ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों का गंगाजल के लिए इंतजार कब होगा खत्म? बोरवेल और टैंकर के पानी पर निर्भर हैं निवासी
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासी ढाई साल से गंगाजल आपूर्ति का इंतजार कर रहे हैं। 2022 में ग्रेनो ईस्ट में आपूर्ति शुरू हुई लेकिन वेस्ट में वादा अधूरा है। लोग बोरवेल और टैंकर पर निर्भर हैं। 2005 में शुरू हुई गंगाजल परियोजना का उद्देश्य भूजल संरक्षण था लेकिन लागत बढ़ने के बाद भी ग्रेनो वेस्ट तक पानी नहीं पहुंचा। प्राधिकरण का वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है।

आशीष चौरसिया, ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासी करीब ढाई साल बाद भी गंगाजल आपूर्ति का इंतजार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवंबर 2022 में ग्रेटर नोएडा ईस्ट में गंगाजल आपूर्ति शुरू की थी, उस दौरान ग्रेनो प्राधिकरण के अधिकारियों ने मार्च 2023 में ग्रेनो वेस्ट में गंगाजल पहुंचाने का वादा किया था, जो अब तक सिर्फ वादा ही बनकर रह गया है। इसके चलते ग्रेनो वेस्ट के निवासी बोरवेल और टैंकर के पानी के सहारे जीवन यापन करने को मजबूर हैं।
जब प्राधिकरण ने 1991 के आसपास ग्रेटर नोएडा को बसाने का काम शुरू किया था, तब पूरा शहर भूजल पर निर्भर था। भूजल को दोहन से बचाने के लिए ग्रेनो प्राधिकरण ने शहर में गंगाजल आपूर्ति के लिए वर्ष 2005 में गंगाजल परियोजना शुरू की थी। गंगनहर में देहरा के पास से ग्रेटर नोएडा तक पानी लाने के लिए 23 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू किया गया था।
उस समय प्राधिकरण ने इस योजना की लागत 350 करोड़ रुपये आंकी थी। 17 साल के इंतज़ार के बाद, जब नवंबर 2022 में ग्रेनो ईस्ट में गंगाजल की आपूर्ति शुरू हुई, तो परियोजना की लागत 800 करोड़ रुपये तक पहुँच गई, लेकिन ग्रेनो वेस्ट तक पानी तब भी नहीं पहुँच सका।
प्राधिकरण अधिकारियों ने मार्च 2023 में ग्रेनो वेस्ट तक गंगाजल पहुँचाने का वादा किया था। हाल ही में, ग्रेटर नोएडा वेस्ट में पानी की भारी किल्लत हो गई थी। इस वजह से ग्रेनो वेस्ट के निवासी बोरवेल और टैंकर के पानी के सहारे जीने को मजबूर हैं।
ग्रेनो वेस्ट तक नहीं पहुंचा गंगाजल
ग्रेनो वेस्ट में गंगाजल की आपूर्ति सुचारू रूप से नहीं हो पा रही है। ग्रेनो ईस्ट के जिन सेक्टरों में हो भी रही है, वहाँ आए दिन पाइपलाइन लीकेज और यूजीआर में खराबी की समस्या बनी रहती है। इस वजह से सेक्टरों में कई-कई दिनों तक पानी की आपूर्ति नहीं हो पाती। इस वजह से लोगों को टैंकरों या बाहर से पानी खरीदकर इस्तेमाल करना पड़ता है। 85 क्यूसेक में से 50 एमएलडी गंगाजल की आपूर्ति हो रही है।
ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में गंगाजल आपूर्ति के लिए 25 भूमिगत जलाशय बनाए गए हैं। शहर को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 85 क्यूसेक क्षमता की गंगाजल परियोजना का निर्माण किया गया है। पहले चरण में 50 एमएलडी गंगाजल की आपूर्ति की जा रही है। ग्रेनो वेस्ट की सोसायटियों और सेक्टरों में भूजल दोहन के कारण जलस्तर लगातार गिर रहा है, जो भविष्य के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
हमें बोरवेल के पानी पर निर्भर रहना पड़ रहा है। ग्रेनो प्राधिकरण के संबंधित विभाग के अधिकारियों से कई बार गंगाजल आपूर्ति की मांग की जा चुकी है।
- सिद्धार्थ शुक्ला, ग्रेनो पश्चिम
ग्रेनो प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत करने पर हमें केवल आश्वासन ही मिलता है। समस्या का जल्द समाधान किया जाना चाहिए।
- संजीव पुंडीर, ग्रेनो पश्चिम
गंगाजल की आपूर्ति न होने के कारण लोग टैंकरों और बोरवेल के पानी पर निर्भर हैं। टैंकर से पानी लेने से जेब खर्च बढ़ रहा है।
- प्रशांत मिश्रा, ग्रेनो वेस्ट
गंगाजल की आपूर्ति न होने से सोसायटियों में भूमिगत जल का दोहन हो रहा है। आने वाले समय में यह एक बड़ी समस्या होगी।
- आशीष दुबे, ग्रेनो वेस्ट
यूजीआर मोटर खराब होने से आए दिन जलापूर्ति बाधित होती है। कई बार ग्रेनो प्राधिकरण के जलकल विभाग से समस्या के समाधान की मांग की जा चुकी है।
- धर्मेंद्र राठी, आरडब्ल्यूए अध्यक्ष सेक्टर एमयू-2
गंगाजल ग्रेनो प्राधिकरण का ड्रीम प्रोजेक्ट था, लेकिन आज तक इसका संचालन ठीक से नहीं हो पाया है। आए दिन लाइन में लीकेज होती है। सप्लाई में गंदा पानी आता है।
- हरेंद्र भाटी, आरडब्ल्यूए महासचिव सेक्टर बीटा वन
अक्टूबर के अंत तक ग्रेनो वेस्ट में गंगाजल की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। लाइन बिछाने का लगभग 35 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
- ए.के. सिंह, परियोजना महाप्रबंधक, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण
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