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    Noida Crime: मूलचंद शर्मा हत्याकांड मामले में दो भाइयों को 10-10 साल की सजा, अदालत ने अर्थदंड भी लगाया

    Updated: Tue, 01 Jul 2025 09:19 AM (IST)

    ग्रेटर नोएडा की अदालत ने मूलचंद शर्मा की हत्या के मामले में दो भाइयों नीरज और हेमंत शर्मा को दोषी ठहराया है। उन्हें 10-10 साल की कैद और जुर्माना लगाया गया है। 2014 में हुए इस पारिवारिक विवाद में मूलचंद ने बीच-बचाव करने की कोशिश की थी जिसके दौरान उन पर जानलेवा हमला हुआ और अस्पताल में उनकी मौत हो गई।

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    हत्या के मामले में दो भाइयों को 10-10 साल की सजा सुनाई गई।

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। जिला न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार मिश्रा की अदालत ने हत्याकांड के मामले में दो भाइयों को दोषी करार दिया है। पारिवारिक विवाद में मूलचंद शर्मा की हत्या के मामले में नीरज शर्मा और हेमंत उर्फ भोला शर्मा को 10-10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है।

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    साथ ही 16-16 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड जमा न करने पर 67-67 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। एडीजीसी क्राइम नितिन त्यागी ने बताया कि यह घटना 21 जून 2014 की रात लगभग आठ बजे जारचा कोतवाली के ऊंचा अमीरपुर गांव में घटित हुई थी।

    वादी ज्ञानचंद्र शर्मा की तहरीर के अनुसार उनके पड़ोसी नीरज शर्मा, हेमंत उर्फ भोला और केशव ने पहले उनके बड़े भाई दयानंद से गाली-गलौज करते हुए मारपीट शुरू की थी। जब ज्ञानचंद्र के चचेरे भाई मूलचंद शर्मा ने बीच-बचाव करने की कोशिश की तो जानलेवा हमला कर दिया।

    अदालती दस्तावेजों के अनुसार आरोपितों ने मूलचंद शर्मा के सिर पर इतनी बेरहमी से हमला किया कि वह मौके पर ही बेहोश हो गया। खून से लतपथ हालत में उन्हें तुरंत दादरी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें कैलाश अस्पताल रेफर किया गया था। बाद में उन्हें सफदरजंग अस्पताल दिल्ली भेजा गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।

    पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि मूलचंद के सिर में कई फ्रैक्चर थे, जो सीधे तौर पर उनकी मृत्यु का कारण बने। घटना के अगले दिन 22 जून 2014 को थाना जारचा में मामला दर्ज किया गया था। आरोपित के वकील दलील दी कि उनके मुवक्किलों को झूठे मामले में फंसाया गया है।

    यह विवाद ज्ञानचंद्र और अजय द्वारा अभियुक्तों के पिता के खेत में रास्ता बनाने के मुद्दे को लेकर था। बचाव पक्ष ने आरोप लगाया कि दबाव बनाने के लिए झूठा मामला दर्ज कराया गया है। वहीं न्यायाधीश राजेश कुमार मिश्रा ने सभी साक्ष्यों का गहन अध्ययन करने के बाद दोनों को दोषी करार देते हुए अपना फैसला सुनाया।

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