सोमिता ने ली थी 16 घंटे बाइक चलाने की ट्रेनिंग, नोएडा में 7 साल से अवैध रूप से संचालित थी एकेडमी; अधिकारियों को भनक नहीं
सॉफ्टवेयर इंजीनियर की गुरुग्राम में बाइक चलाते समय सड़क हादसे में मौत हो गई। मृतक महिला ने नोएडा के सेक्टर-135 स्थित यमुना के डूब क्षेत्र में संचालित एक अवैध बाइक ट्रेनिंग एकेडमी से प्रशिक्षण लिया था। यह एकेडमी सात साल से अवैध रूप से संचालित थी। इस घटना के बाद नोएडा परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। सवाल करने पर अधिकारी पल्ला झाड़ रहे हैं।

मुनीश शर्मा, नोएडा। सेक्टर-135 स्थित यमुना के डूब क्षेत्र में सात वर्ष (वर्ष 2018) से अवैध रूप से लेट्स राइड नाम से महिलाओं के लिए बाइक ट्रेनिंग एकेडमी संचालित हो रही है, लेकिन उप संभागीय परिवहन कार्यालय के तैनात अधिकारियों को इस बात की भनक तक नहीं लगी।
आश्चर्य करने वाली वाली बात यह है कि जब उन्हें इस जानकारी से अवगत कराया गया कि यहां से 16 घंटे का प्रशिक्षण लेने वाली लखनऊ निवासी सोमिता की गुरुग्राम में बाइक चलाते समय सड़क हादसे में मौत हो गई, उसके बाद भी विभागीय अधिकारी नहीं चेते।
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जिम्मेदार ने झाड़ लिया पल्ला
उल्टा सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी डॉ. सियाराम वर्मा (प्रशासन) ने सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) डॉ. उदित नारायण पांडेय पर कार्रवाई करने का अधिकारी होने की बात कह अपना पल्ला झाड़ लिया।
जब डॉ. उदित नारायण पांडेय से सवाल किया गया तो वह इस प्रकार की एकेडमी शहर में संचालित हो रही है, इसकी जानकारी से अनभिज्ञता जताई, जिसने उनकी कार्य प्रणाली को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया, क्योंकि शहर में किसी प्रकार की अवैध रूप से मोटर या बाइक ड्राइविंग स्कूल या एकेडमी का संचालन होने पर उसे सील करने का अधिकार ही उनके पास है।
पुलिस थाना परिसर में खड़ी वरना कार। इसी कार से हुआ था हादसा। सौ. पुलिस
उधर, इस प्रकरण पर जब विभाग में तैनात आरआई विनय कुमार सिंह से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने इस प्रकार का किसी भी मोटर या बाइक ड्राइविंग स्कूल या एकेडमी संचालित होने की जानकारी से इनकार किया, जबकि मेरठ स्थित उप परिवहन आयुक्त (डीपीसी) से जब मोटर ट्रेनिंग स्कूल संचालित करने का लाइसेंस लेकर कोई एकेडमी या स्कूल शहर में प्रशिक्षण देना शुरू करता है, उसकी सूची विभाग में मौजूद रहती है।
उसी सूची के आधार पर शहर में जब आरआई जांच करने के लिए निकलते है, बिना पंजीयन वाले स्कूल व एकेडमी की वैध व अवैध होने का प्रमाण देते है, जिसके आधार पर प्रवर्तन अधिकारियों सीलिंग की कार्रवाई करते है।
ऐसे में शहर में बाइक का प्रशिक्षण देने वाली एकेडमी की जानकारी विभागीय अधिकारियों को नहीं रही। यह बात गले नहीं उतर रही है। यह हाल उस जिले का है, जहां पर लंबे समय तक जिलाधिकारी के पद पर बीएन सिंह तैनात रहे है, जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त हैं।
संचालक ने कहा- नहीं है लाइसेंस की अवश्कता
कुलदीप का कहना है कि जहां पर हादसा वाली जगह पर मोड़ था। यह कहना कि बाइक ओवरस्पीड थी और स्पोर्ट्स बाइक थी, तो वह गलत है। वरना कार चालक ने सामने की ओर से सोमिता की बाइक में टक्कर मारी थी। बीएमडब्ल्यू कंपनी की बाइक सुपरबाइक (350 सीसी से अधिक क्षमता) नहीं थी।
बाइक एकेडमी के नाम पर है लेकिन सोमिता ने एकेडमी सेे बाइक किराये पर नहीं ली थी। कुलदीप ने ओवर स्पीड को लेकर कहा कि वह महिलाओं को बाइक चलाने के लिए प्रशिक्षण देते हैं ना कि किसी को ओवर स्पीड़ में बाइक चलाने के लिए प्रेरित करते हैं। एकेडमी संचालन के लिए किसी लाइसेंस की अनिवार्यता होने से भी इनकार किया।
वर्ष 2018 से चली रही एकेडमी
लेट्स राइड एकेडमी की शुरुआत गौतमबुद्धनगर के भट्टा पारसौल गांव के बीटेक पास व एमएनसी में कार्यरत कुलदीप ने वर्ष 2018 में की थी। शुरुआत में एकेडमी डी टूर के नाम से जानी जाती थी।
अब तक चार हजार महिलाओं को बाइक चलाना सीखा चुके हैं। आठ स्टाफ द्वारा एकेडमी में 16 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें चार चरण पार करने होते हैं। इसके एवज में सात से आठ रुपये की फीस लेते हैं।
करीब छह बीघे के परिसर में सामान्य बाइक से ऊबड़ खाबड़ से लेकर ढलान, गड्ढे आदि जैसी परिस्थिति में बाइक चलाने का प्रशिक्षण देते हैं। उन्होंने एकेडमी शुरू करने के पीछे का कारण वर्ष 2017 में अपने दोस्त की नोएडा गोल्फ कोर्स रोड पर सड़क हादसे में मौत होना बताया।
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