्ड में यह आंकड़ा भारी और हल्के वाहनों के साथ बाइक चालकों से कहीं ज्यादा है।
सड़क दुर्घटना के बढ़ते मामलों पर आला अधिकारियों ने 2022 से ही ऑटो चालकों की मनमानी पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। 2023 में सबसे ज्यादा 4479 ऑटो सीज करने के बाद यह कार्रवाई 2024 में धीमी पड़ गई। उस समय विभिन्न स्थानों पर पुलिसकर्मियों ने 4168 ऑटो को बंद कर सड़क से हटवा दिया।
जुगाड़ वाहनों पर हुआ एक्शन
खास बात है कि सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ रहे जुगाड़ वाहनों पर भी कार्रवाई हुई और ताबड़तोड़ 400 से ज्यादा को सुरक्षा व पर्यावरण के लिए खतरा मानकर उन्हें सीज कर दिया। नियमों का सख्ती से पालन न करने और प्रदूषण फैलाने पर 40 हजार 884 बस, ट्रक, ट्रैक्टर, कार, ऑटो , ई-रिक्शा, बाइक, स्कूटी व जुगाड़ वाहनों को सड़कों को हटा दिया है।
पुलिस रिकार्ड में दूसरी बड़ी कार्रवाई 9758 दोपहिया वाहनों पर हुई है। इसके बाद 7100 से ज्यादा ई-रिक्शा व 6200 से ज्यादा कार शामिल हैं। यातायात पुलिस ने सीज वाहनों की सूची बनाकर परिवहन विभाग को भी भेजी है। इससे उनका ऑनलाइन रिकॉर्ड भी तैयार किया जा रहा है।
यातायात पुलिस ने महामाया फ्लाइओवर, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, सेक्टर-62 एनएच-9, रजनीगंधा चौक, परि चौक, पर्थला समेत अन्य स्थानों पर 1,65 लाख से अधिक भारी वाहनों के चालकों पर चालान की कार्रवाई की है, जबकि 90,676 ऑटो चालक और तीसरे नंबर पर सबसे अधिक 57 हजार 945 ई-रिक्शा चालकों पर चालान हुए हैं।
नाबालिग भर रहे ऑटो से फर्राटा
सड़कों पर बेतरतीब ऑटो दौड़ाने के पीछे एक मुख्य वजह यह भी है कि रोजाना सैंकड़ों यात्रियों की सुरक्षा की स्टेयरिंग नाबालिग के हाथों में होती है। अनुमान है कि रोजाना पांच लाख से अधिक लोग विभिन्न वाहनों से यात्रा करते हैं।
इसमें ऑटो से सफर करने वालों का आंकड़ा दो लाख के करीब है। हालांकि, यातायात पुलिस नाबालिगों को समझाकर उन्हें ऑटो न चलाने के लिए प्रोत्साहित करती है। प्रत्येक रविवार को विभिन्न चौराहों पर जागरूकता कार्यक्रम भी चलता है।
ऑटो चालकों की मनमानी रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम बढ़ाए जा रहे हैं। यात्रियों की सुरक्षा यातायात पुलिस के लिए प्राथमिकता में हैं। वाहनों की स्टेयरिंग नाबालिग के हाथों में न हो। इसके लिए सघन अभियान भी चलाते हैं। ऑटो, ई-रिक्शा और अन्य वाहनों को सीज भी करते हैं।
लखन सिंह, डीसीपी यातायात
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