नोएडा में रिटायर्ड अफसर से ठगी, मनी लॉन्ड्रिंग कर डर दिखाकर 1.70 करोड़ ठगे; जांच में जुटी पुलिस
नोएडा में साइबर ठगों ने एक सेवानिवृत्त अधिकारी को नरेश गोयल के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसाने की धमकी देकर 1.70 करोड़ रुपये ठग लिए। ठगों ने उन्हें वीडियो कॉल पर कोर्ट रूम का दृश्य दिखाकर डराया और गिरफ्तारी का भय दिखाकर पैसे ट्रांसफर करवाए। पुलिस खातों की जांच कर रही है और जल्द गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है।

जागरण संवाददाता,नोएडा। जेट एयरवेज के सह-संस्थापक नरेश गोयल के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुकदमा दर्ज होने का डर दिखाकर साबइर ठगों ने वाणिज्य विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी से छह दिन में 1.70 करोड़ रुपये ठग लिए। शातिरों ने दो बार में रकम ट्रांसफर कराई।
जालसाजों की हरकत का पता चलने पर पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में ठगी का मुकदमा कराया। पुलिस मामले में उन खातों की डिटेल पता कर रही, जिनमें पीड़ित से रकम ट्रांसफर कराई है।
सेक्टर- 62 में 80 वर्ष के ओमप्रकाश श्रीवास्तव के पास नौ सितंबर को अनजान नंबर से काल आई थी। काल करने वाले ने कहा कि ओमप्रकाश के मोबाइल नंबर से लोगों का उत्पीड़न कर गाली-गलौज की जाती है। बुजुर्ग ने आरोप का विरोध के साथ अभद्रता करने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि वह कभी मुंबई नहीं गए और कोई कारोबार भी नहीं है। उन्होंने कालर से फोन नंबर ब्लाक करने के लिए कहा तो शातिर ने मुंबई पुलिस के पास मुकदमा दर्ज होने की बात कही। कुछ सेकेंड बाद शिकायत की कापी उनके फोन पर भेज दी। इस पर वह घबरा गए।
शातिर ने दबाव बनाकर कहा कि मामले में क्लीयरेंस सर्टिफिकेट के लिए मुंबई पुलिस से बात करनी पड़ेगी। तभी अचानक से उनकी काल मुंबई पुलिस के पास ट्रांसफर कर दी। दूसरा शातिर पुलिस की वर्दी पहनकर बैठा था।
उसने बोला कि जेट एयरवेज के सह-संस्थापक नरेश गोयल के साथ उनका नाम मनी लांड्रिंग के मामले में सामने आया है। सीबीआई मामले की जांच कर रही है। उसने बुजुर्ग को कथित आइपीएस विजय खन्ना के बारे में बताया गया। कुछ मिनट बाद विजय खन्ना वीडियो काल से जुड़ गए। उन्हें एक पत्र भेजा, जिसमें 25 लाख रुपए नरेश गोयल को भेजने का जिक्र था।
उन्होंने कहा कि, ओमप्रकाश के नाम वाला आधार कार्ड इस्तेमाल हुआ है। शतिरों ने उन्हें जल्द गिरफ्तार करने का डर दिखाया। तभी उनकी तबीयत बिगड़ गई। इस पर उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जांच में शामिल होने का विकल्प दिया। आरोप है कि शातिरों ने मोबाइल पर ऐप डाउनलोड कराया और जरिए वीडियो कॉलिंग पर कोर्ट रूम में जज द्वारा सुनवाई करने की तस्वीर दिखाई।
आरोप है कि शातिरों ने डिजिटल तरीके से कोर्ट में उन्हें पेश कराया। कथित आईपीएस जो ओमप्रकाश का जांच अधिकारी बना था, उससे कथित जज ने पूछा कि मनी लॉन्ड्रिंग केस में अब तक गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई। इस पर जांच अधिकारी बोला कि शिकायतकर्ता काफी बुजुर्ग हैं। उनकी तबीयत भी ठीक नहीं है।
पीड़ित बुजुर्ग के मुताबिक, उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अधिकारी और जज की आवाज सुनाई दे रही थी। लेकिन चेहरा नहीं दिखता था। शातिरों ने डर दिखाया कि यदि परिवार के लोगों को बताया तो मुंबई पुलिस गिरफ्तारी कर लेगी।
इस बीच उनके खाते से दो बार में 1.70 करोड़ रुपये ट्रांसफर करा लिए। डीसीपी साइबर प्रीति यादव का कहना है कि खातों की जांच कर रहे हैं। जल्द ही शातिरों का लिंक मिलने पर गिरफ्तारी के प्रयास किए जाएंगे।
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