सबसे बड़ा आरएंडडी केंद्र बनकर उभरेगा माइक्रोसाफ्ट का इंडिया डेवलपमेंट सेंटर, जानिए क्या होंगी खासियतें
नोएडा में बनने जा रहा माइक्रोसाफ्ट का इंडिया डेवलपमेंट सेंटर दुनिया का सबसे बड़ा आरएंडडी सेंटर होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भूमि पूजन के दौरान यह बात कही। इस सेंटर से एनसीआर में रोजगार के साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट को भी बढ़ावा मिलेगा। उधर सेक्टर 132 में सिफी कंपनी के डाटा सेंटर का उद्घाटन किया। इससे एनसीआर में हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।

जागरण संवाददाता, नोएडा। नोएडा में माइक्राेसाफ्ट का इंडिया डवलपमेंट सेंटर विश्व का सबसे बड़ा आरएंडडी केंद्र बनकर उभरेगा। देश के बेस्ट टॉप माइंड सेंटर से जुड़कर काम करेंगे। एनसीआर में रोजगार के साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट को भी आधार मिलेगा।
यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माइक्रोसाफ्ट सेंटर के भूमि पूजन के दौरान कहीं। इससे मोदी-योगी के एआइ फर्स्ट नेशन के सपने की परवाज मिलने के कयास लगाए जा रहे हैं। उधर, इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने सेक्टर 132 स्थित सिफी इन्फिनिट स्पेसनेस कंपनी परिसर पहुंच देश के सबसे बड़े एआई सक्षम डाटा सेंटर का उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 15 एकड़ में इंडिया डवलपमेंट सेंटर बनना ना केवल नोएडा के लिए बल्कि पूरे उत्तर भारत के आईटी सेक्टर के नए युग की शुरुआत है। माइक्रोसाफ्ट ने सिद्ध किया है कि उत्तर प्रदेश निवेश के बेहतरीन डेस्टिनेशन बनकर उभरा है। माइक्रोसाफ्ट मुख्यालय के बाहर सबसे बड़ा केंद्र होगा।
माइक्रोसाफ्ट की उपस्थिति नोएडा में पहले से उपस्थिति है। यह केंद्र बनने से हैदाराबाद के बाद नोएडा में इंडिया डवलपमेंट सेंटर का नया घर होगा। आइटीसी, क्लाउड क्म्प्यूटिंग, साइबर सिक्योरिटी के हब के रूप में काम करेगा।
देश के टेक्नीकल इको सिस्टम को सुदृढता प्रदान करेगा बल्कि प्रधानमंत्री के सपनों को साकार करेगा। सेंटर की ओर से एनसीआर के शैक्षिक संस्थानों से एमओयू साइन किया जाएगा। सरकारी कर्मचारी, युवाओं को स्किल प्रोग्राम से जोड़ा जाएगा।
देश के सबसे बड़े एआई सक्षम सिफी डाटा सेंटर की खासियतें
कंपनी के स्ट्रेटजिक इन्वेस्टमेंट एंड रिलेशनशिप अध्यक्ष दलीप कौल ने बताया कि एआइ आधारित सिफी डाटा सेंटर नोएडा 2.0 में सिस्टम संचालन, परिसंपत्तियों, लोगों और प्रक्रियाओं में लगने वाले वास्तविक समय को घटाना है।
इससे उद्योगों को स्किल बेस्ड बुनियादी ढ़ाचा उपलब्ध कराना, क्षमताओं को बढ़ाना, कम विलंबता कनेक्टिविटी प्रदान करना है। इससे कम्पूटर सिस्टम में पीयूई लेबल सेविंग को बढ़ाना, उपकरणों के अपटाइम को बेहतर करना, मासिक प्रति व्यक्ति घंटे की बचत में वृद्धि करना, परिचालन लागत में कमी लाना जैसे फायदे होंगे।
इससे करीब प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से आठ से 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। उधर, यह 231 मेगावाट ग्रीन पावर से संचालित होगा और 29 प्रतिशत ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करेगा। भविष्य में रिन्यूबल एनर्जी को बढ़ावा देना है। यह सस्टेनेबिलिटी के मामले में एसरे गाइडलाइंस पर काम करेगा।
कंपनी पदाधिकारियों की मानें तो इंडिया के टापटेन बैंक, टाप चार मैन्युफैक्चरिंग, तीन मेजर हाइपरस्केलर, ग्लोबल सोशल मीडिया, ओटीटी प्लेयर और दस हजार से ज्यादा इंटरप्राइजेज कंपनी से जुड़कर काम कर रहे हैं।
आठ साल में प्रदेश सरकार ने किए बेहतर काम, दिख रहे परिणाम
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले आठ साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश ने नए भारत का नया उत्तर प्रदेश प्रस्तुत करने में सफलता हासिल की है। देश की सबसे बड़ी आबादी की स्किल को स्पीड़ के साथ जोड़ा और दौड़ाने का काम किया। यह सब प्रधानमंत्री के रिफार्म, परफार्म व ट्रांसफार्म के मंत्र से हुआ।
33 सेक्टोरल पालिसी बनाई गई है। प्रदेश में निवेश मित्र पोर्टल से निवेश को बढ़ावा और निवेश सारथी पोर्टल से आनलाइन निगरानी कराई जा रही है। प्रदेश की मोबाइल फोन बनाने में 65 प्रतिशत और इलेक्ट्रानिक उपकरणों के उत्पादन में 55 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसमें पहले पायदान पर है।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा तेजी से इलेक्ट्रानिक उपकरणों के उत्पादन में हब बन रहा है। उन्होंने कहा कि विश्व का सबसे बड़ा आयोजन महाकुंभ प्रयागराज, यह एआइ का सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरा है। प्रदेश सरकार ने पूरे क्षेत्र में एआइ की नवीन तकनीक का भरपूर उपयोग किया। कुंभ में 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई।
उन्होंने डिजिटल गवर्नेंस, डीबीटी, ई-पाश मशीन को भ्रष्टाचार की कमर तोड़ने में मददगार बनाया। आईटी संबद्ध क्षेत्र में आइआइटी कानपुर, आइआइएम लखनऊ, एसजीपीआइ के साथ मिलकर भी एआइ, फाइवजी, ब्लाकचेन टेक्नोलाजी, वायरलैस कम्यूनिकेशन, मेडीटेक के क्षेत्र में सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाए जा रहे हैं।
100 स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस दौरान राज्य सरकार में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, आइटी व इलेक्ट्रानिक्स मंत्री सुनील शर्मा, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, नोएडा प्राधिकरण सीईओ डा लोकेश एम, सिफी, माइक्रोसाफ्ट, एमएक्यू कंपनी की टीम मौजूद रही।
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