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    सावधान! नोएडा में अगर इन इलाकों में बनाया घर या फार्म हाउस तो होगी परेशानी, बाढ़ आने पर नहीं मिलेगा मुआवजा

    Updated: Thu, 08 May 2025 08:15 PM (IST)

    नोएडा प्राधिकरण ने हरनंदी-यमुना के डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण पर सख्ती दिखाई है। सीईओ ने अवैध निर्माण के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं ताकि बाढ़ के खतरे को कम किया जा सके। उन्होंने डूब क्षेत्र में अवैध कॉलोनी और फार्महाउस बनाने वालों को भूमाफिया घोषित करने के निर्देश दिए हैं। बाढ़ से नुकसान होने पर कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा।

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    डूब क्षेत्र में निर्माण अवैध, बाढ़ आने पर नहीं मिलेगी क्षतिपूर्ति

    जागरण संवाददाता, नोएडा। हरनंदी-यमुना डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण व फार्म हाउस बिक्री के संबंध में मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. लोकेश एम की अध्यक्षता में बुधवार को सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण कार्यालय में बैठक हुई।

    इसमें जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर मनीष कुमार वर्मा, सहायक पुलिस आयुक्त विवेक रंजन भी उपस्थित रहे। प्राधिकरण सीईओ ने डूब क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण के प्रति कड़ी नाराजगी व्यक्त की, कहा कि उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।

    नदियों का प्रवाह सही रखने के लिए जरूरी है कदम

    दोनों नदियों में पानी बढ़ता है तो बाढ़ के हालात बन जाते हैं। जनहानि की आशंका रहती है, ऐसे में डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण को रोका जाए। ताकि नदियों के प्रवाह को सही रखा जा सके।

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    अवैध निर्माण के कारण नदियों के प्रवाह पर असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यमुना-हरनंदी डूब क्षेत्र की ड्रोन कैमरा से एरियल सर्वे कराकर वर्तमान समय के निर्माणों की स्थिति को सुरक्षित रखा जाए।

    इसके उपरांत नए अवैध निर्माण होने पर संबंधित वरिष्ठ प्रबंधक/लेखपाल व सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

    किया ये काम तो कहलाएंगे भूमाफिया

    निर्देश दिया कि डूब क्षेत्र में अवैध रूप से कॉलोनी विकसित करने वाले एवं फार्म हाउस का विक्रय करने वाले प्रमुख व्यक्तियों को चिह्नित कर उन्हें भूमाफिया घोषित कर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

    डूब क्षेत्र में बड़े-बड़े होर्डिंग बोर्ड लगाकर आम नागरिक को डूब क्षेत्र में निर्माण निषिद्ध होने की जानकारी प्रसारित की जाए। नदी किनारे बने अवैध रूप से फार्म हाउसों के लिए बने रास्तों को सिंचाई विभाग तोड़े।

    उप जिलाधिकारी दादरी/सदर की अध्यक्षता में डूब क्षेत्र में प्रभावी कार्रवाई के लिए टीम गठित की जाए, जिसमें सिंचाई विभाग, राजस्व विभाग, प्राधिकरण के सिविल व भूलेख विभाग के कर्मिक सदस्य रहेंगे, जो अवैध निर्माण चिह्नित कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई प्रस्तावित करेंगे।

    सप्ताह में दो बार समीक्षा का आदेश

    इसकी समीक्षा सप्ताह में दो बार करने को कहा गया। इसके अतिरिक्त आईजी स्टांप को डूब क्षेत्र में पंजीकृत किए जाने वाले बैनामों का विवरण जिलाधिकारी कार्यालय व प्राधिकरण को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।

    ताकि डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण व फार्म हाउस के निर्माण पर रोक लगाई जा सके। साथ ही नए बैनामों में यह भी उल्लेख करवाना सुनिश्चित करें कि डूब क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण अमान्य है।

    बाढ़ आई तो अवैध निर्माणकर्ता की होगी जिम्मेदारी

    अधिशासी अभियंता सिंचाई निर्माण खंड गाजियाबाद ने बताया कि हरनंदी तटवर्ती एवं रिंग बंध के निकट नदी के डूब क्षेत्र ग्राम में बनी अवैध आबादी में यदि बाढ़ से कोई क्षति होती है।

    तो इसकी जिम्मेदारी अवैध निर्माणकर्ता की स्वयं की होगी। उसे किसी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया जाएगा। साथ ही अवैध निर्माण से होने वाली क्षति की वसूली अवैध निर्माणकर्ताओं से की जाएगी।

    एडवाइजरी जारी कर कहा गया कि ऐसे लोग तत्काल प्रभाव से अपने अवैध निर्माण को हटा लें। डूब क्षेत्र में भवन, स्कूल, फार्म हाउस, क्रेशर प्लांट, हॉट मिक्स प्लांट, कंक्रीट रेडी मिक्स प्लांट एवं बदरपुर सैंड की धुलाई की होदियां आदि अवैध निर्माण है।

    शासन पहले ही निर्माण कर चुका है प्रतिबंधित

    बाढ़ के कारण इन अवैध निर्माणों के क्षतिग्रस्त होने से जन-धन की हानि हो सकती है। यह निर्माण बस्ती अवैध होने के कारण बाढ़ के समय सिंचाई विभाग, जिला प्रशासन एवं शासन द्वारा सुरक्षा प्रदान किया जाना संभव नहीं हो सकेगा।

    शासनादेश संख्या-1417 वी 16 मार्च 2010 एवं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के 20 मई 2013 द्वारा ये निर्माण प्रतिबंधित कर रखे हैं।

    डूब क्षेत्र में आते है यह गांव

    छिजारसी, चोटपुर, यूसुफपुर, चकशाहबेरी, बहलोलपुर गढी चौखंडी, हैबतपुर, पर्थला खंजरपुर, सोहरखा जहीदाबाद, ककराला, अलीवर्दीपुर, जलपुरा, हल्द्वानी, कुलेसरा, हरनंदी यमुना दोआब बंध के निकट ग्राम इलाहाबास, सुथियाना, शहदरा, लखनावली, बेगमपुर, मुबारकपुर, गुर्जरपुर, झट्टा बादोली बांगर, सफीपुर, चुहड़पुर एवं मोमनाथल तक हिंडन नदी के डूब क्षेत्र की परिधि के अंतर्गत आते हैं।

    इसी बंध पर यमुना नदी के बाएं किनारे ग्राम मोतीपुर, तिलवाड़ा, गढ़ी समस्तीपुर, बादौली खादर, कोंडली खादर, कामबक्शपुर, गुलावली, दोस्तपुर मंगरौली, छपरौली, असदुल्लापुर तथा (हरियाणा साइड) दायीं किनारे पर औरंगाबाद, दलेलपुर, याकूतपुर की भूमि डूब क्षेत्र की परिधि में आती है।