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    Noida Crime News: 15 करोड़ का लोन दिलाने का झासा देकर ठगे लाखों रुपये, पीड़ित की आपबीती सुन पुलिस भी हैरान

    UP Crime News नोएडा पुलिस ने 15 करोड़ रुपये का एमएसएमई लोन दिलाने के नाम पर एक व्यवसायी से 15 लाख रुपये की ठगी करने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी और उसके साथियों ने व्यवसायी से कमीशन के तौर पर पैसे लिए लेकिन लोन नहीं दिलाया। पीड़ित ने बैंक जाकर पता किया तो धोखाधड़ी का पता चला जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई।

    By Munish Kumar Sharma Edited By: Kapil Kumar Updated: Mon, 07 Jul 2025 03:44 PM (IST)
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    15 करोड़ का लोन दिलाने के नाम पर 15 लाख ठगने वाला पकड़ा

    जागरण संवाददाता, नोएडा। नोएडा में गढ़ी चोखंडी गांव के कारोबारी से 15 लाख रुपये की ठगी (Online Loan Scam) करने वाले आरोपित को सेक्टर 113 थाना पुलिस ने रविवार को सेक्टर 76 मेट्रो स्टेशन के पास से दबोच लिया। उसने अपने तीन साथियों संंग मिलकर कारोबारी को 15 करोड़ रुपये का एमएसएमई लोन दिलाने के जाल में फंसाया था।

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    कमीशन लेकर भी 21 महीने तक लोन होने पर पीड़ित के बैंक शाखा जाने पर फर्जीवाड़े का पता चला था। 17 जनवरी 2025 में चारों के खिलाफ सेक्टर 113 थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उधर, पुलिस तीन फरार आरोपितों की तलाश में जुटी है।

    एसीपी टि्वंकल जैन ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर जांच कराई जा रही है। टीम ने धोखाधड़ी में शामिल एक आरोपित को रविवार को सेक्टर 76 मेट्रो स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया। उसकी पहचान गाजियाबाद शालीमार गार्डन के अजर खान के रूप में हुई।

    वहीं, पूछताछ में बताया कि उसने अपने तीन साथी हेमलता, शोएब खान व शोक कुमार उर्फ इरफान खान के साथ मिलकर लोन के नाम पर फर्जीवाड़ा करने की योजना बनाई थी। हेमलता की मदद से तीनों नोएडा गढ़ी चौखंडी गांव के रहने वाले कारोबारी हर्ष कुमार वर्मा से मिले थे। उनको लोन की जरूरत होने थी। उन्होंने खुद को एमएसएमई लोन कराने वाला बताया था।

    अप्रैल 2023 में हर्ष के राजी होने पर अशोक कुमार उर्फ इरफान खान को एमएसएमई निरीक्षण अधिकारी बताकर मिलवाया था। चारों ने मिलकर एसबीआइ में 15 करोड़ का एमएसएमई लोन दिलाने का सौदा किया था। इसके एवज में 15 लाख रुपये कमीशन देना तय हुआ था। चारों ने कागजी प्रक्रिया पूरी कराते हुए धीरे-धीरे कर जनवरी 2025 तक 15 लाख रुपये ले लिए, लेकिन लोन नहीं कराया।

    पीड़ित के दबाव बनाने पर बरगलना शुरू कर दिया। कमीशन बढ़ाते हुए 30 लाख रुपये की और मांग की थी। शक होने पर पीड़ित ने एसबीआइ शाखा जाकर जानकारी की तो फर्जीवाड़े का पता चला। पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की थी।