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    नोएडा जिला अस्पताल में 40 और बेड पर मिलेगी आइसीयू की सुविधा, तीन दिन में 11 मरीज हो चुके हैं भर्ती

    By MOHD BilalEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Thu, 22 Jun 2023 09:35 AM (IST)

    Noida News शासन स्तर से नए बेड की स्थापना के लिए जगह तलाशी शुरू कर दी है। आइसीयू वार्ड के नोडल अधिकारी डा हरी मोहन गर्ग ने बताया कि अस्पताल के इमरजेंसी से सटा हुआ प्रथम तल पर आइसीयू वार्ड शुरू हो गया है। आइसीयू के संचालन से ट्रामा सेंटर आपरेशन व अन्य बीमारियों से ग्रसित गंभीर रोगियों को जिला अस्पताल से रेफरल में कमी आई है।

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    नोएडा जिला अस्पताल में 40 और बेड पर मिलेगी आइसीयू की सुविधा

    नोएडा, जागरण संवाददाता। नोएडा के सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल में 20 बेड का मेडिकल इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) वार्ड व छह बेड का उच्च निर्भरता इकाई (एचडीयू) शुरू होने के बाद यहां मरीजों को भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया गया है। तीन दिन में 11 मरीजों को भर्ती किया जा चुका है।

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    वहीं शासन स्तर से अस्पताल में अब 40 और बेड पर आइसीयू की सुविधा मिलेगी। शासन स्तर से नए बेड की स्थापना के लिए जगह तलाशी शुरू कर दी है। आइसीयू वार्ड के नोडल अधिकारी डा हरी मोहन गर्ग ने बताया कि अस्पताल के इमरजेंसी से सटा हुआ प्रथम तल पर आइसीयू वार्ड शुरू हो गया है।

    आइसीयू के संचालन से ट्रामा सेंटर, आपरेशन व अन्य बीमारियों से ग्रसित गंभीर रोगियों को जिला अस्पताल से रेफरल में कमी आई है। अस्पताल में आइसीयू शुरू होने से निजी अस्पताल में भारी भरकम रकम खर्च करने से भी बचत हुई है।

    सभी वार्ड ब्वाय को सेक्शन मशीन, डी फैब्रिवेटर, पल्स आक्सीमीटर, वेंटिलेटर सहित जरूरी मशीनें का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सभी बेड पर वेंटिलेटर की सुविधा है।

    अस्पताल के मेडिकल आइसीयू में अभी हैं 20

    अस्पताल के मेडिकल आइसीयू में अभी 20 बेड हैं। भविष्य में इसे बढ़ाया जाएगा। जिससे अधिक गंभीर रोगियों को भर्ती किया जा सके। बेड बढ़ने से रोगियों को यहीं पर आइसीयू में भर्ती किया जा सकेगा।

    इससे स्वजन को रोगियों को मजबूरन रेफर करने या प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाने की समस्या नहीं रहेगी। हृदय रोगियों, सांस के रोगियों को विशेषकर इससे राहत मिलेगी। वेंटीलेटर का भी सदुपयोग हो सकेगा। वहीं स्टाफ और संसाधन बढ़ा जा सकेंगे।

    रेफरल में आई 25 प्रतिशत की कमी अस्पताल में आइसीयू सेवा शुरू होने के बाद रेफरल में करीब 25 प्रतिशत की कमी आई है। खासतौर से मेडिसिन के मरीजों को राहत पहुंची है। हालांकि ट्रामा, गर्भवती को अभी भी दिल्ली भेजना पड़ रहा है।

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