ग्रेटर नोएडा में बिजली दरों में वृद्धि के प्रस्ताव का विरोध, एक परिसर में एक से अधिक बिजली कनेक्शन की मांग
ग्रेटर नोएडा में बिजली दरों में वृद्धि के प्रस्ताव पर विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई हुई जिसमें उपभोक्ताओं ने एनपीसीएल के दस प्रतिशत छूट समाप्त करने के प्रस्ताव का विरोध किया। मल्टी प्वाइंट कनेक्शन का मुद्दा भी उठा और उद्यमियों ने एक ही परिसर में एक से अधिक कनेक्शन की मांग की। किसानों ने डूब क्षेत्र में बिजली कनेक्शन पर रोक का विरोध किया।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। बिजली दरों में वृद्धि के प्रस्ताव पर जनसुनवाई करने पहुंचे विद्युत नियामक आयोग के सामने उपभोक्ताओं ने इसका विरोध किया। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में हुई जनसुनवाई में बिजली उपभोक्ताओं ने एनपीसीएल के प्रस्ताव का भी विरोध करते हुए नियामक आयोग के आदेश पर मिलने वाली दस प्रतिशत छूट को जारी रखने की मांग की। कंपनी ने दस प्रतिशत छूट काे समाप्त करने या कम करने का प्रस्ताव दिया है।
बैठक में एक बार फिर से मल्टी प्वाइंट कनेक्शन का मुद्दा उठा। कुछ लोगों ने एनपीसीएल की प्रशंसा करते हुए इसे यूपीपीसीएल से बेहतर बताया। उपभोक्ताओं ने ग्रामीण क्षेत्र में बिजली संबंधित समस्याओं के समाधान के समय को भी कम करने की मांग की।
प्रदेश में बिजली प्रदाता कंपनियों ने अपने घाटे की भरपाई के लिए दर वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। ग्रेटर नोएडा में बिजली वितरण कर रही कंपनी एनपीसीएल ने विद्युत नियामक आयोग के आदेश पर उपभोक्ताओं को मिलने वाली दस प्रतिशत छूट को समाप्त करने का प्रस्ताव दिया है। चेयरमैन अरविंद कुमार के नेतृत्व में विद्युत नियामक आयोग के सदस्यों ने बुधवार को इन प्रस्ताव पर ग्रेटर नोएडा के गौतमबुद्ध नगर में जनसुनवाई की।
उपभोक्ताओं ने नियामक आयोग के सामने बिजली दरों में वृद्धि का पुरजोर विरोध किया। कहा कि प्रदेश में पहले ही बिजली दरें अधिक हैं। बिजली चोरी रोकने में अपनी नाकामी छिपाने के लिए कंपनियां घाटा दिखाकर दरों में वृद्धि करना चाहती हैं।
दरों में वृद्धि से किसान से लेकर घरेलू व उद्योग सभी उपभोक्ताओं पर विपरीत असर होगा। महंगी बिजली के कारण प्रदेश में उद्योग दूसरे राज्यों से प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जाएंगे। उद्योगों का पलायन बढ़ेगा। घरेलू बिजली दर बढ़ने से उपभोक्ताओं का खर्च बढ़ रहा है।
महंगाई के साथ बिजली की बढ़ी दर से उनके लिए घर खर्च चलाना और मुश्किल हो जाएगा। ग्रेटर नोएडा के उपभोक्ताओं ने एनपीसीएल के प्रस्ताव का विरोध करते हुए दस प्रतिशत छूट को जारी रखने की वकालत की। उपभोक्ताओं ने कहा कि इस छूट को समाप्त करने के बजाए दस प्रतिशत से और अधिक की जानी चाहिए।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों ने सोसायटी में मल्टी प्वाइंट कनेक्शन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आयोग के आदेश के बावजूद कई सोसायटी में मल्टी प्वाइंट कनेक्शन में नहीं बदला गया है। एनपीसीएल बिल्डर व एओए से ही बातचीत करती है। जो कंपनी को गुमराह करते हैं। सोसायटी में मल्टी प्वाइंट कनेक्शन नहीं होने देना चाहते हैं। आयोग से मांग की कि सोसायटी में रहने वालों से भी कंपनी को राय लेनी चाहिए।
वहीं उद्यमियों ने एक ही परिसर में एक से अधिक कनेक्शन की मांग की। उद्यमियों ने कहा कि एक परिसर में अलग-अलग तल पर चलने वाले उद्योग को एनपीसीएल अलग-अलग कनेक्शन जारी नहीं करती है।
जब अलग-अलग जीएसटी जारी हो सकता है तो बिजली कनेक्शन भी अलग-अलग देने का प्रविधान होना चाहिए। एक कनेक्शन से बिजली लेने में कई परेशानी हो रही हैं। किसानों ने डूब क्षेत्र में बिजली कनेक्शन पर रोक का मुद्दा उठाते हुए कहा कि उन्हें खेती की सिंचाई के लिए भी कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है।
डूब क्षेत्र में बसी कॉलाेनी के निवासियों ने कहा कि कुछ लोगों के पास पहले से कनेक्शन हैं दूसरे लोगों को कनेक्शन देने से इंकार कर सौतेला रवैया अपनाया जा रहा है। उन्होंने कनेक्शन देने में समानता की मांग की। जनसुनवाई में आरडब्ल्यूए, एओए, उद्यमी संगठन, सामाजिक संगठन समेत विभिन्न श्रेणी से संबंधित उपभोक्ता मौजूद रहे।

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