खाते में आए 1 अरब से ज्यादा का क्या है सच? 37 डिजिट में रकम देखकर चौंक गया था बेरोजगार दिलीप
नोएडा के युवक के खाते में नावी एप पर एक अरब से ज्यादा की राशि दिखाई दी जबकि बैंक का कहना है कि खाते में कोई लेनदेन नहीं हुआ और जीरो बैलेंस के कारण खाता पहले से ही फ्रीज था। आइए जानते हैं कि खाते में इतनी बड़ी रकम आने का पूरा मामला क्या है...

संवाद सहयोगी, ग्रेटर नोएडा। दनकौर कोतवाली क्षेत्र के ऊंची दनकौर निवासी दिलीप उर्फ दीपू के बैंक खाते में बैलेंस जीरो है। बैंक प्रबंधन का दावा है कि जीरो बैलेंस के कारण सात दिन पहले ही उसका खाता फ्रीज कर दिया गया था।
युवक का खाता मोबाइल एप नावी से लिंक है। नावी एप पर ही बैलेंस चेक करने पर दिलीप को 37 डिजिट की रकम दिखी थी। इसलिए बैंक में रुपये निकालने पहुंचा था। पुलिस जांच में टेक्निकल ग्लिच से नावी एप पर ही रकम दिखने की बात सामने आई।
दिलीप के मोबाइल फोन पर डाउनलोड इसी नावी एप बैंक खाते में दिखी थी 37 डिजिट में रकम।
बैंक खाते के स्टेटमेंट में कोई लेनदेन नहीं मिला है। पुलिस जांच में पता चला कि दिलीप ने करीब दो माह पहले अल्फा वन स्थित कामर्शियल बेल्ट में संचालित कोटक महिंद्रा बैंक में बचत खाता खुलवाया था। मोबाइल फोन पर नावी एप डाउनलोड किया था।
खाते में कितना बैलेंस दिखा?
इस एप में यूपीआई और लोन दिलाने, रकम निवेश करने पर अधिक मुनाफा मिलने समेत कई सेवाएं दिखती हैं। उसने खाता एप से लिंक कर रखा था।
सोमवार को एप का उपयोग करते समय बचत खाते में एक अरब 13 लाख 56 हजार करोड़ रुपये (37 अंकों की राशि) बैलेंस दिखा। कुछ सामान खरीद कर ऑनलाइन भुगतान नहीं होने पर बैंक में शिकायत दर्ज कराने पहुंचा तब मामला सामने आया था।
इतनी बड़ी रकम खाते में आने चलते पुलिस, बैंक के अधिकारी भी जांच में लगे थे। साइबर सेल प्रभारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि बैंक से युवक के खाते की स्टेटमेंट निकलवाई गई है। खाते में न ही कोई रकम मिली और न ही लेनदेन दर्शाया गया है।
जिस एप को युवक प्रयोग कर रहा था, उसमें टेक्निकल ग्लिच के कारण रकम दर्शायी गयी है। इतनी बड़ी धनराशि केवल नोडल एकाउंट में ही पहुंच पाना सम्भव है। बचत और चालू खाता में इतनी बड़ी रकम पहुंच पहुंचना असंभव है। बताया जा रहा है कि नावी एप प्ले स्टोर पर वेरीफाइड नहीं है।
जानिए क्या है टेक्निकल ग्लिच?
टेक्निकल ग्लिच एक ऐसी तकनीकी समस्या या त्रुटि को कहते हैं जो किसी साफ्टवेयर, हार्डवेयर या सिस्टम में अचानक उत्पन्न हो जाती है। इससे सामान्य कार्य प्रभावित होता है।
यह गलती आमतौर पर अप्रत्याशित होती है और सिस्टम के गलत व्यवहार, क्रैश या अनपेक्षित परिणामों का कारण बन सकती है। साफ्टवेयर में बग ( एक तरह का वायरस ) होने के कारण भी कोई एप अनापेक्षित परिणाम दर्शाता है।
जानिए नावी एप में कौन-कौन सी सेवाएं देने का है दावा
नावी अल-इन-वन फाइनेंशियल एप है। इसे नवी टेक्नोलाजीज लिमिटेड ने विकसित किया है। यह एक डिजिटल प्लेटफार्म है।
यूपीआई पेमेंट, पर्सनल लोन, होम लोन, हेल्थ इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड में निवेश और डिजिटल गोल्ड जैसी विभिन्न वित्तीय सेवाएं प्रदान करने का दावा करता है। एप में रेफरल प्रोग्राम व अन्य तरीकों से रुपये कमाने का भी झांसा दिया जाता है। इसी झांसे के चलते लोग इसका प्रयोग कर रहे हैं।
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