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    UP Lift Act: उत्तर प्रदेश में 5 सालों के संघर्ष पर लिफ्ट एक्ट का मरहम, लागू करना होगी बड़ी चुनौती

    पांच वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद UP Lift Act लागू तो हो गया लेकिन अब इसे लागू कराना भी बड़ी चुनौती होगी। बात यदि गौतमबुद्ध नगर की करें तो नोएडा व ग्रेटर नोएडा में छह सौ से अधिक हाइराइज सोसायटी हैं। जिसमें करीब 10 लाख लोग निवास कर रहे हैं। पांच साल के लंबे संघर्ष के बाद लिफ्ट एक्ट लागू तो हो गया।

    By Ajab Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 11 Feb 2024 08:20 AM (IST)
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    UP Lift Act: उत्तर प्रदेश में 5 सालों के संघर्ष पर लिफ्ट एक्ट का मरहम, लागू करना होगी बड़ी चुनौती

    अजब सिंह भाटी, ग्रेटर नोएडा। UP Lift Act News : बहुमंजिला इमारतों में लिफ्ट गिरने व तकनीकी खामी आने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए लिफ्ट एंड एस्कलेटर विधेयक 2024 को मंजूरी मिलने के बाद बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली है।

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    नोएडा व ग्रेटर नोएडा में हैं 600 से अधिक हाइराइज सोसायटी

    पांच वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद लिफ्ट एक्ट लागू तो हो गया, लेकिन अब इसे लागू कराना भी बड़ी चुनौती होगी। बात यदि गौतमबुद्ध नगर की करें तो नोएडा व ग्रेटर नोएडा में छह सौ से अधिक हाइराइज सोसायटी हैं। जिसमें करीब 10 लाख लोग निवास कर रहे हैं। पांच साल के लंबे संघर्ष के बाद लिफ्ट एक्ट लागू तो हो गया, लेकिन अब इसे लागू कराना भी प्रशासन व प्राधिकरण के सामने बड़ी चुनौती होगी।

    हाइराइज सोसायटियों के साथ औद्योगिक और संस्थागत इकाइयों में लिफ्टों को एक्ट के दायरे में लाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। दरअसल अभी तक लिफ्ट लगाने के बाद रखरखाव के दृष्टिगत कोई नियम नहीं बनाए गए थे। फ्लैटों में कब्जा मिलने से पहले लिफ्ट का नियमित रखरखाव न होने की वजह से उनमें तकनीकी खामी आ चुकी है।

    आए दिन हो रहे हादसे

    आए दिन लिफ्ट हादसें हो रहे हैं। बड़ी समस्या यह है कि लिफ्ट की वारंटी व गारंटी भी समाप्त हो चुकी है। लागू एक्ट में बहुमंजिला इमारतों के साथ निजी व सार्वजनिक परिसरों में लिफ्ट संचालन के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य है।

    अधिकारी लिफ्ट एक्ट को लेकर अधिकारिक तौर पर किसी तरह का निर्देश न आने का हवाला दे रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है। एक्ट के नियमों का सख्ती से पालन हो इसकी कार्ययोजना बैठकर तैयार की जाएगी।

    पूर्व में हो चुके हैं कई दर्दनाक हादसें

    नोएडा, ग्रेटर नोएडा की सोसायटियों में तकनीकी खामी आने के बाद लिफ्ट गिरने या फिर लोगों के फंसने की घटनाएं घटित हो चुकी हैं। किसी की जवाबदेही तय न होने की वजह से किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती थी।

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    डर के साये में रह रहे लोग

    पिछले साल नोएडा के सेक्टर 137 स्थित पारस टियेरा सोसायटी में लिफ्ट गिरने से एक बुजुर्ग महिला की मौत व 15 सितंबर 2023 को ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित आम्रपाली ड्रीम वैली बिल्डर परियोजना में लिफ्ट गिरने से आठ कामगारों की मौत हो गई थी। जिसके बाद से लोग डर के साये में रहकर लिफ्ट में सफर करने को मजबूर थे। लिफ्ट एक्ट लागू हो जाने के बाद लोगों को कहीं न कहीं उस डर से भी मुक्ति मिलेगी।

    2016 से की जा रही थी मांग

    शहर बसावट के बाद लोगों को इस समस्या का सबसे अधिक सामना करना पड़ा। जिसके पश्चात वर्ष 2016 में निवासियों ने किसान चौक पर एकजुट होकर महाराष्ट्र व दिल्ली की तर्ज पर लिफ्ट एक्ट की मांग की। लोक निर्माण विभाग ने वर्ष 2018 में लिफ्ट एंड एलिवेटर एक्ट लागू करने के लिए ड्राफ्ट तैयार किया था।

    नोएडा की पारस टियरा सोसायटी में लिफ्ट गिरने से हुई बुजुर्ग महिला की मौत के बाद दैनिक जागरण ने अभियान चलाकर लोगों की आवाज बुलंद की थी। जिसके पश्चात जन प्रतिनिधियों ने सरकार से एक्ट लागू करने की मांग की थी।

    लिफ्ट एक्ट की गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है। दिए गए बिंदुओं को कड़ाई से लागू कराया जाएगा।

    -मनीष कुमार वर्मा, जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर