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    Noida: 10 हजार किसानों को 64.7 प्रतिशत मुआवजा जल्द मिलने के आसार, यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने की बैठक

    By Jagran NewsEdited By: Abhi Malviya
    Updated: Thu, 27 Apr 2023 10:15 PM (IST)

    जेपी इन्फ्राटेक से प्रभावित दस हजार किसानों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा जल्द मिलने की उम्मीद है। किसानों से जमीन की अड़चन दूर होने पर जेपी इन्फ्रा ...और पढ़ें

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    जेपी इन्फ्राटेक से प्रभावित दस हजार किसानों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा जल्द मिलने की उम्मीद है।

    ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। जेपी इन्फ्राटेक से प्रभावित दस हजार किसानों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा जल्द मिलने की उम्मीद है। किसानों से जमीन की अड़चन दूर होने पर जेपी इन्फ्राटेक की परियोजना को पूरा करने का रास्ता साफ होगा।

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    परियोजना के घर खरीदारों को भी जल्द कब्जा मिल सकेगा। सुरक्षा रियल्टी लि. और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के बीच बृहस्पतिवार को हुई बैठक में विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा कर सहमति बनाने का प्रयास हुआ। सुरक्षा कंपनी ने प्राधिकरण को प्रस्ताव सौंपा है।

    इसमें यमुना एक्सप्रेस वे पर टोल दर व वसूली की अवधि बढ़ाने, अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेश्यो और लैंड फार डेवलपमेंट की बची हुई 79 एकड़ जमीन मांगी है। प्राधिकरण ने कंपनी के प्रस्ताव के वित्तीय विश्लेषण के लिए करी एंड ब्राउन कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी है। कंपनी एक माह में अपनी रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंपेगी।

    ग्रेटर नोएडा से आगरा तक 165 किमी लंबे यमुना एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस और आगरा जिले के किसानों की जमीन अधिगृहीत की गई थी। एक्सप्रेस वे के एवज में जेपी इन्फ्राटेक को पांच जगहों पर पांच-पांच सौ हेक्टेयर जमीन के लिए भी किसानों की जमीन अधिगृहीत हुई थी।

    इन किसानों की संख्या तकरीबन दस हजार है। अभी तक इन किसानों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा नहीं मिला है। किसान मुआवजे के लिए वर्षों से मांग कर रहे हैं। इसलिए प्राधिकरण ने एनसीएलटी में किसानों के अतिरिक्त मुआवजा वितरण के लिए 1689 करोड़ का दावा पेश किया था, लेकिन एनसीएलटी ने इसे अस्वीकार कर दिया।

    प्राधिकरण की वाह्य विकास शुल्क की मांग भी स्वीकार नहीं की। एनसीएलटी के फैसले को यमुना प्राधिकरण ने ट्रिब्यूनल में चुनौती दी है। ट्रिब्यूनल ने अतिरिक्त मुआवजे पर सुनवाई की सहमति देते हुए अपने शेष आदेश को यथावत रखा है, लेकिन नोएडा एलएफडी में 20 हजार घर खरीदार और दस हजार प्रभावित किसानों के हितों को देखते हुए सुरक्षा रियल्टी लि. और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के बीच बृहस्पतिवार को बैठक हुई।

    बैठक में सुरक्षा कंपनी ने प्राधिकरण अधिकारियों को प्रस्ताव सौंपकर यमुना एक्सप्रेस वे पर टोल दर व अवधि में वृद्धि की मांग की है। इसके साथ ही एलएफडी एक में बैलेंस एफएआर और अवशेष 79 एकड़ जमीन देने की मांग भी प्राधिकरण से की है।

    प्राधिकरण सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि प्रस्ताव का वित्तीय विश्लेषण कराया जाएगा। करी एंड ब्राउन कंपनी को इसका कार्य सौंपा है। कंपनी को एक माह में रिपोर्ट देने को कहा है। रिपोर्ट को बोर्ड की स्वीकृति के बाद प्रदेश कैबिनेट को भेजा जाएगा। घर खरीदार और किसानों के हित में उचित फैसला लिया जाएगा। 

    रिपोर्ट इनपुट- अरविंद