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Noida News: चाइल्ड पीजीआई की लिफ्ट में 45 मिनट फंसा रहा बच्चा, स्वजन ने प्रबंधन से शिकायत कर की जांच की मांग

नोएडा के सेक्टर-30 स्थित बाल चिकित्सा एवं स्नातकोत्तर शैक्षणिक संस्थान (चाइल्ड पीजीआई) के आवासीय परिसर की लिफ्ट रुकने के कारण एक बच्चा करीब 45 मिनट लिफ्ट में फंसा रहा। स्वजनों ने शिकायत कर जांच की मांग की है।

By MOHD BilalEdited By: Shyamji TiwariPublished: Wed, 01 Feb 2023 06:58 PM (IST)Updated: Wed, 01 Feb 2023 06:58 PM (IST)
चाइल्ड पीजीआई की लिफ्ट में 45 मिनट फंसा रहा बच्चा

नोएडा, जागरण संवाददाता। सेक्टर-30 स्थित बाल चिकित्सा एवं स्नातकोत्तर शैक्षणिक संस्थान (चाइल्ड पीजीआई) के आवासीय परिसर की लिफ्ट रुकने के कारण एक बच्चा करीब 45 मिनट लिफ्ट में फंसा रहा। जब लिफ्ट खुली तो बच्चा बदहवास हालत में मिला। स्वजन ने निदेशक को पत्र लिखकर मामले में जांच की मांग की है।

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ललित शर्मा चाइल्ड पीजीआई में चालक है। वह परिवार के साथ टावर नंबर सात के आठवें तल पर रहते हैं। उन्होंने प्रबंधन को दी शिकायत में बताया कि मंगलवार को 10 वर्षीय पुत्र ट्यूशन जाने के लिए दोपहर 2:50 बजे लिफ्ट नीचे आ रहा था। लिफ्ट अचानक खराब होने के कारण छठवें तल पर बंद हो गई।

मौके पर नहीं था कोई लिफ्टमैन

लिफ्ट बंद होने पर बच्चे ने लिफ्ट का अलार्म बजाया, लेकिन कोई लिफ्टमैन या रखरखाव के लिए जिम्मेदार व्यक्ति वहां मौजूद था। कुछ देर बाद भी लिफ्ट की लाइट बंद हो गई तो बच्चा रोने और चलाने लगा। बच्चे की आवाज सुनकर स्वास्थ्यकर्मी और सुरक्षागार्ड एकत्रित हो गए।

सभी ने आवासीय परिसर में लिफ्टमैन को ढूंढा, लेकिन वहां किसी भी लिफ्टमैन नहीं मिला। इसके बाद सुरक्षागार्ड रखरखाव आफिस में गए। वहां मौजूद स्टाफ को बुलाया गया, लेकिन तकनीकी रूप से दक्ष नहीं होने के कारण वह भी बच्चे को निकाल नहीं पाया। इसके बाद डायल-112 पर पुलिस को सूचना दी गई, लेकिन जबतक पुलिस के आने से पहले ही लिफ्ट माइनस-2 के बेसमेंट में जाकर खुल गई।

करीब 45 मिनट लिफ्ट में बंद रहने के बच्चा घबराकर बाहर निकला और चक्कर खाकर गिर गया। घटना से डरा सहमा बच्चा पूरी रात सौ नहीं पाया। डर के कारण रात भर रोया। उसे बुखार भी चढ़ गया। यहां रहने वाले स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि आवासीय परिसर में आए दिन लिफ्ट खराब रहती है।

शिकायत के बावजूद नहीं लिया संज्ञान

लिफ्ट खराब होने के संबंध में पूर्व में कई बार शिकायत की जा चुकी है। बावजूद प्रबंधन ने कोई सख्त कदम नहीं उठायाा। जबकि लिफ्ट मरम्मत के नाम पर लगातार सरकारी धन का भुगतान हो रहा है। स्वास्थ्यकर्मियों को शिकायत पत्र की प्रतिलिपि उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को भेजकर मामले की जांच मांग की है।

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लिफ्ट वाली जगह पर लिए जा रहे नमूने

प्रबंधन ने भूतल पर ओपीडी एरिया के पास लिफ्ट लेने वाली जगह पर नमूने लेने व प्रथम तल पर टीकाकरण कक्ष बना दिया है। ऐसे में लाखों रुपये की लागत से लगी तीन लिफ्ट पर पर्दा डाला है। भूतल से चौथे तल पर जाने के लिए एक साइड की लिफ्ट का उपयोग हो पा रहा है। ऊपरी तल पर जाने के लिए लोगों परेशानी होती है।

ब्रिगेडियर. डा. राकेश गुप्ता, प्रभारी निदेशक, चाइल्ड पीजीआई ने कहा कि संज्ञान लेकर लिफ्ट की मरम्मत कराई जा रही है। ओपीडी की एक साइड की तीनों लिफ्ट के मेंटेनेंस पर प्रतिवर्ष 15 लाख रुपये का खर्च आता है। इस कारण एक तरफ की लिफ्ट बंद की गई है।

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