नोएडा में लाखों लोगों की जिंदगी दांव पर, 87 सोसायटियों में नहीं आग बुझाने के इंतजाम; फायर विभाग ने जताई हैरानी
नोएडा की 87 सोसायटियों में आग से बचाव के इंतजाम अधूरे हैं जिससे लाखों लोगों की जान जोखिम में है। फायर विभाग के निरीक्षण में खुलासा हुआ है कि इन सोसायटियों में आग बुझाने के लिए पर्याप्त उपकरण नहीं हैं और जो उपकरण हैं वे भी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। आग लगने की स्थिति में इन सोसायटियों में बड़ा हादसा हो सकता है।

प्रवेंद्र सिंह सिकरवार, जागरण नोएडा। बीते दो दिनों में आग लगने की दो भीषण घटनाएं हुईं। यहां पर आग पर काबू पाने के पर्याप्त इंतजाम होते तो लोगों की जान जोखिम में नहीं होती। नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 300 से अधिक सोसायटियां हैं। 87 सोसायटियों में आग बुझाने के इंतजाम नहीं हैं।
यहां पर लाखों लोगों की जिंदगी दांव पर लगी है। आग से लड़ने के इंतजाम यहां शोपीस बने हैं। निरीक्षण के दौरान फायर विभाग को यहां कमियां मिलीं। सभी के खिलाफ न्यायालय में वाद दायर किए गए हैं।
हैरत की बात यह है कि 11 नए वाद बीते कुछ दिनों में दायर किए गए हैं। ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं में आग पर काबू पाने के इंतजाम मानकों पर खरे नहीं हैं। यह फायर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार है।
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आसानी से एंट्री नहीं कर सकते फायर टेंडर
फायर एक्सटिंग्विजर अवधि समाप्त होने के बाद भी लगे हुए हैं। सोसायटी के खुले क्षेत्र में पार्किंग बेचने से फायर टेंडर आसानी से प्रवेश नहीं कर सकते। सोसायटी परिसर में जहां से फायर टेंडर को भर सकते हैं उसके आसपास वाहनों की पार्किंग बेची गईं हैं। आग पर काबू पाने के लिए लगे पाइप में लीकेज है। घटना होने पर बगैर प्रेशर के पानी ऊपरी मंजिल तक नहीं पहुंच सकेगा।
जंग लगने से जाम पड़े हैं आग बुझाने के उपकरण
कई जगह तो आग बुझाने के उपकरण जंग लगने से जाम पड़े हैं। टावरों में लगी हाज रील का पानी के साथ कनेक्शन नहीं है। सिलिंडर में प्रेशर की जांच नहीं की तो वह भी नहीं मिला। फायर एग्जिट बोर्ड शायद ही किसी सोसायटी में नजर आए। आपातकालीन टेलीकाम सुविधा ठप पड़ी हुई है। बिजली के तारों का घेरा बना हुआ है।
शॉर्ट सर्किट से कई बार सोसायटियों में भीषण आग की स्थिति बनी है। फ्लैट के अंदर जांच करने पर स्प्रिंकलर भी संचालित नहीं मिलते हैं। आग बुझाने के अधूरे इंतजामों के चलते लाखों लोगों की जिंदगी दांव पर हैं। प्रबंधन के खिलाफ वाद तो दायर हो चुके हैं, लेकिन अव्यवस्थाओं को दुरस्त करने की पहल नहीं की गई।
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आग की घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारी मैदान में उतरे
ग्रेटर नोएडा व नोएडा में आग लगने की घटनाओं के बाद जिला प्रशासन ने घटनाओं को रोकने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है।नगर मजिस्ट्रेट नोएडा विवेकानंद मिश्रा ने बुधवार को दमकल विभाग के अधिकारियों के साथ सूरजपुर स्थित प्रिया गोल्ड की फैक्ट्री का भौतिक सत्यापन किया।
उन्होंने बताया कि सत्यापन के दौरान कुछ कमियां पाई गई है, उनको जिलाधिकारी के संज्ञान में लाते हुए नोटिस जारी किया गया है। फैक्ट्री प्रबंधन को कमियों को दूर कराने के निर्देश दिए गए हैं। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने अग्निकांड की घटनाओं को न्यून करने के मकसद से समिति का गठन किया गया है, जिसमें नगर मजिस्ट्रेट नोएडा विवेकानंद मिश्र को अध्यक्ष बनाया गया है।
समिति में उपनिदेशक कारखाना बीके सिंह, सह अध्यक्ष मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रदीप कुमार चौबे, जिला आपदा विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी एवं सहायक निदेशक कारखाना एसके सिंह सम्मिलित हैं। भौतिक सत्यापन में आग से बचावे के इंतजाम मानक के अनुरूप नहीं मिलने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, फायर अधिनियम व फैक्ट्री एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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