Nithari Kand: निठारी में गुम हुआ पायल का फोन 5 किमी दूर मिला, चार दिन में पंढेर-कोली तक पहुंची थी पुलिस
नोएडा के निठारी कांड में पुलिस को पहला सुराग पायल के फोन से मिला था। पायल पंधेर की कोठी से लापता हो गई थी। पुलिस ने पायल के मोबाइल की जांच की तो पता चला कि वह सुरेंद्र कोली के पास है। पुलिस ने कोली को अल्मोड़ा से गिरफ्तार किया। कोली और पंधेर ने अपना जुर्म कबूल कर लिया था। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी।
प्रवेंद्र सिंह सिकरवार, नोएडा। निठारी कांड। हर किसी के जहन में है। बच्चों और लड़कियों के हत्यारों की फांसी से कम सजा कोई नहीं चाहता। एक आरोपित मनिंदर सिंह पंधेर जेल से पहले ही रिहा हो चुका है। दूसरा आरोपित सुरेंद्र कोली को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है।
दिसंबर 2006 में पुलिस ने निठारी कांड का पर्दाफाश किया था। पंधेर को कोठी एक युवती पायल गई, लेकिन वापस नहीं लौटी। पुलिस को लड़के के गुम होने की सूचना मिली। पायल का मोबाइल फोन गुम होने के बाद चार हाथों में पहुंचा। उनमें सबसे पहला हाथ सुरेंद्र कोली का था।
सुरेंद्र कोली तक कैसे पहुंची पुलिस?
सुरेंद्र तक पहुंचने के लिए पुलिस ने तीन लोगों से पूछताछ की। चार दिन में पुलिस कोली तक पहुंची। कोली को पुलिस ने अल्मोडा स्थित उसके गांव से गिरफ्तार किया। निठारी कांड में 19 बच्चे और युवतियों की हत्याओं का राज अब शायद अनसुलझा ही रह जाए।
न्याय की आस में पीड़ित की पथराई आंखों में अब उम्मीद के आंसू भी सूख चुके हैं। पुलिस को 21 दिसंबर 2006 में की रात पायल की तलाश शुरू की। उसके फोन में एक नंबर चालू मिला। मोबाइल के आइएमईआइ नंबर से पुलिस बरौला गांव में राजपाल नाम के युवक के पास पहुंची।
पूछताछ में राजपाल ने बताया सिम उसके नाम है फोन संजीव चला रहा है। संजीव तक पुलिस पहुंची। उसने एक रिक्शा चालक का नाम बताया और कहा फोन उससे खरीदा है। पुलिस रिक्शा चालक तक पहुंची तो पता चला कि एक व्यक्ति उसके रिक्शे में बैठा था और फोन यहीं छोड़ गया।
उस व्यक्ति तक पहुंचना अब पुलिस के लिए पहेली था। जांच पड़ताल की तो पायल के फोन का उपयोग कोली ने अपने नाम से खरीदे नंबर को चलाने के लिए भी किया था। घनी आबादी वाले निठारी गांव में कोली को ढूंढना एक पहेली था।
वारदात का पर्दाफाश हुआ तो फूट पड़ा लोगों का आक्रोश
एक माह पुरानी कॉल डिटेल में एक लैंडलाइन नंबर पुलिस को मिला। उस नंबर पर फोन किया। पंधेर के ड्राइवर ने फोन उठाया। पुलिस ने कोली के बारे में पूछा। पंधेर से बात हुईं। उसने कोली के अल्मोडा जाने की बात कही।
पायल की तलाश करते हुए चार दिन में कोली तक पहुंच गई। कोली और पंधेर दोनों आमने सामने आए। पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल किया। पंधेर के घर से ही पायल की सैंडल मिली। आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
घटना का पर्दाफाश हुआ तो लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। दोनों आरोपितों की फांसी की मांग की जाने लगी। निठारी के नाला नंबर-4 में पायल और 19 बच्चों की हत्या करने वाले हत्यारे अभी तक बेनकाब नहीं हो सके हैं।
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