नोएडा एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहीत होने के बाद भी किसान कर रहे फसल बोने की तैयारी
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए किसानों से 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया। प्रशासन ने मुआवजे की राशि किसानों के खातों में भेज दी है लेकिन किसान अभी भी जमीन पर काबिज हैं। खरीफ की फसल की तैयारी कर रहे हैं जिससे देरी हो सकती है।

जागरण संवाददाता, जेवर: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरें चरण में एयरक्राफ्ट की मेंटेनेंस, रिपेयरिंग व ओवरहालिंग एमआरओ स्थापित करने के लिए 1365 हेक्टेयर जमीन का अर्जन किया गया है।
प्रशासन ने किसानों से अधिग्रहित की गई 1181 हेक्टेयर जमीन का पैसा सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर करते हुए अर्जन की प्रक्रिया को पूरा कर लिया है।
कुछ किसानों ने मुआवजे के रूप में पैसा नहीं लिया था उन किसानों को पैसा ट्रेजरी में भेजते हुए पूरी जमीन नागरिक उड्डयन विभाग के नाम की जा चुकी है।
प्रशासन बोला- किसानों से कब्जा लेकर जमीन नोडल एजेंसी को दी
प्रशासन का दावा है कि ज्यादातर किसानों से कब्जा लेते हुए जमीन एयरपोर्ट नोडल एजेंसी यमुना प्राधिकरण को सौंप दी है।
हालांकि जमीनी स्तर पर अभी भी पूरी जमीन किसानों के कब्जे में है और किसान दिनरात महनत कर खरीफ की फसल रोपाई की तैयारियां कर रहे हैं।
अपर जिलाधिकारी भूमि अध्याप्ति बच्चू सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट के दूसरे चरण में दयानतपुर, रन्हेरा, कुरैब, करौली बांगर, बीरमपुर व मुढरह के किसानों से 1181 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करते हुए कुल 1365 हेक्टेयर जमीन का अर्जन किया गया है।
95 प्रतिशत किसानों के खातों में पहुंच चुका है मुआवजा
95 प्रतिशत किसानों के बैंक खातों में मुआवजा भेज दिया गया है। करीब 5 प्रतिशत किसानों ने मुआवज़ा लेने से इनकार कर दिया था।
जिनमें से मुढरह, बीरमपुर व दयानतपुर के किसानों का मुआवजा राशि ट्रेजरी में जमा करा दी गई है। कुरैब करौली बांगर व रन्हेरा के बचे हुए किसानों का मुआवजा जमा कराने की तैयारी चल रही है।
पूरी 1365 हेक्टेयर जमीन नागरिक उड्डयन विभाग के नाम दर्ज हो चुकी है। ज्यादातर जमीन पर किसानों से सहमति के आधार पर कब्जा प्राप्त करते हुए सीधे नोडल एजेंसी को सौंप दी गई है।
फसल रोपाई के बाद छह माह से पहले नहीं मिलेगा एजेंसी को कब्जा
ग्रामीणों ने बताया कि अभी तक उनकी जमीन पर किसी तरह का कब्जा किसी को नहीं दिया गया है इसी वजह से उन्होंने खरीफ की फसल मुख्य रूप से धान की रोपाई की तैयारी शुरू की है।
अगर अधिग्रहीत जमीन पर किसानों ने रोपाई कर दी तो छह माह से पहले कब्जा लेना नोडल एजेंसी के लिए आसान नहीं होगा। ऐसे में पहले चरण की तरह दूसरे चरण में भी देरी होती चली जाएगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।