Noida के गांवों में आएगी विकास की बहार, मेट्रो का बनेगा त्रिभुज; सांसद महेश शर्मा ने बताया पूरा प्लान
गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा ने नोएडा के गांवों के विकास और मेट्रो विस्तार को लेकर अपनी योजना साझा की है। उनके अनुसार नोएडा ग्रेटर नोएडा और यमुना औद्योगिक प्राधिकरण क्षेत्र में मेट्रो का त्रिभुज बनाया जाएगा। साथ ही गांवों के समग्र विकास के लिए भी प्रयास किए जाएंगे।
धर्मेंद्र चंदेल, नोएडा। गौतमबुद्ध नगर में नोएडा, ग्रेनो व यमुना औद्योगिक प्राधिकरण कार्यरत हैं। तीनों का ढांचागत सुविधाओं पर भले ही जोर है, लेकिन कई बुनियादी सुविधाओं का टोटा है। गांवों का शहरी तर्ज पर विकास का सपना अधूरा है। आबादी बढ़ रही है। परिवहन सुविधा बेहतर करने को मेट्रो के विस्तार की भी जरूरत है।
वहीं, अमिताभ कांत रिपोर्ट के बाद भी खरीदारों की समस्याएं पूरी तरह हल नहीं हुई हैं। किसान मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। प्राधिकरणों पर उपेक्षा का आरोप भी लगता है। ऐसे में जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम हो जाती है। चीफ रिपोर्टर धर्मेंद्र चंदेल ने विभिन्न मुद्दों पर गौतमबुद्ध नगर के सांसद डाक्टर महेश शर्मा से विस्तार से बातचीत की। पेश है उसके अंश...
जिस अनुपात में जिले की आबादी बढ़ रही है, उस हिसाब से परिवहन सुविधाएं नहीं बढ़ी। दस वर्ष से मेट्रो का विस्तार नहीं हुआ। ऐसा क्यों?
-देखिए, मैंने ही मेट्रो के विस्तार का मुद्दा लोकसभा में उठाया है। शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ कई बैठक की हैं। हमारी कोशिश सिर्फ ग्रेटर नोएडा वेस्ट तक ही मेट्रो ले जाने की नहीं है। हमारा प्रयास नोएडा, ग्रेटर नोएडा में मेट्रो का ट्राइएंगल (त्रिभुज) बनाने का है। मेट्रो का एक ट्रैक नोएडा के सेक्टर 52 से ग्रेटर नोएडा वेस्ट से होते हुए दादरी और बोड़ाकी रेलवे स्टेशन तक व दूसरा ट्रैक परी चौक से बोड़ाकी तक बनाने का है। सेक्टर 142 से बोटेनिकल गार्डन तक भी मेट्रो लाइन बनाई जाएगी। अगले सप्ताह केंद्रीय शहरी विकास मंत्री और डीएमआरसी के अधिकारियों के साथ फिर से बैठक होगी।
बिल्डर परियोजनाओं को पूरा करने व फ्लैटों की रजिस्ट्री के लिए अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को लागू किया गया है। फिर भी खरीदार प्रदर्शन कर रहे हैं, क्या कहेंगे?
-पूर्ववर्ती सरकारों की गलत नीतियां से यह समस्या पैदा हुई। मात्र 10 प्रतिशत धनराशि पर जमीन आवंटित कर दी। फ्लैट खरीदारों की पीड़ा का पूरा एहसास है। मैंने ही इस मुद्दे को संसद में उठाया था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमिताभ कांत समिति बनाई। बकाया धनराशि का 25 प्रतिशत जमा करने के बाद रजिस्ट्री का रास्ता खुला। काफी बिल्डरों ने ऐसा कर रजिस्ट्री शुरू की है। कुछ बिल्डरों के एनसीएलटी में जाने के कारण अड़चन आ रही है। इसे भी दूर कराने का प्रयास किया जा रहा है। मैं इस मुद्दे पर शीघ्र प्राधिकरण अधिकारियों के साथ में बैठक करूंगा
गांवों के विकास का सपना भी अधूरा है। गांवों के हालात दयनीय हैं। सांसद होने के नाते आप क्या प्रयास करेंगे?
-यह बात बिल्कुल सही है कि गांवों का जितना विकास होना चाहिए था, वह नहीं हुआ। गांवों के समग्र विकास की जरूरत है। सांसद होने के नाते मैं प्राधिकरण पर गांवों के विकास के लिए दबाव बनाऊंगा। गांव वालों की जमीन चली गई है। किसानों के लिए जमीन मां हैं। इसलिए वह भी सभी बेहतर सुविधा के हकदार हैं। इसके लिए मैं हर स्तर पर पर उनकी आवाज उठाऊंगा। गांवों का विकास नहीं होगा, तो शहर की तरफ पलायन होगा। इससे गांव खाली हो जाएंगे और शहरों में आबादी बढ़ जाएगी। इसलिए गांवों का विकास जरूरी है
किसान भी अपनी समस्याओं को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। उन्हें अपनी मांगें पूरी कराने के लिए कब तक आंदोलन कराना पड़ेगा?
-देखिए मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने इस मुद्दे को उठाया है। किसानों के लिए एक समान नीति बननी चाहिए। छह प्रतिशत भूखंडों का आवंटन शीघ्र कराया जाएगा। ग्रेटर नोएडा में 17 गांवों के किसानों को शीघ्र भूखंड मिलेंगे। नोएडा में भी तैयारी चल रही है। 64.7 प्रतिशत मुआवजा भी सभी किसानों को मिले, इसके लिए फिर से मुख्यमंत्री से बात करेंगे। आबादी शिफ्टिंग पालिसी को भी मंजूरी दिलाने के लिए भी शासन स्तर पर बात की जा रही है। किसानों की समस्या हल कराना मेरी पहली प्राथमिकता में हैं।
कम आय वर्ग के लोगों के लिए गौतमबुद्ध नगर में आवास मिलना बड़ी समस्या है। उन्हें घर नहीं मिलेंगे तो वह सड़कों पर रात गुजारेंगे। उन्हें घर दिलाने के लिए आपके स्तर से क्या प्रयास हो रहे हैं?
-प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कम आय वर्ग वालों के लिए प्राधिकरण मकान बनवाएंगे। प्राधिकरण से छोटे आकार के भूखंड अथवा मकान की योजना निकालने का भी अनुरोध करेंगे।
क्षेत्र के बेरोजगार युवकों को रोजगार दिलाने के लिए क्या प्रयास करेंगे?
-जिन किसानों की जमीन अधिगृहीत की गई है। उनके बच्चों के साथ भूमिहीनों को भी रोजगार दिलाने के लिए अब व्यवस्था की गई है। उद्योगों में निकलने वाली नौकरियों में किसानों के बच्चों को आरक्षण दिया जाएगा।
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