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    नोएडा में साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़, कम उम्र में अमीर बनने की थी चाहत; पर जेल पहुंच गए BA-B.Com पास छात्र

    Updated: Thu, 07 Aug 2025 11:55 AM (IST)

    सूरजपुर पुलिस ने साइबर ठगों को बैंक खाते देने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पांच आरोपी गिरफ्तार जिनकी उम्र 19-25 साल है। वे जल्दी अमीर बनना चाहते थे। गिरोह का सरगना बीकॉम पास है। पुलिस ने मोबाइल सिम डेबिट कार्ड बरामद किए। ये फर्जी एप से ठगी करते थे और कमीशन लेते थे। पुलिस अन्य खाताधारकों की तलाश कर रही है।

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    साइबर ठगी के आरोपितों के बारे में जानकारी देते डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी। सौ. पुलिस

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। साइबर ठगों को बैंक खाता, डेबिट कार्ड, प्री एक्टिवेटड सिम आदि मुहैया कराने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सूरजपुर कोतवाली पुलिस ने पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

    गिरोह में शामिल सदस्यों की उम्र 19 से 25 वर्ष तक के बीच है। जिन्होंने जल्द अमीर बनने की चाहत में शॉर्टकट का रास्ता अपनाया। छोटी उम्र में अमीर बनने की चाहत में लिया शॉर्टकट उन्हें सलाखों के पीछे ले गया।

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    कितना पढ़े-लिखे हैं सभी आरोपी?

    पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरोह का सरगना 25 वर्षीय चनप्रीत सिंह बीकॉम पास है। जबकि गिरोह में शामिल सदस्य 22 वर्षीय रणवीर बीबीए, 19 वर्षीय जगमोहन धाकड़ बारहवीं व नवीन बीए प्रथम वर्ष का छात्र है। जबकि 21 वर्षीय आदित्य शर्मा 10 तक की पढ़ाई किए हुए हैं।

    पुलिस का दावा है कि पकड़ा गया गिरोह पिछले कई महीनों से सक्रिय था। पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से पांच मोबाइल फोन, आठ सिम कार्ड, सात डेबिट कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड व चैक बुक बरामद की है।

    गिरोह सरगना चनप्रीत सिंह मध्यप्रदेश भोपाल के लाट खेड़ी रूची लाइफ स्कैप्स में रहता है। जबकि रणवीर सिंह भोपाल के इंडस टाउन रोपल विलास मिसरोध, जगमोहन विदिशा थाना शमसाबाद हिमली नवीन शमसाबाद व आदित्य दिल्ली रोहिणी गांव नाहरपुर का रहने वाला है।

    डीसीपी सेंट्रल शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि आरोपित एक संगठित अपराधी गिरोह से जुड़े हैं। जो भारतीय नागरिकों को फर्जी गेमिंग, ट्रेडिंग एप्स के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट करके उनके साथ धोखाधड़ी कर उनके रुपये की ठगी करके बैंक खातों में ट्रांसफर करा लेते है। जिसे बाद में कई अन्य खातों में या क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से ट्रांसफर कर आपस में बाट लिया जाता है।

    खाताधारक को कमीशन देने का देते थे लालच 

    गिरोह में शामिल सदस्य साइबर ठगों को खाता मुहैया कराने के लिए एवज में दो प्रतिशत कमीशन व 15 हजार रुपये प्रति बैंक खाता फिक्स लेते थे। जिसमें से एक प्रतिशत कमीशन बैंक खाता धारक को दे दिया जाता था।

    बैंक खाते के साथ बैंक खाते में पंजीकृत सिम भी साइबर ठगों को मुहैया कराई जाती थी। साइबर ठग खाते का प्रयोग एक बार ही करते थे। आरोपितों के पास से 40 खातों की जानकारी मिली है जिनमें करोड़ों रुपये की साइबर ठगी की धनराशि पहुंची है। पुलिस उन खाताधारकों की भी तलाश कर रही है।

    पहले भी साइबर ठगों को उपलब्ध करा चुके हैं बैंक खाते

    आरोपित बुलंदशहर में बैठे अपने गिरोह में शामिल सदस्य को बैंक खाता मुहैया कराने के लिए ग्रेटर नोएडा आए थे। बुलंदशहर में बैठा सदस्य साइबर ठगों को बैंक खाते पहुंचाता।

    बैंक खाता समेत अन्य दस्तावेजों की डिलीवरी घंटा चौक पर होनी थी, लेकिन इससे पहले ही संदिग्ध खड़े युवकों पर पुलिस की नजर पड़ गई।

    पुलिस बुलंदशहर में बैठे गिरोह सदस्य की गिरफ्तारी को दबिश दे रही है। पुलिस जांच में सामने आया है कि पकड़े गए आरोपित इससे पहले भी एक बार साइबर ठगों को बैंक खाता उपलब्ध कराने ग्रेटर नोएडा आ चुके हैं।