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    Noida News: 23 करोड़ से हरनंदी पर बनेगा हेड रेगुलेटर, लोगों को जलभराव से मिलेगी राहत

    Noida News नोएडा प्राधिकरण हरनंदी नदी पर सेक्टर-150 के पास एक हेड रेगुलेटर का निर्माण करेगा जिस पर 23 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। यह कदम नोएडा और ग्रेनो एक्सप्रेसवे के पास के इलाकों में यमुना-हरनंदी के पानी को सड़कों पर आने से रोकने के लिए उठाया जा रहा है।

    By Kundan Tiwari Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 21 Aug 2025 10:04 AM (IST)
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    नोएडा प्राधिकरण का कार्यालय। फाइल फोटो सौजन्य- जागरण आर्काइव

    जागरण संवाददाता, नोएडा। नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे के किनारे बसे आवासीय सोसायटी, सेक्टरों व गांव में यमुना-हरनंदी का जल बैकफ्लो होकर सड़कों पर न आए। इसके लिए नोएडा प्राधिकरण हरनंदी पर सेक्टर-150 के पासा हेड रेग्युलेटर बनाने जा रहा है।

    इसके निर्माण पर 23 करोड़ रुपये खर्च होगा। खर्च प्राधिकरण वहन करेगा, लेकिन निर्माण उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की ओर कराया जाएगा। हरनंदी पर यहां पहला हेड रेग्यूलेटर होगा। इसे नोएडा में बनाने की तैयारी पूरी की गई है।

    बता दें कि उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के साथ नोएडा प्राधिकरण की वर्ष 2023 से कवायद चल रही थी। इसमें सेक्टर-148 व 150 में दो हेड रेग्यूलेटर बनाना था। इस पर कई बार संयुक्त् टीम निरीक्षण कर चुकी थी। हाल ही में प्राधिकरण ने इसके सर्वे व ड्राइंग डिजाइन के लिए 30 लाख रुपये भी उत्तर प्रदेश सिंचाई को दिया था।

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    अब सिंचाई विभाग की ओर से सेक्टर-150 में एक हेड रेग्यूलेटर बनाने का एस्टीमेट 23 करोड़ रुपये का तैयार कर अनुमोदन के लिए प्राधिकरण के पास भेजा है। बजट अनुमोदित होते ही अनुबंध होगा, निर्माण कार्य शुरू किा जाएगा।

    वर्ष 2023 में हिमाचल प्रदेश में बादल फटने के बाद अचानक यमुना का जलस्तर बढ़ गया। यमुना का जल बैकफ्लो होने से सेक्टर-168 में बना हेड रेग्युलेटर फेल हो गया। एक्सप्रेसवे के किनारे बने नालों में यमुना का जल पहुंच गया। इससे सेक्टर-142 स्थित एडवंट के नवनिर्मित नाले फट गए।

    इससे सेक्टर-137 तक की तमाम सोसायटियों की सड़कों पर जलभराव हो गया। प्राधिकरण ने वैकल्पिक व्यवस्था से यमुना के जल को शहर में घुसने से रोका। बोरियां डालकर बांध बनाया गया, लेकिन तब तक सेक्टर-150 स्थित मोमनाथल गांव के पास हरनंदी में यमुना का जल बैकफ्लो मार गया।

    इससे सेक्टर-145 से सेक्टर-148 और सेक्टर-150 की सडकों व कालोनी व गांव में जलभराव हो गया। इसको प्राधिकरण ने खतरे की घंटी माना है, क्योंकि नोएडा में 40 वर्ष बाद पुश्ता तक यमुना का जल पहुंच गया। इसने प्राधिकरण माथे पर चिंता की लकीरें ला दी थी।

    इसलिए इस दिशा में काम किया गया। इसलिए यहां पर बने नालों के हरनंदी में डालने के लिए हेड रेग्युलेटर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया गया। सेक्टर-150 से 164 तक सेक्टर व सोसायटी व गांव में कोई भी बरसाती नाला हरनंदी में नहीं डाला गया है।

    ऐसे में बरसाती नाला को हरनंदी से जुड़ने के साथ-साथ सीवर का शोधित जल भी हरनंदी में डाला जाएगा। इसके लिए आसपास के सेक्टर-सोसायटी का सीवरेज जल को शोधित करने के लिए सफीपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाया जाएगा। यह प्लांट कितनी क्षमता को होगा, इसका आकलन किया जा रहा है।

    हरनंदी पर हेड रेग्युलेटर तैयार कराया जाएगा। सिंचाई विभाग ने एस्टीमेट तैयार कर प्राधिकरण के पास भेज दिया है, जल्द अनुबंध कर काम शुरू करवाया जाएगा।

    -अशोक कुमार अरोड़ा, महाप्रबंधक (सिविल), नोएडा प्राधिकरण