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    दिल्ली-NCR के इस शहर में पांच पॉलिटिकल पार्टियों को मिला नोटिस, जवाब नहीं देने पर सख्त कार्रवाई

    ग्रेटर नोएडा में जिला प्रशासन ने छह साल में चुनाव न लड़ने वाले पांच दलों को कारण बताओ नोटिस भेजा है। निर्वाचन आयोग के अनुसार इन दलों ने 2019 से 2024 के बीच कोई चुनाव नहीं लड़ा। राष्ट्रीय मजदूर किसान पार्टी समेत पांच दलों को नोटिस जारी किया गया है और उन्हें 14 जुलाई तक जवाब देना है अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

    By jitendra singh Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Thu, 03 Jul 2025 11:09 PM (IST)
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    छह वर्ष में चुनाव न लड़ने वाले पांच राजीनितक दलों को नोटिस। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। जिला प्रशासन द्वारा छह वर्ष में एक भी चुनाव न लड़ने वाले पांच राजीनितक दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी अतुल कुमार ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29 ए के प्राविधानों के तहत भारत निर्वाचन आयोग में पंजीकृत उत्तर प्रदेश राज्य के 119 पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों द्वारा वर्ष 2019 से वर्ष 2024 छह वर्ष के मध्य आयोग द्वारा आयोजित निर्वाचनों में एक भी चुनाव नहीं लड़े जाने के कारण भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देश के क्रम में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेशे द्वारा भारत निर्वाचन आयोग में पंजीकृत गौतमबुद्ध नगर के पांच अमान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

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    राष्ट्रीय मजदूर किसान पार्टी, पश्चिमी उत्तर प्रदेश विकास पार्टी, मदर इंडिया पार्टी, जनक्रांति समाज पार्टी व हिंदुस्तान क्रांतिकारी दल को नोटिस दिया गया है। अमान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को कार्यालय मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा नोटिस पार्टी के पंजीकृत पते पर भेजा गया है।

    कारण बताओ नोटिस के संबंध में पार्टी के अध्यक्ष व महासचिव अपना हलफनामा व अभिलेखों के साथ 14 जुलाई तक कार्यालय मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश को उपलब्ध करा सकते हैं व 21 जुलाई 2025 को मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में सुनवाई के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष उपस्थित हो सकते हैं।

    पार्टी की ओर से कारण बताओ नोटिस के संबंध में निर्धारित तिथि के भीतर प्रत्यावेदन उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो यह माना जाएगा कि पार्टी को इस मामले में कुछ नहीं कहना है और पार्टी को राजनैतिक दलों की सूची से हटाए जाने के संबंध में मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश की ओर से संस्तुति सहित प्रस्ताव भारत निर्वाचन आयोग को भेज दिया जाएगा।