Noida Airport के लिए भूमि अधिग्रहण का मुआवजा लेने में बड़ा खेल, बाहरी लोगों ने आधार कार्ड में बदलवाए एड्रेस
नोएडा एयरपोर्ट के तीसरे चरण में विस्थापन का अनुचित लाभ उठाने के लिए बाहरी लोगों ने अवैध निर्माण किए और दस्तावेज बदले। प्रशासक ने बताया कि ऐसे लोगों को लाभ नहीं मिलेगा और जांच होगी। विस्थापित होने वाले गांवों में स्कूल मंदिर और स्वास्थ्य केंद्र भी शामिल हैं। 14 गांवों के लगभग पांच हजार परिवार भूमिहीन होंगे।

जागरण संवाददाता, जेवर। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के तीसरे चरण में होने वाली भूमि अधिग्रहण और विस्थापन में अनुचित लाभ लेने के लिए सैकड़ों लोगों ने अवैध मकानों का निर्माण किया है। वहीं बाहरी लोगों ने विस्थापन होने वाले गांव में लोगों से मकान खरीदने के साथ ही आधार कार्ड व अन्य कागजात में अपने पते बदलवा लिए हैं।
स्कूल, मंदिर और स्वास्थ्य केंद्रों का भी होगा विस्थापन
तीसरे चरण के विस्थापन के प्रशासक ने सांख्यिकीय गणना के दौरान ऐसे मामले प्रकाश आने की बात कही है। उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों की किसी भी हालत में विस्थापन का लाभ नहीं दिया जाएगा। ऐसे मामलों की अलग से जांच की जाएगी। परियोजना में विस्थापन होने वाले सात गांव में स्कूल मंदिर और स्वास्थ्य केंद्रों का भी विस्थापन होना है।
तीसरे चरण में पांच हजार परिवार होंगे भूमिहीन स्कूल
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के में तीन रनवे के निर्माण और अन्य सुविधाएं विकसित करते के लिए तीसरे चरण में जेवर के 14 गांव की 1857 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। रनवे और एयरपोर्ट की जद में आने वाले सात गांव नीमका, ख्वाजपुर, थोरा, बनवारीवास, रामनेर, किशोरपुर व जाफराबाद गांव का विस्थापन किया जा रहा है।
इन गांव में निवास करने वाले 14600 परिवारों को विस्थापित करते हुए मंगरौली गांव के समीप 339 हेक्टेयर जमीन पर विकसित होने वाली टाउनशिप पर बसाया जाएगा। लेकिन विस्थापन का अनुचित लाभ लेने और राज्य सरकार को वित्तीय क्षति पहुंचाने के लिए कुछ बाहरी लोगों ने इन गांव में अवैध तरीके से मकानों का निर्माण कर लिया है।
यही नहीं इन लोगों ने इन गांव का स्थायी निवासी बनने के लिए अपने आधार कार्ड और अन्य अभिलेखों में भी पता बदलवाते हुए प्रभावित गांव के करा लिए हैं। मसौदा ड्राफ्ट में ऐसे लोगों का जिक्र करते हुए उनकी अलग से विस्तृत जांच की बात कही गई है।
विस्थापन में कहां क्या होगा प्रभावित?
तीसरे चरण में होने वाले भू अर्जन व विस्थापन के बाद 14 गांव के लगभग पांच हजार परिवार भूमिहीन हो जाएंगे। 14 गांव में बने 36 सार्वजनिक और निजी मंदिरों और दो मस्जिदों का विस्थापन होगा। इन गांव में 20 स्कूलों के अलावा तीन स्वास्थ्य केंद्र, पांच पंचायत घर, चार खेल के मैदानों को भी विस्थापित किया जाएगा।
सांख्यिकीय गणना के बाद पता चला की विस्थापित होने वाले 60 फीसदी परिवारों की आय एक लाख से कम है।तीसरे चरण के अधिग्रहण के पूर्ण होने पर एयरपोर्ट के लिए पूरी हो जाएगी पांच हजार हेक्टेयर जमीन
एयरपोर्ट के जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया 2019 में शुरू हुई थी प्रथम व द्वितीय चरण में पहले ही 2699 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है तीसरे चरण में 2053 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है जिसमें से 1857 हेक्टेयर किसानों से ली जा रही है।
कुछ जमीन एयरपोर्ट के प्रथम व द्वितीय चरण में अलग से भी ली गई है। तीसरे चरण के बाद एयरपोर्ट के लिए लगभग पांच हजार हेक्टेयर जमीन होगी। जिसपर छह रनेवे, दो टर्मिनल बिल्डिंग के बाद वार्षिक यात्री क्षमता 1.2 करोड़ होगी। इसके अलावा एमआरओ और कार्गो हब भी विकसित किए जाएंगे।
तीसरे चरण में कुछ बाहरी लोगों ने गलत तरीके से विस्थापन का लाभ लेने के लिए अवैध मकान निर्माण कर अपने दस्तावेजों में पते बदलवा लिए हैं। लेकिन विस्थापन का लाभ स्थानीय निवासियों की ही दिया जाएगा। अनुचित लाभ लेने का प्रयास करने वाले किसी भी व्यक्ति को योजना में लाभ नहीं मिलेगा।
- अभय कुमार सिंह, उपजिलाधिकारी जेवर एवं प्रशासक पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।