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    प्रशासन पराली जलाने वालों पर सैटेलाइट से रखेगा नजर, पकड़े जाने पर लगेगा हजारों रुपये का जुर्माना

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 05:01 PM (IST)

    ग्रेटर नोएडा में मौसम बदलने और बारिश के चलते वायु गुणवत्ता सूचकांक में उतार-चढ़ाव हो रहा है। प्रशासन ने किसानों से पराली न जलाने की अपील की है उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। धान की कटाई शुरू हो गई है और किसान गेहूं की बुवाई की तैयारी कर रहे हैं जिससे प्रदूषण का खतरा बढ़ गया है।

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    प्रशासन ने किसानों से पराली न जलाने की अपील की है, उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। लगातार मौसम परिवर्तन और बारिश के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में उतार-चढ़ाव जारी है। आमतौर पर अक्टूबर में एक्यूआई 200 के पार पहुंच जाता था, लेकिन बारिश के कारण अब येलो जोन में एक्यूआई इससे नीचे दर्ज किया जा रहा है। चार अक्टूबर को ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई ऑरेंज जोन में 227 तक पहुंच गया था।

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    सोमवार की बारिश के बाद, एक्यूआई फिर से गिरकर येलो जोन में 166 पर पहुंच गया। इस बीच, जिला प्रशासन ने किसानों को दिशा-निर्देश जारी कर पराली को जलाने के बजाय खेतों में ही खाद के रूप में इस्तेमाल करने की अपील की है। पराली जलाते पकड़े जाने या पराली जलाने की शिकायत मिलने पर 2500 रुपये से 15 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

    उप कृषि निदेशक राजीव कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने भी पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिले में धान की कटाई शुरू हो गई है। कुछ किसान गेहूं की बुवाई की तैयारी के लिए खेतों में पराली जला रहे हैं। पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकना ज़रूरी है।

    रोकथाम के लिए टीमें गठित

    जिले में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए ग्राम पंचायत, न्याय पंचायत, विकासखंड और तहसील स्तर पर मोबाइल टीमें गठित की गई हैं। सभी मोबाइल टीमें सैटेलाइट के ज़रिए भी स्थिति पर नज़र रख रही हैं। केंद्र सरकार रोज़ाना बुलेटिन जारी कर रही है। अगर कोई किसान पराली जलाने का दोषी पाया जाता है, तो उसे दंडित किया जाएगा।