Noida News: मौत के साये में जिंदगियां, चौंका देगी ये रिपोर्ट; आखिर कब एक्शन में आएंगे अफसर?
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में डूब क्षेत्र और गांवों में बिना नक्शा पास कराए अवैध निर्माण तेज़ी से हो रहा है। 2018 में शाहबेरी में इमारत गिरने की घटना के बाद भी कोई सबक नहीं लिया गया है। कॉलोनाइजर मानकों की अनदेखी कर रहे हैं जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। प्राधिकरण की कार्रवाई केवल दिखावटी होती है।

अर्पित त्रिपाठी, ग्रेटर नोएडा। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में डूब क्षेत्र और गांवों में बिना नक्शा पास कराए धड़ल्ले से अवैध निर्माण कराया जा रहा है। 2018 में शाहबेरी गांव में तेज वर्षा के बाद दो इमारतें गिर गईं थीं। इसमें नींव कमजोर होने की बात सामने आई थी। इमारत गिरने से नौ लोगों की मौत हो गई थी।
इस घटना को बीते करीब सात वर्ष हो गए हैं। उसके बाद भी अवैध निर्माण पर रोक नहीं लग सकी है। दो वर्ष पहले ही नोएडा प्राधिकरण ने स्ट्रक्चरल आडिट पालिसी लागू की थी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अब तक पॉलिसी लागू नहीं कर सका है, जबकि दो वर्ष पहले ही बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास हो गया है।
वहीं, कॉलोनाइजर ने अवैध इमारतों का मकड़जाल फैला रखा है। मानकों की अनदेखी कर चार-पांच मंजिला मकान बना रखे हैं, जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं।
सैकड़ों की तादाद में अवैध कॉलोनियां
ग्रेटर नोएडा के वेदपुरा, शाहबेरी, बिसरख, देवला, खेड़ी, सुनपुरा, रोजा जलालपुर, हल्दौनी, अच्छेजा, पतवाड़ी, तुस्याना, खेड़ा चौगानपुर, ऐमनाबाद, चिपियाना बुजुर्ग, चक शाहबेरी, पुराना हैबतपुर डूब क्षेत्र के कुलेसरा में कालोनाइजर ने अवैध कालोनी काट निर्माण करा दिया है। आज भी निर्माण जारी है।
प्राधिकरण की ओर से कार्रवाई तो की जाती है, लेकिन कार्रवाई सिर्फ वहां होती है, जहां चारदीवारी या सिर्फ कुछ निर्माण ही हुआ होता है। नोएडा में प्राधिकरण की ओर से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के डूब क्षेत्र व गांवों में बसी कालोनियों को अवैध घोषित किया जा चुका है।
नगली वाजिदपुर सेक्टर 101, 102, 104, 105, 106, 107, 108. 110, 136, 137, 141, 142, 143, 143ए, 143बी, 144 के साथ गांव सलारपुर, हाजीपुर, गेझा तिलपताबाद, भंगेल बेगमपुर, गढ़ी और शाहदरा में अवैध रूप कालोनियां बनाई जा रही हैं।
नक्शा पास किया बिना हो रहा निर्माण
गांव में बिना नक्शा पास किए ही निर्माण करा दिया जा रहा है। ऐसे में कालोनाजर मानकों की अनदेखी करने के साथ ही कम गुणवत्ता का सामान इस्तेमाल करते हैं। नींव की गहराई, बीम की चौड़ाई आदि पर ध्यान न देकर चार से पांच मंजिला मकान बना दिए गए हैं।
इसके साथ ही कुछ गांवों में विला तक बना दिए गए हैं। चार-पांच मंजिला मकान में 30 से 40 किरायेदार रह रहे हैं। गांवों में घर के निर्माण के लिए प्राधिकरण से नक्शा पास कराना चाहिए। नक्शा पास कराने में कई मानकों को ध्यान में रखना होगा, ऐसे में कालोनाइजर नक्शा पास नहीं कराते।
ध्वस्त इमारत में रह रहे लोग
ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित महागुन मार्ट के पास एक इमारत को प्राधिकरण ने ध्वस्त कर दिया था। इमारत की नींव तोड़ दी गई है। बावजूद इसके वहां लोग रह रहे हैं। यहां कभी भी हादसा हो सकता है। जिले में करीब दो हजार इमारतें जर्जर घोषित हैं।
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जिला प्रशासन व प्राधिकरणों को इन इमारतों की जांच करानी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। दादरी तहसील की पुरानी इमारत भी जर्जर हो गई है। जर्जर इमारतें के नीचे वाहन खड़े होते हैं, साथ ही कुछ दुकानें भी हैं। हादसे की हमेशा आशंका बनी रहती है। जर्जर इमारत को तोड़ने और यहां पार्किंग की व्यवस्था करने की मांग पिछले चार वर्ष से की जा रही है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही।

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