Noida Foundation Day: कब, कैसे हुई नोएडा शहर को बसाने की प्लानिंग, आइए जानते हैं इसके बनने की कहानी
Noida Foundation Day दिल्ली से सटे बसे नोएडा में पहले से अब बहुत कुछ बदल चुका है। कभी आतंक के पर्याय रहे नोएडा में अप्रत्याशित बदलाव आया है। गैर परंपरागत औद्योगिक इकाइयों के लिए बसा नोएडा आज पूरे देश के लिए रोल मॉडल बन चुका है।

नोएडा, जागरण संवाददाता। दिल्ली से सटे बसे नोएडा में पहले से अब बहुत कुछ बदल चुका है। कभी आतंक के पर्याय रहे नोएडा में अप्रत्याशित बदलाव आया है। गैर परंपरागत औद्योगिक इकाइयों के लिए बसा नोएडा आज पूरे देश के लिए रोल मॉडल बन चुका है। यहां बड़ी कंपनियां के ऑफिस, फैक्ट्रियां भी हैं। यहां की सड़कें, हाईवे भी यात्री को काफी सहूलियत देते हैं। आइए आपको बताते हैं कि नोएडा की नींव कैसे रखी गई।
17 अप्रैल साल 1976 को नोएडा शहर की स्थापना हुई थी। इसे न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (New Okhla Industrial Development Authority- NOIDA) कहते हैं। देश के 20,316 हेक्टेयर में नोएडा फैला हुआ है। कई क्षेत्रों में पूरी तरह से विकसित और अपने अद्वितीय बुनियादी ढांचे के साथ कई नोएडा एक अलग स्थान रखता है। यह शहर अतुलनीय सुविधाएं प्रदान करने के साथ प्रदूषण रहित उच्च जीवन स्तर और अत्यधिक सहायक औद्योगिक वातावरण प्रदान करता है।
कहां बसा है नोएडा?
नोएडा उत्तर में NH-24 बाई-पास से घिरा हुआ है, जिसके आगे गाजियाबाद विकास क्षेत्र मौजूद है। पूर्व में रिवर हिंडन, जिसके आगे ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एरिया मौजूद है, पश्चिम में यमुना नदी, जिसके आगे दिल्ली व हरियाणा राज्य हैं और दक्षिण में यमुना व हिंडन नदियों का मिलन बिंदु है।
17 अप्रैल 1976 के बाद से नोएडा ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र में न सिर्फ देश में, बल्कि विदेश में भी अलग पहचान बनाई है। बल्कि करीब 12 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार देने वाले इस इंडस्ट्रियल हब से मिलने वाला राजस्व भी पूरे देश में सबसे ज्यादा है। शहर के चार इंडस्ट्रियल एरिया में नॉन पलूटिंग इंडस्ट्री लगी हैं। यहां बने उत्पाद की देश की स्थानीय बाजारों से लेकर विदेश तक में निर्यात की मांग है। बिजली और नई यूनिटों को लगाने के लिए जमीन की कमी होने के बावजूद नोएडा की इंडस्ट्रीज ने देश में अलग पहचान बनाई है।
बन रहा है देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट
ग्रेटर नोएडा के जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट भी बन रहा है, जो देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। इसका काम जोरों से चल रहा है। इसमें ढांचागत सुविधा, कामर्शियल आदि इमारतें बन सकेंगी। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण में 1334 हेक्टेयर में निर्माण कार्य चल रहा है। अगले साल सितंबर, 2024 में एयरपोर्ट से यात्री सेवाएं शुरू होंगी। नोएडा एयरपोर्ट कार्गो का हब होगा। एयरपोर्ट के पूर्वी हिस्से में कार्गो टर्मिनल का निर्माण हो रहा है। इसके लिए विकासकर्ता कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने कार्गो टर्मिनल के लिए एआइसैट्स के साथ अनुबंध किया है।
शहर में हैं नामी कंपनियों की फैक्ट्रियां
कंप्यूटर/सॉफ्टवेयर, इलेक्ट्रॉनिक्स, फूड प्रॉडक्ट, एयरकंडिशनिंग, पैकेजिंग, इंडस्ट्रियल इक्यूपमेंट, हाउस होल्ड इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट, लैंप, इलेक्ट्रिकल इक्यूपमेंट, टॉर्च, नमकीन, स्वीट, पान मसाला और अचार आदि हर तरह के प्रॉडक्ट बनाने वाली कंपनियां यहां स्थित हैं। करीब 10 हजार से अधिक यूनिट वाले इंडस्ट्रियल हब नोएडा में मल्टीनेशनल ग्रुप के अलावा देश के नामी औद्योगिक घराने जैसे फ्लैक्स, टाटा, भारतीय, भीलवाड़ा, फोनिक्स, मफतलाल आदि ने अपनी फैक्ट्रियां स्थापित कर रखी हैं। सुई से लेकर मोबाइल सिम और एरोप्लेन तक के पार्ट यहां की इंडस्ट्रीज बना रही हैं। एयरपोर्ट को आसपास के शहरों से जोड़ा जाएगा। दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से मेट्रो से भी जोड़ा जाएगा।
फिल्म सिटी की खास पहचान
शहर की फिल्म सिटी को नॉर्थ इंडिया का अकेला टीवी और फिल्म इंडस्ट्रीज का सेंटर होने का गौरव प्राप्त है। चैनलों पर आने वाले कई सीरियल और रिएलिटी शो फिल्म स्टूडियो में ही शूट हुए हैं। प्रदेश में फिल्म इंडस्ट्रीज को बढ़ावा और रोजगार का अवसर देने के लिए 1988 में मुंबई और चेन्नई के नामी फिल्म प्रोड्यूसरों की ओर से डिजाइन किए प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाया गया था। सेक्टर-16 ए में 28 करोड़ प्रतिवर्ष के टर्न ओवर से यहां के 21 प्लॉटों को 13 फिल्म स्टूडियो के लिए अलॉट किया गया था। करीब एक लाख वर्ग मीटर एरिया में स्थापित यहां के फिल्म स्टूडियो फिल्म और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्रीज में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं।
बेहतर कनेक्टविटी
नोएडा में राजधानी दिल्ली, सहित आसपास के शहरों के लिए बेहतर कनेक्टविटी है। यहां की एक्वा लाइन मेट्रो का भी विस्तार जारी है। डीएनडी हाईवे दिल्ली-नोएडा को आपस में जोड़ता है।
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