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    गर्भवती से लूट का खेल: नोएडा के जिला अस्पताल ने टरकाया, निजी अस्पताल में एक घंटे में हुआ प्रसव

    Updated: Mon, 09 Sep 2024 08:16 AM (IST)

    नोएडा के जिला अस्पताल में प्रसव के लिए 15 दिन का समय देने के बाद एक गर्भवती महिला को लिंक वर्कर के कहने पर एक निजी अस्पताल में सिजेरियन प्रसव कराना पड ...और पढ़ें

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    नोएडा के अस्पतालों में गर्भवती से लूट का खेल चल रहा है। फोटो- जागरण

    मोहम्मद बिलाल, नोएडा। सेक्टर-39 जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने दर्द से कराहती जिस गर्भवती महिला को प्रसव के लिए 15 दिन बाद का समय दिया था। उसी गर्भवती से लिंक वर्कर के कहने पर प्राइवेट अस्पताल के संचालक ने महज एक घंटे के भीतर सिजेरियन प्रसव कराकर 25500 रुपये वसूले लिए। गनीमत है कि प्रसव के बाद जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ है।

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    मामूरा की बबिता (23) प्रसव पीड़ा होने पर शनिवार को लिंक वर्कर पिंकी गर्भवती को सेक्टर-52 के अनाया डायग्नोस्टिक सेंटर ले जाकर एक हजार रुपये में जांच कराई थी। स्वजन से लिंक वर्कर ने बताया था दोपहर एक बजे के बाद जिला अस्पताल में जांच नहीं होती। इसलिए वह उन्हें प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर ले गई।

    पिंकी ने जांच के लिए 300 रुपये वसूले

    जांच के बाद बबिता लिंक वर्कर पिंकी और गीता के साथ जिला अस्पताल पहुंची। यहां डॉक्टरों ने प्रसव पूर्व बबिता की रक्त, हीमोग्लोबिन जांच कराई। यहां भी लिंक वर्कर पिंकी ने जांच के लिए 300 रुपये वसूल लिए।

    रक्त जांच रिपोर्ट आने तक डॉक्टरों ने प्राइवेट अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के आधार पर प्रसव के लिए गर्भवती को 23 सितंबर को आने को कहा। जब स्वजन ने गुहार लगाई तो कहा गया कि सोमवार को आना। इस दौरान दोनों वर्कर गर्भवती के स्वजन को अनहोनी होने की बात करके फेज-2 नगला चरण दास के फैमिली केयर अस्पताल लेकर पहुंच गई।

    बबिता को काला पीलिया बताया

    सास सीमा का कहना है कि यहां मौजूद डॉ. इमरान खान ने पुरानी जांच रिपोर्ट को देखकर बताया कि बबिता को काला पीलिया बताया। प्रसव और कॉल पीलिया के इलाज के नाम पर 65 हजार रुपये की मांग की गई।

    स्वजन ने इतने रुपये होने से इनकार किया। जब जिला अस्पताल में कराई जांच रिपोर्ट दिखाई तो 35 हजार रुपये में प्रसव की बात बनी। स्वजन के मुताबिक डॉ. इमरान ने बाहर से कुछ डाक्टरों को बुलाकर प्रसव कराया।

    करीब नौ बजे बबिता ने एक बच्चे (लड़के) को जन्म दिया। प्रसव के दौरान स्वजन ने 25500 रुपये अस्पताल में जमा किए। 1000 हजार रुपये लिंक वर्कर पिंकी को दिए। सीएमओ डॉ. सुनील कुमार शर्मा ने मामले की जांच की बिसरख सीएचसी के प्रभारी डॉ. सचिंदर मिश्रा को सौंपी है।

    पड़ोसियों से उधार लेकर डॉक्टर की भरी फीस 

    पड़ोसी और पूर्व लोकसभा प्रत्याशी मुमताज आलम का कहना है कि वह तमिलनाडु के मदुरै शादी समारोह में शामिल होने के लिए गए थे। पांच सितंबर को मालूम चला कि पड़ोसी की पत्नी को प्रसव पीड़ा हो रही है।

    वापसी के लिए ट्रेन का टिकट रद्द कर छह सितंबर को अचानक से फ्लाइट से दिल्ली पहुंचने के बाद नोएडा स्थित घर आए। इसके बाद से गर्भवती की मदद कर रहे थे, लेकिन लिंक वर्कर के बहकावे में आकर स्वजन कब प्राइवेट अस्पताल पहुंच गए पता नहीं चला। पड़ोसी नरेंद्र सिंह ने गर्भवती के स्वजन को 14 हजार रुपये व संजू कुमार ने पांच हजार रुपये उधार दिए थे।

    कौन होती है लिंक वर्कर 

    सर्फाबाद शहरी पीएचसी की प्रभारी डॉ. मनीषा का कहना है एएनएम नीरू ममूरा में टीकाकरण के लिए जाती है। अभी आशा कम होने के कारण एएनएम ओर से अपने स्तर पर लिंक वर्कर की सहायता ली जाती है।

    लिंक वर्कर का काम एएनएम तक गर्भवती को प्रसव पूर्व जांच के साथ टीकाकरण के लिए ले है। डॉक्टर तक भी प्रसव पूर्व केंद्र तक अल्ट्रासाउंड जांच के लिए लाती है। लिंक वर्कर पिंकी की जानकारी है, लेकिन गीता के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

    खुद को आशा बताने गीता ने जिला अस्पताल में प्रसव कराने पर हाथ खड़े कर लिंक वर्कर पिंकी के माध्यम से प्राइवेट अस्पताल ने कम पैसे में प्रसव का लालच दिया। जो अधिक पैसे लिए गए हैं वह वापस होने चाहिए। -सीमा, प्रसूता की सास

    जिला अस्पताल में इलाज नहीं मिलने पर गर्भवती की सास प्राइवेट अस्पताल चलने की जिद कर रही थी।गर्भवती की हालत को देखते हुए उसे प्राइवेट अस्पताल ले गए थे। प्रसव में जो अधिक पैसे खर्च हुए उसे वापस कराउंगी।

    -पिंकी, लिंक वर्कर, ममूरा