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    गजब है यार! हिमाचल-उत्तराखंड में रील बनाता रहा JE, लगातार मिलती रही सैलरी; ऐसे हुआ भंडाफोड़

    Updated: Tue, 18 Feb 2025 12:24 PM (IST)

    नोएडा प्राधिकरण में भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। विद्युत यांत्रिकी खंड चार में तैनात अवर अभियंता अजय देशवाल पर आरोप है कि उन्होंने एक्वा मेट्रो लाइन के नीचे लो हाइट पोल में अंडरग्राउंड केबलिंग में घोटाला किया और ठेकेदार को काम से अधिक भुगतान किया। प्राधिकरण सीईओ ने उन्हें दो महीने पहले कार्यमुक्त कर दिया था लेकिन विद्युत यांत्रिकी खंड चार ने उन्हें नहीं हटाया और उनका वेतन जारी रखा।

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    नोएडा प्राधिकरण में भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    कुंदन तिवारी, नोएडा। सेक्टर-142 से 146 तक एक्वा मेट्रो लाइन के नीचे लो हाइट पोल में अंडरग्राउंड केबलिंग में घोटाला व ठेकेदार को काम से अधिक पांच प्रतिशत भुगतान करने के आरोप में विद्युत यांत्रिकी (ईएंडएम) खंड चार में तैनात अवर अभियंता अजय देशवाल (2.5 प्रतिशत पर संविदाकार) को प्राधिकरण सीईओ डॉ. लोकेश एम ने दो माह पहले कार्यमुक्त कर दिया था।

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    सीईओ के आदेश को दरकिनार कर विद्युत यांत्रिकी खंड चार ने अवर अभियंता को नहीं हटाया, उल्टा दो माह से लगातार उसका वेतन देना जारी रखा, जबकि अवर अभियंता अपने रिश्तेदार के साथ दो माह से हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड की वादियों में रील बना कर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहा था।

    कैसे खुला मामला?

    शहर के जागरूक नागरिक की जब इस पर नजर पड़ी तो शिकायत प्राधिकरण सीईओ को भेज दी। वहीं, विक्रम यादव ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर की। उन्होंने प्रकरण की गंभीरता को समझा और बृहस्पतिवार शिकायत सीधे अपने अधीनस्थ अधिकारियों के कोर ग्रुप पर डाल दी, परिणाम यह हुआ कि आनन-फानन में अजय देशवाल शुक्रवार को पौने नौ बजे ही कार्यालय पहुंच गए।

    अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी, बखेड़ा यही से शुरू हो गया, क्योंकि ईएंडएम में उसकी तैनाती थी नहीं, उसका वेतन दो माह से जारी हो रहा था। यह सबसे बड़ा सवाल प्राधिकरण अधिकारियों सामने उभर कर आ गया है। सीईओ डॉ. लोकेश एम ने इस पूरे प्रकरण की जांच के आदेश जारी कर दिए है, दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है।

    विद्युत यांत्रिकी खंड चार व एनटीसी विभाग आपने-सामने, नहीं ली जिम्मेदारी

    इस प्रकरण में जब मूल तैनाती स्वीकृत विभाग विद्युत यांत्रिकी खंड चार में जब वरिष्ठ प्रबंधक सतेंद्र कुमार से जानकारी ली तो परत दर परत खुलनी शुरू हो गई, उन्होंने बताया कि ईएंडएम से अजय देशवाल दो माह पहले ही कार्यमुक्त हो चुके है, लेकिन स्वीकृत विभाग होने के नाते उसका वेतन इसलिए जारी हो रहा, क्योंकि इंट्रीग्रेटेड सिक्योरिटी एवं ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइएसटीएमएस) में जेई पद पर तैनात है।

    नोएडा ट्रैफिक सेल (एनटीसी) महाप्रबंधक एसपी सिंह ने उन्हें लगाया है। एनटीसी महाप्रबंधक एसपी से बताया कि उन्होंने न ही उसको तैनात किया और न ही हटाया है, पूर्व में वह विद्युत यांत्रिकी खंड दो की तरफ से यहां पर जेई का चार्ज संभाल र रहे थे, ठीक उसी प्रकार से आज भी देख रहे है। मेरे पास हटाने या कार्यमुक्त करने जैसे कोई आदेश या जानकारी नहीं आई है। जबकि विद्युत यांत्रिकी विभाग महाप्रबंधक आरपी सिंह ने बताया कि अजय देशवाल को ईएंडएम से खुद मैंने कार्यमुक्त कराया है।

    इस प्रकार जेई तैनाती का हुआ खेल

    सूत्रों के मुताबिक जेई अजय देशवाल ईएंडएम के तत्कालीन उपमहाप्रबंधक राजेश कुमार के सबसे चहेते रहे है। इसलिए उन्हें विद्युत यांत्रिकी खंड चार के साथ-साथ तीन का चार्ज भी थमाया गया। चूंकि राजेश कुमार ने विद्युत यांत्रिकी खंड दो के वरिष्ठ प्रबंधक को चार्ज भी अपने पास रखा।

    इसी के जरिये वह वरिष्ठ प्रबंधक आइएसटीएमएस भी बने। इसलिए उन्होंने उन्होंने बिना किसी आदेश के अघोषित तैनाती जेई अजय देशवाल को विद्युत यांत्रिकी खंड दो व आइएसटीएमएस में दे दी। जिसके जरिये जेई अजय देशवाल के पास पूरा शहर हो गया। अब उनके पास कोई भी लिखित दस्तावेज नहीं कि वह आइएसटीएमएस में तैनाती है, जिसकी वह पुष्टि कर सके। ऐसे में संबंधित अधिकारी इस पूरे प्रकरण में फंस गए है।

    आइएसटीएमएस में वरिष्ठ प्रबंधक का पद ही खाली पड़ा

    तत्कालीन उपमहाप्रबंधक राजेश कुमार के जून में जाने के बाद यहां पर आइएसटीएमएस में वरिष्ठ प्रबंधक का पद खाली पड़ा है। वर्तमान में विद्युत यांत्रिकी खंड दो में वरिष्ठ प्रबंधक का चार्ज जन स्वास्थ्य विभाग (प्रथम) के परियोजना अभियंता गौरव बंसल के पास है, जिन्हें आइएसटीएमएस का चार्ज नहीं दिया गया।

    जबकि आइएसटीएमएस के लिए सेफ सिटी परियोजना पर काम चल रहा है, यह कार्य विद्युत यांत्रिकी खंड तीन वरिष्ठ प्रबंधक रविंदर कुमार देख रहे है, जिनके पास भी आइएसटीएमएस का लिखित पढ़त में चार्ज नहीं है, लेकिन एनटीसी महाप्रबंधक एसपी सिंह के निर्देश पर आइएसटीएमएस से होने वाले पत्राचार पर अधिकार के साथ हस्ताक्षर कर रहे है।