Noida News: साइबर इंश्योरेंस ठगी का नया तरीका, झांसे में न आएं; ऐसे मैसेज आने पर पुलिस से करें शिकायत
साइबर ठगी करने वाले रोजाना नए-नए तरीके बदलकर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं। साइबर अपराध के प्रति लोग जागरूक तो हुए हैं बावजूद लोग अब भी ठगों का शिकार हो रहे हैं। लोगों के मन में सवाल आते हैं कि साइबर ठगी से कैसे बचा जाए। शुक्रवार को दैनिक जागरण नोएडा के कार्यालय में परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम थाना प्रभारी रीता यादव मौजूद रहीं।
नोएडा, जागरण संवाददाता। साइबर अपराध की वारदात लगातार बढ़ रही है। साइबर ठगी करने वाले रोजाना नए-नए तरीके बदलकर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं। साइबर अपराध के प्रति लोग जागरूक तो हुए हैं, बावजूद लोग अब भी ठगों का शिकार हो रहे हैं। लोगों के मन में सवाल आते हैं कि साइबर ठगी से कैसे बचा जाए। वह किन-किन बातों का ध्यान रखें आदि सवालों के जवाब देने के लिए शुक्रवार को दैनिक जागरण नोएडा के कार्यालय में परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम थाना प्रभारी रीता यादव मौजूद रहीं। पेश हैं लोगों के सवाल और जवाब।
मेरे साथ कई बार साइबर ठगी हो चुकी है। एक बार भी रिकवरी नहीं हो पाई है। अपराधियों को पकड़कर पुलिस धनराशि की रिकवरी क्यों नहीं हो पाती है?-विकास जैन, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश युवा व्यापार मंडल
साइबर ठगी की घटना होने पर पीड़ित को तत्काल 1930 पर काल करके अपनी शिकायत दर्ज करानी चाहिए। इसके साथ ही राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर भी शिकायत दर्ज कराएं। जिससे संबंधित के खाते में धनराशि को फ्रीज कराया जा सके। शिकायत करने में देरी होने पर नुकसान अधिक होता है।
पिछले दिनों मेरे पास एक अज्ञात नंबर से मैसेज आया था। जिसमें लिखा था कि साइबर इंश्योरेंस कराएं। साइबर इंश्योरेंस करवाने के बाद यदि आपके साथ साइबर फ्राड होता है तो आपके नुकसान की भरपाई इंश्योरेंस कंपनी करेगी। क्या ऐसा साइबर इंश्योरेंस होता है?- अविनाश सिंह, सेक्टर-62
साइबर इंश्योरेंस नामक कोई व्यवस्था नहीं है। यह साइबर ठगों की एक चाल है। कोई भी व्यक्ति इनके चक्कर में न आएं। साइबर ठग साइबर इंश्योरेंस के नाम पर आपके बैंक खातों की डिटेल लेंगे और बैंक खाते खाली कर देंगे। इस तरह के मैसेज आने पर नजदीकी पुलिस स्टेशन पर शिकायत दर्ज कराएं।
पिछले दिनों मैंने सिविल स्कोर चेक किया तो पता चला कि मेरे पैन कार्ड पर महाराष्ट्र के पुणे में एक क्रेडिट कार्ड जारी है। उसमें सिर्फ नाम मेरा है, बाकी पिता का नाम, पता और जन्मतिथि अलग है, जबकि मैंने अपने दस्तावेज किसी के साथ साझा नहीं किए। इस तरह की धोखाधड़ी से कैसे बचा जाए?-राजेश चौधरी, निठारी
जब भी आप अपने दस्तावेज किसी संस्था में लगाते हैं तो उस कापी पर लिखें कि इसका उपयोग सिर्फ इस कार्य के लिए किया जाए। उसके बाद उस संस्था से दस्तावेज चोरी होने पर भी उसका दुरुपयोग नहीं होगा। यदि आपके पैन कार्ड पर फर्जी क्रेडिट कार्ड जारी हुआ है तो इसकी शिकायत संबंधित कोतवाली में अवश्य कराएं।
मैंने फ्लाइट के लिए आनलाइन टिकट बुक कराए थे। इसके लिए आठ हजार रुपये भी आनलाइन ट्रांसफर किए थे। बाद में पता चला कि साइबर ठगों ने उन्हें झांसे में लेकर ठगी की है। मुकदमा दर्ज होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब मुझे क्या करना चाहिए?- सुमित कुमार, सेक्टर-76
मुकदमा दर्ज होने के बाद साइबर सेल द्वारा मामले की जांच की जा रही होगी। इसके लिए आपको संबंधित जांच अधिकारी से मिलना चाहिए। वही कार्रवाई के बारे में बता पाएंगे। केस दर्ज होने के बाद जिस खाते में राशि पहुंची है, पुलिस द्वारा उसे फ्रीज कराया जाता है। अभी तक कोई पकड़ा नहीं गया हो, पर पुलिस की कार्रवाई जारी होगी।
मेरे द्वारा एक अज्ञात व्यक्ति के खाते में 30 हजार रुपये गलती से आनलाइन ट्रांसफर हो गए। इस संबंध में जब उससे बात की तो उसने धनराशि लौटाने से इन्कार कर दिया। पुलिस भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही है। ऐसे में मैं क्या करूं?-राजीव कुमार, सेक्टर-71
जिस व्यक्ति के खाते में धनराशि पहुंची है, उससे वार्ता करके धनराशि वापस ले लें। इसके अलावा बैंक अधिकारियों से मिलकर समस्या का निस्तारण कराया जा सकता है। पुलिस की भी इसमें मदद ली जा सकती है।
टेलीग्राम ग्रुप पर जोड़कर लोगों को पार्ट टाइम नौकरी का झांसा देकर ठगी की जा रही है। इसमें आए दिन ठगी के मामले में सामने आ रहे हैं। ऐसे जालसाजों से बचने के लिए लोगों को क्या कदम उठाने चाहिए?-विनोद गुप्ता, सेक्टर-49 बरौला
किसी भी प्रकार के प्रलोभन में लोगों को फंसना नहीं चाहिए। जो भी व्यक्ति धनराशि कमाने का झांसा देकर किसी खाते में धनराशि ट्रांसफर कराए, वो ठगी करने वाला है। ऐसे ठगों से किसी भी तरह की जानकारी साझा न करें।
मेरे साथ 15 लाख रुपये की ठगी हुई। एक अज्ञात व्यक्ति ने काल कर बताया कि उनके नाम से एक पार्सल कनाडा भेजा जा रहा है। जिसमें देश विरोधी दस्तावेज जैसे फर्जी आधार कार्ड, डेबिट कार्ड और पैन कार्ड हैं। अभी तक अपराधी पकड़े नहीं गए हैं। मुझे कब तक न्याय मिलेगा?-केपी सिंह, गाजियाबाद
इस तरह से ठगी करने वाले कुछ लोग देश में होते हैं और कुछ विदेश में बैठे होते हैं। ये लोग अपनी असली पहचान छिपाकर ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं। जिन्हें पकड़ने में समय लगता है।
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