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    Greater Noida Data Center: 60 लाख HD फिल्मों जितना होगा डाटा स्टोर, विदेशों पर निर्भरता होगी कम

    By Arpit TripathiEdited By: Geetarjun
    Updated: Tue, 01 Nov 2022 01:36 AM (IST)

    Greater Noida Data Center 50 मेगावाट की क्षमता वाले इस डाटा सेंटर स्टोरेज का आकलन इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें 60 लाख हाई डेफिनेशन (एचडी) की फिल्मों जितने डाटा को स्टोर किया जा सकता है।

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    Greater Noida Data Center: 60 लाख HD फिल्मों जितना होगा डाटा स्टोर, विदेशों पर निर्भरता होगी कम

    नोएडा, जागरण संवाददाता। ग्रेटर नोएडा में शुरू हुआ योट्टा डी1 डाटा सेंटर उत्तर भारत के डाटा सेंटर का गेटवे होने के साथ ही कई बिंदुओं में खास है। 250 मेगावाट की क्षमता वाले इस डाटा सेंटर स्टोरेज का आकलन इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें 60 लाख हाई डेफिनेशन (एचडी) की फिल्मों जितने डाटा को स्टोर किया जा सकता है।

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    एक एचडी फिल्म 2-4 गीगाबाइट जितनी होती है। इसके साथ ही उत्तर भारत के 5जी नेटवर्क को इसी सेंटर से सभी टेलीकम्यूनिकेशन कंपनी को डाटा उपलब्ध कराया जाएगा।

    उत्तर भारत का गेटवे

    हीरानंदानी ग्रुप के सह संस्थापक व सीईओ सुनील गुप्ता ने बताया कि यह डाटा सेंटर उत्तर भारत का गेटवे साबित होगा। 250 मेगावाट की क्षमता वाले सेंटर को 1,500 करोड़ रुपये में बनाया गया है। कुल पांच हजार करोड़ रुपये में पूरी परियोजना तैयार होगी। यह 28.8 मेगावाट की आइटी लोड की क्षमता है। सात सर्वर फ्लोर पर 5000 सर्वर रैक हैं।

    इसके अलावा सोमवार को डी2 व डी3 की आधारशिला रखी गई। इस डाटा सेंटर के बनने के अब हमारी अमेरिका, यूरोप व सिंगापुर की निर्भरता काफी हद तक समाप्त हो जाएगी।

    5जी नेटवर्क को ग्रेनो से मिलेगा डाटा

    सुनील गुप्ता ने बताया कि हाइपर स्केल डाटा सेंटर श्रेष्ठ कनेक्टिविटी को दर्शाता है। अमेरिका और यूरोप के डाटा सेंटर की तुलना में यह काफी अत्याधुनिक है और स्टोरेज की क्षमता भी अधिक है। पिछले दिनों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5जी सुविधा देश को समर्पित की थी।

    यह हमारे लिए गर्व की बात है कि उत्तर भारत की सभी बड़ी टेलीकम्यूनिकेशन कंपनियों के 5जी नेटवर्क का डाटा इसी सेंटर से उपलब्ध कराया जाएगा।

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    विदेश की निर्भरता होगी खत्म

    डाटा सेंटर के बनने से अब विदेश में डाटा स्टोर करने की निर्भरता काफी हद तक कम हो जाएगी। पिछले कुछ वर्षों तक अमेरिका, यूरोप व सिंगापुर में डाटा सेंटर में स्टोर कराया जाता था। देश में पिछले 10 वर्षों में इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म, आधार कार्ड की जानकारियां, बैंकिंग का डाटा, मोबाइल एप आदि का उपयोग काफी बढ़ गया है।

    इन सभी का डाटा समेटने की क्षमता काफी कम थी। इसी को ध्यान में रखते हुए डाटा सेंटर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा किया जा रहा है।