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    Bulldozer Action: ग्रेटर नोएडा में जमकर गरजा बुलडोजर, अथॉरिटी की कार्रवाई से मचा हड़कंप

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 11:07 AM (IST)

    ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने हाई कोर्ट के आदेश पर साकीपुर गांव में अतिक्रमण हटाया। यह जमीन एक किसान को आवंटित थी जिस पर कुछ लोगों ने कब्जा करने की कोशिश की थी। किसान सभा ने इस कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि यह पुश्तैनी आबादी है और प्राधिकरण किसानों को आपस में लड़ा रहा है।

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    साकीपुर गांव मेें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की टीम ने ध्वस्त कराया अवैध निर्माण। वीडियो ग्रैब

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने हाई कोर्ट के आदेश पर साकीपुर गांव में रविवार को अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई कर जमीन को खाली करा लिया है। इस जमीन पर किसान को छह प्रतिशत आबादी भूखंड आवंटित है। वहीं किसान सभा का कहना है कि जो लोग वहां रह रहे थे आबादी नियमावली के अंतर्गत सटीक है। किसानों को आपस में लड़ाया जा रहा है।

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    ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक एके सिंह और विशेष कार्याधिकारी (भूलेख) रामनयन सिंह के नेतृत्व में परियोजना और भूलेख विभाग की टीम ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। एके सिंह ने बताया कि साकीपुर के खसरा संख्या-583 की लगभग 5000 वर्ग मीटर जमीन पर कुछ लोग चारदीवारी बनाकर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे।

    यह जमीन किसान को छह प्रतिशत आबादी भूखंड के रूप में आवंटित है, लेकिन उनको कब्जा नहीं मिल पा रहा था। हाई कोर्ट के आदेश पर रविवार को सुबह प्राधिकरण की टीम मौके पर पहुंची और अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया।

    प्राधिकरण ने जमीन को अपने कब्जे में ले लिया है। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में वरिष्ठ प्रबंधक रतिक और वरिष्ठ प्रबंधक प्रभात शंकर सहित अन्य वर्क सर्कल के मैनेजर और सहायक प्रबंधक आदि मौजूद रहे।

    उधर किसान सभा के मुताबिक किसान जय सिंह की आबादी को तोड़ने से किसानों में रोष है। उनकी आबादी पुश्तैनी आबादी है, जिसमें 10 से अधिक परिवार शामिल हैं। उनकी आपत्ति भी वर्ष 2008 से लगती चली आ रही है।

    मामला आबादी नियमावली के अंतर्गत सटीक है, जिसे तुरंत छोड़े जाने की आवश्यकता है, परंतु प्राधिकरण ने आबादी निस्तारण किए बिना ही किसान की आबादी में किसी का प्लाट नियोजित कर दिया है।

    उस प्लॉट आवंटी को कब्जा दिलाने के बहाने से आबादी को तोड़ दिया है। किसानों की आबादियों का निस्तारण किए बिना ही उनमें अन्य लोगों के प्लाट आवंटित कर रहा है, जिससे किसानों को किसानों से लड़ाया जा रहा है।