'पैसे नहीं, एयरपोर्ट में जॉब चाहिए', नोएडा में किसानों ने नौकरी के बदले मिलने वाले पैसे लेने से किया इनकार
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए जेवर के 14 गांवों से जमीन अधिग्रहण की जा रही है। तीन गांवों में लोकसुनवाई हुई जहां किसानों ने नौकरी के बदले मुआवजे का प्रस्ताव रखा। किसानों ने विस्थापन नीति में सुधार की मांग की ताकि युवाओं को एयरपोर्ट में नौकरी मिल सके। शनिवार को अन्य गांवों में भी सुनवाई होगी।

जागरण संवाददाता, जेवर। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए तीसरे चरण में जेवर के 14 गांव के किसानों से 1857 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। अधिनियम की धारा 16 के तहत पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन तैयार स्कीम पर शुक्रवार को जेवर के तीन गांव में प्रशासक ने खुली बैठक कर लोकसुनवाई करते हुए आपत्तियां मांगी।
तीनों गांव के किसी भी किसान ने ड्राफ्ट पर कोई लिखित आपत्ति दर्ज नहीं कराई। हांलाकि किसानों ने इस बार नौकरी के बदले मिलने वाले पांच लाख रूपये की जगह एयरपोर्ट में नौकरी दिलाने का प्रस्ताव रखा है।
योजना के मसौदा ड्राफ्ट पर लोकसुनवाई की गई
उपजिलाधिकारी जेवर एवं प्रशासक पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन अभय कुमार सिंह ने बताया कि शुक्रवार को जेवर के रोही,पारोही, बंकापुर के किसानों के साथ खुली बैठक कर योजना के मसौदा ड्राफ्ट पर लोकसुनवाई की गई। तीनों गांव के प्रभावित किसान लोकसुनवाई में पहुंचे और अपने सुझाव अधिकारियों के सामने रखे।
अधिकारियों ने कहा कि सांख्यिकीय गणना के बाद तैयार किए ड्राफ्ट पर अगर किसी किसान को कोई आपत्ति हो तो वह लिखित आपत्ति या अपने सुझाव दे सकते हैं। इस पर कुछ किसानों ने विस्थापन नीति में सुधार का सुझाव दिया देते हुए कहा कि प्रभावित परिवार के युवाओं को एकमुश्त पांच लाख धनराशि न देकर एयरपोर्ट में नौकरी दी जाए। शनिवार को जेवर के दयानतपुर, साबौता मुस्तफाबाद,मुकीमपुर शिवारा गांव में लोक सुनवाई का आयोजन किया जाएगा।

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