ग्रेटर नोएडा के लखनावली में गाजीपुर जैसा कूड़े का पहाड़, रोजाना निस्तारित होने से ज्यादा डल रहा कूड़ा
ग्रेटर नोएडा के लखनावली डंपिंग साइट पर कचरे का पहाड़ बढ़ता जा रहा है जो गाजीपुर जैसा रूप लेता दिख रहा है। यहां हर दिन 700 टन कचरा डाला जा रहा है जबकि केवल 450 टन ही निस्तारित हो रहा है। पिछले चार सालों से प्राधिकरण कचरा निस्तारण का वादा कर रहा है पर स्थिति जस की तस है।

अर्पित त्रिपाठी, ग्रेटर नोएडा। लखनावली गांव में पड़ा लाखों टन लिगेसी कूड़ा (विरासत कूड़ा) ने पहाड़ का रूप ले लिया है। वह दिन भी दूर नहीं जब यहां एकत्रित लाखों टन कूड़ा दिल्ली के गाजीपुर की तरह ऊंचे-ऊंचे कूड़े के पहाड़ जैसा रूप ले लेगा।
दरअसल लखनावली डंपिंग साइट में जिस तेजी से कूड़े का निस्तारण किया जा रहा, उससे कहीं अधिक तेजी से कूड़ा डाला जा रहा है। अस्तौली गांव में बन रहे डंपिंग साइट को अभी बनने में वक्त लगेगा, ऐसे में लखनावली में ही कूड़ा डलता रहेगा।
यह हाल तब है कि जब लखनावली डंपिंग साइट से कुछ ही दूर पर पुलिस आयुक्त आवास, जिलाधिकारी आवास, सीआइएसएफ बटालियन, आइटीबीपी बटालियन और उनका आवास, सीआरपीएफ का ग्रुप केंद्र, लखनावली गांव, मलकपुर गांव, मलकपुर गांव स्थित स्पोर्ट्स स्टेडियम, औद्योगिक इकाइयां हैं।
करीब दो से तीन किलोमीटर परिधि में 25 हजार के करीब लोग कूड़े की गंद से लोग 24 घंटे त्रस्त रहते हैं। वर्षा का मौसम चल रहा, ऐसे में हालात और भी बदतर हो गए हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पिछले चार वर्षों से लखनावली में पड़े कूड़े को जल्द निस्तारण और अस्तौली में डंपिंग साइट शुरू होने के वादा कर रहा है, लेकिन आज तक उसे पूरा नहीं कर सका है।
10 दिन में 127 करोड़ बढ़ी टेंडर की कीमत
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने इसी वर्ष अगस्त के पहले सप्ताह में टेंडर जारी किया था, जिसमें लखनावली डंपिंग साइट से प्रतिदिन 800 टन कूड़ा प्रतिदिन निस्तारित करने वाले प्लांट को लगाने की जानकारी दी गई थी।
यह टेंडर 55.07 करोड़ का था। करीब 10 दिन बाद टेंडर में संशोधन कर इसकी कीमत 182.94 करोड़ रुपये कर दी गई। यानी 127.87 करोड़ रुपये बढ़ा दी गई है। इसकी बिड 10 सितंबर को खुलनी है।
प्रतिदिन डल रहा 700 टन कूड़ा, निस्तारित हो रहा 450
सूत्रों के मुताबिक लखनावली डंपिंग साइट में इस दौरान तीन लाख टन लिगेसी कूड़ा डला हुआ है। पिछले दो वर्षों में 4.82 लाख टन कूड़ा निस्तारित हो चुका है। यहां हर दिन पूरे शहर से 700 टन कूड़ा डाला जाता है, जबकि 450 टन ही प्रतिदिन कूड़ा निस्तारित होता है।
डंपिंग साइट में बायोमाइनिंग प्लांट लगा हुआ है, जिसकी क्षमता दो हजार मीट्रिक टन प्रतिदिन की है। मीट्रिक टन क्षमता वाले प्लांट में प्रतिदिन कूड़ा निस्तारण घट-बढ़ सकता है। सवाल ये उठता है कि जब दो हजार मीट्रिक टन की क्षमता है, तो 450 टन ही क्यों निस्तारित किया जा रहा है। यही हाल रहा, तो यहां गाजीपुर की तरह ऊंचे ऊंचे कूड़े के पहाड़ खड़े हो जाएंगे।
लखनावली में कूड़ा निस्तारण के लिए टेंडर की प्रक्रिया अंतिम दौर में हैं। अगले महीने तक कंपनी का चयन हो जाएगा। अस्तौली में डंपिंग साइट को पूरी तरह से संचालित होने में कुछ समय लगेगा। फिलहाल लखनावली में ही कूड़ा को निस्तारित किया जाए। इसलिए प्लांट लगाने का निर्णय लिया गया है।
- चेत राम, प्रभारी, जन स्वास्थ्य, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण
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