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    Noida News: आउटसोर्स कर्मियों का PF जमा न करने की जांच शुरू, ब्लैक लिस्ट हो सकती है कंपनी

    Updated: Wed, 15 May 2024 08:29 AM (IST)

    जिला अस्पताल में करीब 250 कर्मचारियों का पीएफ खाते में निजी एजेंसी द्वारा भुगतान लेने के बाद भी जमा नहीं किए जाने के मामले में जांच शुरू हो गई है। जिला अस्पताल में मैनपावर आउटसोर्सिंग एजेंसी परफैक्ट लाव्या सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कर्मचारियों के वेतन से कटौती के साथ ईएसआइ और पीएफ जमा नहीं करने का मामला सामने आया था।

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    आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का पीएफ जमा नहीं करने की जांच शुरू

    जागरण संवादादाता, नोएडा। सेक्टर-39 जिला अस्पताल में करीब 250 कर्मचारियों का पीएफ खाते में निजी एजेंसी द्वारा भुगतान लेने के बाद भी जमा नहीं किए जाने के मामले में जांच शुरू हो गई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अस्पताल प्रबंधन से दस्तावेज मांगे हैं। कर्मचारियों के उपस्थिति रिकार्ड, बिल भुगतान के रिकॉर्ड लिए है। आउटसोर्सिंग एजेंसी को जवाब देने को कहा है।

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    इस वर्ष फरवरी के प्रथम सप्ताह में जिला अस्पताल में मैनपावर आउटसोर्सिंग एजेंसी परफैक्ट लाव्या सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कर्मचारियों के वेतन से कटौती के साथ ईएसआइ और पीएफ जमा नहीं करने का मामला सामने आया था। सीएमएस डॉ. रेनू अग्रवाल ने एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई को शासन के अलावा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के आयुक्त को पत्र लिखा है। कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी है।

    कंपनी पर 2021 में पीएफ नहीं जमा करने का आरोप

    जांच के दौरान पता चला था कि अनुबंध के तहत अस्पताल में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर, टाइपिस्ट, एक्स-रे टेक्नीशियन, ओटी टेक्नीशियन, लैब टेक्नीशियन, ईसीजी टेक्नीशियन को प्रतिमाह 15,528, वार्ड ब्वाय और वार्ड आया को 8640, फार्मासिस्ट को 18585, फिजियोथेरेपिस्ट को 20660, एडमिन आफिसर को 20660, स्टाफ नर्स को 18780, चालक को 18585, सुरक्षा गार्डों को 16100 रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जाना था, लेकिन एजेंसी द्वारा डाटा एंट्री ऑपरेटर के खाते में 10500 और गार्डों को नौ हजार प्रतिमाह वेतन दिया गया।

    अस्पताल के डाटा एंट्री ऑपरेटर योगेश, अंजुम, वार्ड ब्वाय पुरुषोत्तम, संदीप ने इस संबंध में सीएमएस से शिकायत की थी। आरोप है कंपनी द्वारा-2021 में पीएफ नहीं जमा किया गया था। वेतन भी कम दिया जाता है।

    अस्पतालों के गार्डों ने भी सीएमएस को लिखे पत्र में कहा है कि उनसे पूरे माह ड्यूटी ली जाती है। अवकाश लेने पर वेतन काट लिया जाता है। वेतन स्लिप, ईएसआइ कार्ड, पीएफ खाता नंबर की आज तक जानकारी नहीं दी है। अस्पताल की सुरक्षा में 45 के बजाए 35 गार्ड लगाने की शिकायत मिली थी।

    टेंडर निरस्त होने के बाद उठा था विवाद

    पूरा विवाद परफैक्ट लाव्या का टेंडर खत्म होने के बाद उठा था। फर्जी डीडी की शिकायत पर सीएमएस ने पैंथर का टेंडर निरस्त कर दिया था। वहीं, मामले को लेकर आउटसोर्सिंग एजेंसी कोर्ट पहुंच गई थी।

    आचार संहिता लगने के कारण कर्मचारियों का वेतन अटक गया। सीएमएस ने पिछले दिनों परफैक्ट लाव्या को कर्मचारियों का भुगतान करने को खाते में वेतन दिया है। कर्मचारियों का पीएफ जमा कराना जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधन की है।