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    आनंद निकेतन वृद्धा सेवा आश्रम पर बड़े एक्शन की तैयारी, 39 बुजुर्गों को बनाया था बंधक; पांच दिन बाद होगा सील

    By Jagran NewsEdited By: Monu Kumar Jha
    Updated: Sat, 28 Jun 2025 10:32 AM (IST)

    नोएडा सेक्टर-55 में आनंद निकेतन वृद्ध सेवा आश्रम 1994 से अवैध रूप से चल रहा था। समाज कल्याण विभाग ने जांच के बाद तीन वृद्धों को दनकौर स्थानांतरित किया। स्वजनों ने हंगामा किया। विभाग ने ट्रस्टी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अन्य वृद्धाश्रमों को भी पंजीकरण के लिए नोटिस दिए गए हैं। वायरल वीडियो के बाद मामले में तेजी आई। आश्रम के दस्तावेज फर्जी पाए गए।

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    सेक्टर 55 स्थित वृद्धाश्रम से दनकौर स्थित जनकल्याण परिषद की संस्था में बुजुर्गों को शिफ्ट किया गया। जागरण

    जागरण संवाददाता, नोएडा।Anand Niketan Vriddh Seva Ashram: सेक्टर-55 में सी-ब्लॉक का आनंद निकेतन वृद्ध सेवा आश्रम 1994 से अवैध तरीके से चल रहा है। शुक्रवार को समाज कल्याण विभाग की पर्यवेक्षक नित्या द्विवेदी ने आश्रम पहुंचकर जांच के बाद इसकी पुष्टि की। उन्होंने स्टाफ से दस्तावेज मांगकर वृद्जनों से बात की।

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    उसके बाद तीन वृद्धों को दनकौर में जन कल्याण परिषद के आश्रम में शिफ्ट करा दिया। सूचना मिलने इनके स्वजनों ने दनकौर पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया। एक बुजुर्ग को उनके स्वजन वहां से वापस ले आए।

    समाज कल्याण विभाग ने आश्रम के पहले ट्रस्टी बीआर अरोड़ा को नोटिस जारी कर पांच दिन में दस्तावेज देकर पक्ष रखने का अल्टीमेटम दिया है। उसके बाद सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, जनपद के अन्य वृद्धाश्रम को भी पंजीकरण कराने के लिए नोटिस दिया है।

    आनंद वृद्धा आश्रम में 39 वृद्धजन रहते हैं। बृहस्पतिवार को आश्रम की एक बुजुर्ग को बंधक बनाने का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ था। राज्य महिला आयोग ने वीडियो का संज्ञान लेकर कार्रवाई तेज की।

    उसके अगले दिन सुबह 11:30 बजे समाज कल्याण विभाग की पर्यवेक्षक नित्या द्विवेदी भी जांच करने आश्रम पहुंची। उन्होंने स्टाफ से आश्रम के दस्तावेज मांगे और वृद्धजनों से पहले तल पर जाकर पूछताछ की।

    पत्रकार यश जैन का आरोप था कि कई बार सदस्यों से अमानवीय व्यवहार होता है। उन्होंने प्रबंधन से भी शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं की। उन्होंने व्यवस्था पर भी सवाल उठाए।

    हालांकि, ज्यादातर वृद्धजन बात को छिपाने का प्रयास करते रहे। जांच के बाद पर्यवेक्षक ने तीन वृद्धजनों को गाड़ी से दनकौर स्थित जन कल्याण परिषद के पंजीकृत आश्रम में शिफ्ट करा दिया। उन्होंने कहा कि पदाधिकारियों के पास आश्रम के पंजीकरण से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं हैं।

    ऐसे में माना जा रहा है कि वर्ष 1994 से यह अवैध चलाया जा रहा था। फिलहाल पूरे प्रकरण में शासन के अधिकारी गंभीर हैं। उन्होंने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों से मामले में रिपोर्ट तलब की है।

    वृद्धजनों को शिफ्ट कराकर आश्रम कराएंगे सील 

    वरिष्ठ सहायक सारांश श्रीवास्तव ने बताया कि आनंद निकेतन आश्रम समाज कल्याण विभाग में पंजीकृत नहीं होगा। सभी वृद्धजनों के स्वजन को सूचित कर दिया है। शनिवार को सभी वृद्धजन को उनके सुपुर्द कर दिया जाएगा या फिर उनकी सहमति से दनकौर के आश्रम में शिफ्ट करांएगे।

    उनका कहना है कि पदाधिकारियों ने जांच में 1994 का जल नियंत्रण बोर्ड से कोई रिन्यू प्रमाण पत्र दिखाया था, जो प्रथमदृष्टया फर्जी लग रहा है। बाकी दस्तावेज भी मांगे गए हैं। फिलहाल जनपद के सभी वृद्धाश्रमों का पता करके उन्हें भी नोटिस जारी करेंगे।

    इस मामले में एनजीओ की संचालिका नीलिमा मिश्रा का पक्ष जानने के लिए काल और वाटसएप पर संदेश भेजा गया, लेकिन उन्होंने काेई जवाब नहीं दिया।