Kargil Diwas: कैसे कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को चटाई थी धूल? कर्नल दीपक शरण ने सुनाया किस्सा
ग्रेटर नोएडा के रायन पब्लिक स्कूल में भारत रक्षा पर्व कार्यक्रम में कर्नल दीपक शरण ने कारगिल युद्ध के अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना ने कैसे विपरीत परिस्थितियों में पाकिस्तान को हराया। दुश्मन ऊंचाई पर बैठा था फिर भी भारतीय सेना ने कम संसाधनों में उन्हें हराया। सेवानिवृत्त मेजर जनरल दिनेश शर्मा ने बच्चों को सेना में भर्ती होने के लिए प्रोत्साहित किया।

जागरण संवादाता, ग्रेटर नोएडा। कारगिल युद्द में पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर किया था। जब हमारी बटालियन .4875 को खाली कराने के लिए आगे बढ़ रही थी, उस दौरान सामने दुश्मनों से निपटने के साथ ही ऊंचाई से निपटना सबसे बड़ी चुनौती थी।
लेकिन हमारी जांबाज भारतीय सेना की टीम दुश्मन के मंसूबों पर पानी फेरते हुए आगे बढ़ती रही और पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था। यह बातें शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा के सेक्टर बीटा स्थित रायन पब्लिक स्कूल में आयोजित दैनिक जागरण के भारत रक्षा पर्व कार्यक्रम में वक्ता सेवानिवृत्ति कर्नल दीपक शरण ने कहीं।
भारतीय सेना की 69 फील्ड कंपनी कमांडर 1999 कारगिल वार में सेवानिवृत्ति कर्नल दीपक शरण हिस्सा रहे है। इस दौरान इनके अंडर में 54 इंजीनियर रेजिमेंट भी थी। कारगिल युद्ध में इनकी टीम .4875 क्षेत्र पर थी, यहीं पर पाकिस्तान की टीम ने कब्जा कर लिया था।
इसे खाली कराने के लिए उनकी टीम तैयारी कर रही थी। तभी पहले से ऊंचाई पर बैठे दुश्मन घात लगाकर हमारी व्यवस्थाओं पर हमला कर दे रहे थे। क्योंकि दुश्मन पहले से ही सारी तैयारियों से लैस बैठे हुए थे। उनके पास हर चीज का भारी मात्रा में स्टाक था और हम लोग तैयारी कर रहे थे।
इस दौरान हमारी टीम के लिए सबसे चुनौती तैयारियां करने के साथ ही दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देना था और यह हम करने में सफल रहे। टीम ने कम संसाधन और सूचना के बाद भी दुश्मन को भागने पर मजबूर कर दिया।
हालांकि इस दौरान टीम को भी काफी नुकसान हुआ, लेकिन टीम लगातार आगे बढ़ती गई और दुश्मन से .4875 को खाली करा लिया। युद्द खत्म होने के बाद जवानों को मेडल आदि से भी सम्मानित किया गया। अनिल कुमार ने स्कूली बच्चों में भी देशभक्ति का जज्बा भरा।
जंग के मैदान में नाम, नमक और निशान होता है लक्ष्य
जब हम जंग के मैदान पर उतरते हैं, तो हमारा लक्ष्य नाम, नमक और निशान होता है, यानी हमारे देश और यूनिट का नाम, नमक जिसका खा रहे हैं उसके लिए प्राण की बाजी लगाना और निशान मतलब देश और यूनिट के निशान को हमेशा ऊपर रखना होता है।
बच्चों को सेना में भर्ती होने किया प्रोत्साहित
कार्यक्रम को सेवानिवृत मेजर जनरल दिनेश शर्मा ने भी संबोधित किया। बच्चों को सेना में भर्ती के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बच्चियों से राखी बंधवाई। बच्चों द्वारा बनाई गईं राखियां अब देश के रक्षा प्रहरियों के लिए दैनिक जागरण द्वारा भेजी जाएंगी।
दैनिक जागरण का प्रयास है कि रक्षा बंधन पर देश के हर सैनिक की कलाई पर बहन का रक्षा सूत्र बंधे। दिनेश शर्मा ने जागरण की पहल काे सराहा। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ सेवानिवृत्ति कर्नल दीपक शरण, सेवानिवृत मेजर जनरल दिनेश शर्मा और लेफ्टिनेंट कर्नल लाखन सिंह ने नींबू और फाइकस के पौधे लगाए।
दुश्मन के छक्के छुड़ा दें, कहते हैं हमें प्यार से इंडिया वाले
रायन पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या सुधा सिंह ने आयोजन को सराहा। कहा कि उनके स्कूल की बच्चियों द्वारा बनाई राखियां बार्डर पर देश की रक्षा कर रहे जवानों के हाथों पर बंधेंगी, जो सम्मान की बात है। आज हम सुरक्षित हैं, चैन की नींद सोते हैं तो सिर्फ बॉर्डर पर विपरीत परिस्थितियों में भी पहरा देने के कारण।
आयोजन के दौरान छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति से ओतप्रोत नृत्य व गीत की प्रस्तुति दी। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में दुश्मन के छक्के छुड़ा दें, कहते हैं हमें प्यार से इंडिया वाले आकर्षण का केंद्र रहा। मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन गाने की भी प्रस्तुति दी।

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