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    ग्रेटर नोएडा में 2000 करोड़ की जमीन पर चलेगा बुलडोजर! दबंगों ने कब्जा करके काट दी अवैध कॉलोनी

    Updated: Mon, 05 Feb 2024 02:58 PM (IST)

    कॉलोनाइजरों ने प्राधिकरण की करीब दो लाख वर्ग मीटर जमीन पर जमीन पर अवैध कॉलोनियां काट दी। ताज्जुब की बात ये है कि इस जमीन का प्राधिकरण मुआवजा भी दे चुकी है। वहीं कुछ जमीन पर प्राधिकरण 64 प्रतिशत का अतिरिक्त मुआवजा भी दे चुकी है। इस जमीन की कीमत करीब दो हजार करोड़ रुपये है। प्राधिकरण ने सुभाष यादव समेत 20 कॉलोनाइजर को चिह्नित किया है।

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    ग्रेटर नोएडा में 2000 करोड़ की जमीन पर चलेगा बुलडोजर

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की मुआवजा उठाई जमीन पर कॉलोनाइजर द्वारा कॉलोनी काटे जाने का मामला लखनऊ तक पहुंच गया है। औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज सिंह ने बिसरख, जलपुरा व हैबतपुरा में प्राधिकरण की करीब दो लाख वर्ग मीटर जमीन पर काटी गईं अवैध कॉलोनियों को लेकर मामले की पूरा रिपोर्ट मांगी है।

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    कॉलोनाइजर पर गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की तैयारी

    इस जमीन की कीमत करीब दो हजार करोड़ रुपये है। जानकारी के अनुसार, प्राधिकरण ने सुभाष यादव समेत 20 कॉलोनाइजर को चिह्नित किया है। इन सभी की कुंडली खंगाली जा रही है। प्राधिकरण के मुताबिक, इन कॉलोनाइजर द्वारा खरीदी गई अन्य संपत्तियों की भी जानकारी जुटाई जा रही है।

    इन पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। इन तीन गांवों में कॉलोनाइजर ने वर्ष 2016 से 2023 के बीच जमीन खरीदी है। इस समयावधि के दौरान प्राधिकरण में कार्यरत अधिकारियों की भी जांच की जा रही है।

    आठ वर्ष तक कटती रहीं अवैध कॉलोनियां

    ग्रेटर नोएडा वेस्ट के विकास की रफ्तार वर्ष 2016 से शुरू हुआ था। कई बिल्डर सोसाइटियां, संस्थान, कमर्शियल परियोजनाएं ने पैर जमाने शुरू कर दिए थे। 2016 के बाद से ही बसावट भी तेजी से होने लगी। जमीन की कीमत लगातार बढ़ने लगी। जमीन की बढ़ती कीमत को देखते हुए कॉलोनाइजर भी सक्रिय हो गए और जमीन कब्जाने की शुरुआत होने लगी।

    2016 से 2023 के बीच धड़ल्ले से अवैध कॉलोनियां कटने लगीं। बिसरख के डूब क्षेत्र, हैबतपुर और जलपुरा में करीब दो लाख वर्ष मीटर जमीन पर अवैध कब्जा तक मकान और विला बनने लगे। ताज्जुब की बात ये है कि इस जमीन का प्राधिकरण मुआवजा भी दे चुकी है। वहीं कुछ जमीन पर प्राधिकरण 64 प्रतिशत का अतिरिक्त मुआवजा भी दे चुकी है। प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारी आंख मूंदे रहे। अब इन आठ वर्षों के दौरान तैनात अधिकारी और कर्मचारी भी जांच के दायरे में आ गए हैं।

    बस गईं अवैध कॉलोनियां

    प्राधिकरण की अधिग्रहित और मुआवजा उठी जमीन का निगरानी के लिए प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों से पास जिम्मेदारी होती है। विकास परियोजनाओं के लिए खरीदी गई जमीन पर अवैध कब्जा न हो इसके लिए नियमित तौर पर मौके पर निरीक्षण करना होता है। बावजूद इसके इतनी बड़ी जमीन पर अवैध कॉलोनियां बस गईं। ऐसे में 2016 से 2023 के बीच वर्क सर्किल समेत प्राधिकरण कार्यालय पर तैनात अधिकारी व कर्मचारी सवालों के घेरे में आ गए हैं। उधर अब प्राधिकरण ने कालोनाइजर को चिह्नित कर लिया है। इसकी सूची जल्द शासन को भी भेजी जाएगी।

    किसी भी स्थिति में प्राधिकरण की जमीन पर अवैध निर्माण नहीं होने दिया जाएगा। जिस जमीन पर अवैध कब्जा है उन्हें जल्द कब्जा मुक्त कराया जाएगा। इसको लेकर कार्ययोजना तैयार की जा रही है। - अन्नपूर्णा गर्ग, एसीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण