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    Noida Crime: कर्ज चुकाने के लिए किया था शशांक गुप्ता का अपहरण, चार करोड़ की मांगी थी फिरौती

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 11:21 AM (IST)

    गाजियाबाद के व्यापारी मनीष गुप्ता के बेटे शशांक का अपहरण हुआ था। बदमाशों ने फिरौती के लिए वाट्सएप कॉल की। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से जेवर में बदमाशों को घेर लिया और मुठभेड़ के बाद शशांक को सकुशल बरामद किया। अपहरणकर्ताओं ने चार करोड़ की फिरौती मांगी थी। पुलिस ने मोहित गुप्ता और आलोक यादव को गिरफ्तार किया जो कर्ज में डूबे थे।

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    बदमाशों के चंगुल से छूटने के बाद पिता (सफेद शर्ट )को पकड़े हुए कारोबारी का बेटा शशांक गुप्ता। सौ. पुलिस

    बृजेश सिंह तालान, जेवर। गाजियाबाद के पत्थर व्यापारी के बेटे को अपहरण करने के बाद बदमाश चोरी किए हुए अलग अलग मोबाइल से वाट्सएप कॉल कर स्वजनों से फिरौती की रकम मांगते रहे। बदमाशों की गलती को सर्विलांस टीम द्वारा ट्रैस कर लिया।

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    बदमाशों ने रविवार को पीड़ित स्वजनों को फिरौती की रकम लेकर जेवर आने को कहा था। पुलिस ने पीड़ित स्वजनों से वार्ता कर बदमाशों को जाल में फंसाने की योजना तैयार की। जिसके बाद बदमाश पुलिस की योजना का शिकार हो गए।

    मुठभेड़ के बाद कारोबारी के बेटे को बदमाशों के चंगुल से मुक्त कराने वाली पुलिस टीम। सौ. पुलिस

    क्या है पूरा मामला?

    एसीपी सार्थक सेंगर ने बताया कि बदमाशों ने नौ सितंबर को नेहरूनगर गाजियाबाद के व्यापारी मनीष गुप्ता के इकलौते पुत्र शशांक गुप्ता का अपहरण किया था। शशांक की कार दनकौर क्षेत्र में मिली थी। जिसके बाद 10सितंबर को शशांक के बाबा रामप्रकाश गुप्ता की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ बहला फुसलाकर ले जाने का मामला दर्ज किया था।

    रामप्रकाश गुप्ता ने दनकौर पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि नेहरूनगर से वह अपने पोते शशांक गुप्ता के साथ बलेनो कार से इंदिरापुरम आए थे। जहां से वह उन्हें छोड़कर किसी काम से नोएडा जाने की कहकर आया था। उसके बाद से उसका फोन बंद आ रहा था।

    जीपीएस की मदद से पकड़े गए बदमाश

    स्वजनों ने जीपीएस की सहायता से कार को दनकौर क्षेत्र से बरामद किया था। बदमाशों ने अपहृत युवक शशांक गुप्ता को छोड़ने के बदले स्वजनों से चार करोड़ रुपए की फिरौती की मांग की थी। सर्विलांस के माध्यम से भनक लगने पर पुलिस ने पीड़ित स्वजनों के साथ मिलकर योजना तैयार की तथा योजना अनुसार स्वजनों ने बदमाशों को फिरौती में मांगी गई चार करोड़ रुपए की रकम देना स्वीकार कर लिया।

    बदमाशों द्वारा फिरौती की रकम को पहुंचाने के लिए जेवर क्षेत्र को चुना गया। योजना के अनुसार स्वजनों को फिरौती की रकम लेकर निर्धारित स्थान पर जाने को कहा गया। पुलिस ने रामनेर के समीप से गुजर रहे रजवाहे के आसपास ही निगरानी शुरू कर दी थी।

    पुलिस की एक टीम एयरपोर्ट को जाने वाली रोड पर तथा दूसरी टीम जेवर खुर्जा रोड पर नीमका गांव के समीप रजवाहे पर लगाई गई थी। जैसे ही बदमाश शशांक गुप्ता को लेकर रजवाहे की पटरी पर पहुंचे तो पुलिस की टीम ने उन्हें रामनेर गांव के समीप दोनों ओर से घेर लिया तथा मुठभेड़ के बाद शशांक गुप्ता को सकुशल बरामद कर लिया।

    शशांक गुप्ता ने बताया कि वह अपने बाबा को इंदिरापुरम में छोड़कर नोएडा में फोन की बैट्री बदलवाने गया था। जैसे ही वह गाड़ी से उतरा तभी बदमाशों ने उसे पकड़कर उसी की गाड़ी में पीछे की सीट पर बैठा दिया तथा दनकौर क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस वे पर शशांक की कार को छोड़कर अपनी कार में बैठा लिया तथा कन्नौज जिला के छाबरामऊ ले गए।

    पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मोहित गुप्ता गाजियाबाद में टैक्सी चलाने का काम करता है तथा आलोक यादव स्पा सेंटर चलता था। दोनों के ऊपर लोगों का मोटा कर्जा हो गया था। जिसके बाद दोनों पत्थर विक्रेता मनीष गुप्ता के इकलौते पुत्र शशांक गुप्ता के अपहरण की योजना बनाकर उसकी रेकी शुरू कर दी थी। गत मंगलवार को उन्होंने मौका पाकर अपहरण की घटना को अंजाम दिया था।

    बेटे को सकुशल देख छलक पड़े आंशू 

    बीते कई दिनों से उलझन में जी रहे शशांक के परिवार वालों को उस समय राहत मिली जब ग्रेटर नोएडा पुलिस ने बेटे के सकुशल बरामद होने की जानकारी दी। बेटे से मिलने परिजन तुरंत घर से निकल लिए। बेटे को देखकर पिता की आंखों से आंसू निकल पड़े और गले लगा लिया। इस दृश्य ने आसपास मौजूद सभी लोगों को भावुक कर दिया।