Yamuna Flood: नोएडा में 2 दिन में 79 हजार क्यूसेक जल प्रवाह कम, 70 सेमी. घटा यमुना का जलस्तर
नोएडा में यमुना का जलस्तर घटने से बाढ़ की स्थिति में सुधार हो रहा है। ओखला बैराज से जल प्रवाह कम होने से जलस्तर में कमी आई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से पानी उतर रहा है जिससे लोगों को राहत मिल रही है। प्रशासन और समाजसेवी प्रभावित लोगों की सहायता कर रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग शिविरों में लोगों को सेवाएं प्रदान कर रहा है।

जागरण संवाददाता, नोएडा। यमुना का घटता जलस्तर राहत का संकेत है। शनिवार को जलस्तर में 70 सेंटीमीटर की कमी दर्ज हुई। रविवार सुबह तक 1.20 मीटर की कमी दर्ज हाेने का अनुमान है। बीते दो दिनों में ओखला बैराज से यमुना में 79 हजार क्यूसेक जलप्रवाह कम हुआ है।
यमुना में पानी उतरने से बाढ़ क्षेत्र में कई जगहों पर अब रेत नजर आ रही है। आगे की स्थिति वर्षा पर निर्भर है। करीब 20 सितंबर के बाद से स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में नजर आ सकती है। बाढ़ के पानी में डूबे नोएडा के दर्जनों गांव और सेक्टर के डूब क्षेत्रों से पानी अब नीचे की उतरने लगा है।
बता दें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत का सूरज नजर आने लगा है। बृहस्पतिवार तक ओखला बैराज से 2.44 लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोडा जा रहा था। शनिवार को इसमें 79 हजार क्यूसके की कमी दर्ज हुई है। पानी का प्रवाह कम होते ही पहले दिन से यमुना के जलस्तर में भी कमी दर्ज होने लगी है।
यमुना का बैकफ्लो हरनंदी में होने से डूबे सेक्टर-150, 151, 144, 145 से भी अब संकट हटने लगे हैं। प्रशासन और अन्य टीमें बाढ़ क्षेत्र में निगरानी कर रही है। सभी लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर निकाला जा चुका था।
यमुना का जलस्तर बढ़ने से पानी तटबंध को छू गया था। अब यह भी तटबंध को छोड़ने लगा है। बाढ़ में डूबी हजारों बीघा फसल बर्बाद हो चुकी है। अवैध फार्म हाउस अभी भी पूरी तरह से डूृबे हुए हैं। अधिकांश लोग डूब क्षेत्र में बने फार्म हाउस में ही फंसे थे।
हजारों परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। पुश्ता पर सैकड़ों परिवार टैंट लगाकर रह रहे हैं। खाने पीने के इंतजाम करने के लिए प्रशासन और शहर के समाजसेवी आगे आए हैं। शिविरों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कैंप लगाकर लोगों को सहायता दी जा रही है।
कोंडली ड्रेन नहीं खुलता तो सेक्टरों में भरता पानी
यमुना का जलस्तर बढ़ने से पानी नाले के जरिये शहर में बैकफ्लो न करे इसके लिए सेक्टर-168 में बने रेगुलेटर को बंद किया गया था। इससे कोंडली ड्रेन का पानी चार दिन से यमुना में नहीं गिर रहा था।
कोंडली ड्रेन की 3200 क्यूसेक क्षमता है, लेकिन 4500 क्यूसेक पानी भर गया था। कोंडली ड्रेन यदि शनिवार को सुबह नौ बजे नहीं खुलती तो सेक्टर और गांव में सीवर ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बहने लगते। ड्रेन खुलने से नोएडा प्राधिकरण ने राहत की सांस ली है।
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