जानिये वेस्ट यूपी के दिग्गज नेता के बारे में, जिसने भाजपा, कांग्रेस समेत 16 प्रत्याशियों की जमानत करा दी थी जब्त
दादरी सीट पर सबसे अधिक दबदबा पूर्व विधायक महेंद्र सिंह भाटी का रहा। उन्होंने विधानसभा में तीन बार दादरी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। 1991 के विधानसभा ...और पढ़ें

ग्रेटर नोएडा [अंकुर त्रिपाठी]। गौतमबुद्ध नगर की दादरी सीट राजनीति का मुख्य केंद्र रही है। नोएडा विधानसभा क्षेत्र के अस्तित्व में आने से पहले दादरी सीट पर चुनावी सरगर्मी सबसे तेज होती थी। चुनावी जनसभा के लिए नेता दादरी को ही चुनते थे। यहां से दादरी नगर, देहात के साथ नोएडा तक के मतदाताओं को संदेश जाता था, इसलिए दादरी से चुने गए विधायकों का अलग ही रुतबा था। इस सीट पर सबसे अधिक दबदबा पूर्व विधायक महेंद्र सिंह भाटी का रहा। उन्होंने विधानसभा में तीन बार दादरी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। 1991 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा, कांग्रेस समेत 16 प्रत्याशियों की जमानत जब्त कर दी थी। सिर्फ एक प्रत्याशी बिहारी सिंह बागी ही जमानत बचा सके थे। उनकी हत्या के बाद हुए उपचुनाव में यह सीट महेंद्र सिंह भाटी के बेटे समीर भाटी ने जीती।
मकौड़ा गांव के रहने वाले महेंद्र सिंह भाटी की मृत्यु के बाद ही दादरी सीट पर उनके प्रभाव को प्रत्याशी अच्छी तरह जानते मानते हैं। इसलिए मकौड़ा गांव में प्रचार के लिए जाने वाला प्रत्याशी चाहे किसी दल से चुनाव लड़ रहा हो, वह महेंद्र सिंह भाटी की समाधि पर श्रद्धांजलि देना नहीं भूलता। 13 सितंबर 1992 को दादरी सीट के तत्कालीन विधायक महेंद्र सिंह भाटी की हत्या हुई थी। उस दौर में हमले में एके-47 इस्तेमाल हुआ था।
उत्तराखंड की राजनीति में भी दखल
महेंद्र सिंह भाटी के परिवार का उत्तराखंड की राजनीति में भी दखल है। उनके दामाद कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन उत्तराखंड में चार बार विधायक रह चुके हैं। इस बार उनकी पत्नी और महेंद्र सिंह भाटी की बेटी रानी देवयानी सिंह हरिद्वार में खानपुर विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।
आईने से
कौन थे महेंद्र सिंह भाटी
दादरी के मकौड़ा गांव के रहने वाले महेंद्र सिंह भाटी गुर्जर राजनीति के धुरी थे। चौपालों पर लोग महेंद्र सिंह भाटी को बड़ा गुर्जर नेता मानते थे। राजेश पायलट भी इस बात को मानते थे कि गुर्जरों में भाटी ज्यादा लोकप्रिय थे। राजेश पायलट ने महेंद्र सिंह भाटी को कांग्रेस में आने का न्योता भी दिया था। 1985 में पहली बार महेंद्र सिंह भाटी एलकेडी से विधायक चुने गए। उसके बाद वह 1989-91 में एक बार फिर विधायक हुए। वह विधान मंडल में जनता दल के उप नेता भी रहे।

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