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    नोएडा में फूड डिपार्टमेंट के निशाने पर 28 हजार प्रतिष्ठान, गुणवत्ता को लेकर त्योहार पर दिखेगी सख्ती

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 09:19 AM (IST)

    त्योहारी सीजन के मद्देनज़र नोएडा में खाद्य सुरक्षा विभाग सख्त हो गया है। मिलावट के मामलों को देखते हुए विभाग ने 28 हजार पंजीकृत खाद्य प्रतिष्ठानों और 7 हजार लाइसेंस धारकों पर निगरानी बढ़ा दी है। हाल ही में 25 फर्मों पर 58.15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। विभाग ने लाइसेंस और पंजीकरण प्रदर्शित करने के निर्देश दिए हैं।

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    खाद्य पदार्थों के नमूने संग्रहित करते जिला खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम।

    रंजीत मिश्रा, ग्रेटर नोएडा। प्रयोगशाला जांच में लगातार फेल होते खाद्य पदार्थों के नमूनों खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की नींद उड़ा दी है। इसके कारण आगामी त्योहारी सीजन में जिले के करीब 28 हजार से अधिक पंजीकृत खाद्य प्रतिष्ठान और सात हजार से अधिक लाइसेंस धारक आगामी त्योहारी सीजन में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के निशाने पर होंगे।

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    कहीं कोई गड़बड़ी मिली तो मामला दर्ज कराने के साथ भारी भरकम जुर्माना भी लगाया जाएगा। जिला खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने कहा है कि सभी खाद्य प्रतिष्ठानों को अपने पंजीकरण व लाइसेंस को डिस्पले करना होगा। साथ ही लोगों से भी अपील की है कि पंजीकृत और लाइसेंस धारक दुकान से ही खानपान की चीजों की खरीदारी करें।

    25 फर्मों पर कोर्ट ने लगा 58.15 लाख का जुर्माना 

    आठ सितंबर 2025 को एडीएम प्रशासन की कोर्ट ने खाद्य पदार्थों में मिलावट मिलने पर जिले के 25 फर्मों पर 58.15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इनके फर्मों से लिए गए पनीर, दूध, गुलाब जामुन, नमकीन, मस्टर्ड आयल समेत अन्य पदार्थों के नमूने प्रयोगशाला जांच में फेल हो गए थे। अधिकांश नमूने जिले के विभिन्न छात्रावास, रिटेल मार्ट समेत विभिन्न प्रतिष्ठानों से लिए गए थे।

    पंजीकृत व लाइसेंस धारक भी गुणवत्ता को कर रहे दरकिनार 

    जिले में इस समय में करीब 28702 ऐसे पंजीकृत खाद्य प्रतिष्ठान हैं, जिन्होंने भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण से खुद को पंजीकृत करा रखा है। इसके अलावा 7396 लाइसेंस धारक हैं, जिनमें 858 सेंट्रल और 6538 स्टेट के लाइसेंस धारक हैं। बावजूद इसके लोगों की थाली में गुणवत्तापूर्ण आहार परोसने में कोताही सामने आ रही हैं।

    सेंट्रल, स्टेट लाइसेंस और पंजीकरण में अंतर 

    सेंट्रल लाइसेंस ऐसे प्रतिष्ठानों को जारी किया जाता है जिनका टर्नओवर 20 करोड़ से अधिक है। वहीं स्टेट लाइसेंस ऐसे प्रतिष्ठानों को जारी किया जाता है जिनका टर्नओवर 20 करोड़ तक है।

    दोनों श्रेणी के प्रतिष्ठानों में लाइसेंस न होने पर 10 लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है। वहीं पंजीकरण ऐसे कारोबारी या प्रतिष्ठानों के लिए जरूरी है जिनका टर्नओवर 12 लाख रुपये तक का है। पंजीकरण न मिलने पर दो लाख रुपये तक अधिकतम जुर्माना लगेगा।

    लाइसेंस व पंजीकरण न मिलने पर यहां हुई कार्रवाई

    • दनकौर में अमित आइस कैंडी बिना पंजीकरण हो रहा था संचालित, डेढ़ लाख का जुर्माना।
    • जीबीयू में बिना पंजीकरण के संचालित मेस पर दो लाख रुपये का जुर्माना।
    • तुगलपुर में बिना पंजीकरण संचालित पेप्सी एजेंसी पर 1.80 लाख रुपये का जुर्माना।
    • नोएडा फेज दो में बिना पंजीकरण मीट शाप संचालित करने पर डेढ़ लाख का जुर्माना।
    •  कुलेसरा में बिना पंजीकरण संचालित जनरल स्टोर पर डेढ़ लाख का जुर्माना।
    • नोएडा सेक्टर 104 में बिना पंजीकरण संचालित जनरल स्टोर पर एक लाख रुपये का जुर्माना।

    प्रयोगशाला जांच में लगातार फेल होते खाद्य पदार्थों के नमूने चिंता की बात हैं। त्योहारी सीजन शुरू हो रहा है। विभाग सख्ती से जांच अभियान चलाकर लाइसेंस व पंजीकरण की जांच करेगा। नमूनों की जांच के लिए भी विशेष अभियान चलाया जाएगा।

    - सर्वेश मिश्रा, सहायक आयुक्त द्वितीय, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग