प्रदूषित पानी और भोजन से बढ़ रहा हेपेटाइटिस, बीमारी से बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय
मानसून में लापरवाही के कारण हेपेटाइटिस का संक्रमण तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहा है। यह खून के माध्यम से लीवर में प्रवेश करता है। चिकित्सकों का कहना है कि प्रदूषित पानी और खानपान से हेपेटाइटिस (Hepatitis) संक्रमण बढ़ रहा है।

नोएडा, जागरण संवाददाता। शहर में हेपेटाइटिस-बी और सी का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है। जिला अस्पताल में खुली हेपेटाइटिस क्लीनिक में डेढ़ माह में 45 संदिग्धों की जांच में चार लोगों में हेपेटाइटिस (Hepatitis) की पहचान की गई है। इनमें एक मरीज हेपेटाइटिस बी और तीन मरीज हेपेटाइटिस सी के हैं।
जिला अस्पताल में हेपेटाइटिस क्लीनिक के नोडल अधिकारी डा. अशोक शुक्ला का कहना है कि 45 लोगों में लक्षण दिखने पर सैंपल लेकर जांच के लिए मेरठ स्थित मेडिकल कालेज भेजे गए थे। 22 लोगों की प्राप्त जांच रिपोर्ट में तीन मरीज हेपेटाइटिस-सी और एक मरीज हेपेटाइटिस-बी से संक्रमित मिला है।
प्यासे रह जाएं पर पानी शुद्ध पीएं
इनमें लिवर सिरोसिस की शुरुआत देखी जा रही है। मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदूषित पानी और खानपान से हेपेटाइटिस संक्रमण बढ़ रहा है। बी व सी के मरीज पहले से ही बढ़ते जा रहे हैं, मरीजों को सलाह दी जा रही कि प्यासे रह जाएं पर पानी शुद्ध पीएं।
लापरवाही से बढ़ रही बीमारी
मानसून में लापरवाही के कारण हेपेटाइटिस का संक्रमण तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहा है। यह खून के माध्यम से लीवर में प्रवेश करता है। फेलिक्स अस्पताल की फिजीशियन डा. अंशुमाला सिन्हा का कहना है कि बृहस्पतिवार को विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर अस्पताल पहुंचे लोगों को बीमारी के प्रति जागरूक किया गया है।
लीवर में आ जाती है सूजन
हेपेटाइटिस के चलते लीवर में सूजन आ जाती है। जहां हेपेटाइटिस ए और ई संक्रमण दूषित भोजन करने व दूषित पानी पीने से होता है, वहीं हेपेटाइटिस-बी संक्रमित रक्त, फ्लूड चढ़ने और संक्रमित से यौन संबंध बनाने पर होता है, जबकि हेपेटाइटिस-सी संक्रमित रक्त चढ़ाने और संक्रमित इंजेक्शन लगाने से होता है।
बचाव के उपाय
हेपेटाइटिस से बचाव के लिए जरूरी है कि शराब पीने से बचें। सफाई का ध्यान रखें। तैलीय, मसालेदार खाद्य पदार्थों से बचे। हरे पत्तेदार सब्जियां, विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थ, नारियल पानी का सेवन करें।
हेपेटाइटिस के लक्षण
त्वचा और आंखों का पीला पड़ना, थकान होना, कमजोरी महसूस करना, उल्टी-पेट में दर्द और सूजन, भूख कम लगना, वजन घटना, पेशाब का रंग गहरा होते जाना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं।
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