फर्जीवाड़ा कर दोस्त को परीक्षा पास कराने का था प्लान, हस्ताक्षर एक जैसे होने पर पकड़े गए; दोनों गिरफ्तार
नोएडा के सेक्टर 62 में डीएसएसएसबी की परीक्षा में एक दोस्त को पास कराने के लिए दूसरे दोस्त ने फर्जीवाड़ा किया। दोनों ने एक ही नाम और पते से आवेदन किया था लेकिन परीक्षा केंद्र पर कक्ष निरीक्षकों ने उन्हें पकड़ लिया। केंद्र प्रभारी ने सेक्टर 58 थाने में मुकदमा दर्ज कराया जिसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।

जागरण संवाददाता, नोएडा। सामान्य अध्ययन विषय में कमजाेर दोस्त को दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) की लाइब्रेरियन की परीक्षा पास कराने के लिए मेधावी दोस्त को फर्जी आवेदन करना भारी पड़ गया। दोनों ने परीक्षार्थी, पिता का नाम और पता एक ही भर दिया।
इससे दोनों का राेल नंबर आगे-पीछे पड़ गया, लेकिन दोनों साेमवार को नोएडा सेक्टर 62 स्थित ऑनलाइन परीक्षा केंद्र आईओएन डिजिटल जोन पर पहुंचे तो कक्ष निरीक्षक ने परीक्षा शुरू होते ही दोनों का फर्जीवाडा पकड़ लिया। केंद्र प्रभारी गुरुदत्त ने दोनों आरोपियों के खिलाफ सेक्टर-58 थाने में मुकदमा दर्ज कराकर गिरफ्तार कराया।
बागपत की बड़ौत तहसील क्षेत्र के लोहारी गांव का नितिन कुमार और उसका दोस्त राहुल दोनों प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते हैं। राहुल की सामान्य अध्ययन विषय पर मजबूत पकड़ है, लेकिन नितिन सामान्य अध्ययन में अच्छे अंक नहीं मिलते हैं। अन्य विषय में अच्छे अंक पाने के बाद फेल हो जाता है।
पिछले साल दिल्ली में लाइब्रेरियन की पोस्ट निलकने पर राहुल ने नितिन की मदद करने की योजना बनाई थी। दोनों ने नितिन कुमार पुत्र राकेश और नितिन पुत्र राकेश सिंह एक निवास पर ही आवेदन कर दिया था। दोनों ने हस्ताक्षर भी एक ही किए, लेकिन फोटो अलग-अलग थे।
दोनों सोमवार को तृतीय पाली में आईओएन डिजिटल जोन एक में परीक्षा देने पहुंचे। परीक्षा के दौरान पर्यवेक्षक विजय कुमार रावत और वरिष्ठ सहायक निरीक्षक नितिन यादव ने दोनों परीक्षार्थी के हस्ताक्षर एक जैसे होने पर शक हुआ। पिता व गांव के नाम भी एक जैसे मिलने पर संदिग्धता जताई।
इसकी सूचना केंद्र प्रभारी गुरुदत्त को दी। सख्ती से पूछताछ की तो दोनों टूट गए। नितिन का असली नाम राहुल कुमार निकला। उसने दोस्त नितिन कुमार को परीक्षा पास कराने की योजना बनाना बताया था।
एसीपी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि केंद्र प्रभारी की शिकायत पर दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इस फर्जीवाड़े में शामिल अन्य लोगों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।
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