ग्रेटर नोएडा के इस गांव में कूड़े के ढेर से ग्रामीण परेशान, कब होगा समस्या का समाधान?
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के चिपयाना बुजुर्ग गांव में कूड़े के ढेर से ग्रामीण परेशान हैं। कई दिनों से कूड़ा नहीं उठने से गांव डंपिंग ग्राउंड बन गया है। नालियां भी गंदगी से अटी पड़ी हैं जिससे बदबू फैल रही है। लोग निजी सफाई कर्मचारियों को पैसे देकर कूड़ा उठवाने को मजबूर हैं पर स्थिति में कोई खास सुधार नहीं आया है। प्राधिकरण की उदासीनता से ग्रामीणों में निराशा है।

जितेंद्र सिंह, ग्रेटर नोएडा। गाजियाबाद की सीमा के पास ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित चिपयाना बुजुर्ग गांव कई दिनों से कूड़ा न उठाए जाने के कारण डंपिंग ग्राउंड जैसा नजर आने लगा है। नालियां भी गंदगी से अटी पड़ी हैं। गांव में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं।
बदबू ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। लोगों का आरोप है कि करीब पांच दिन में यहां कूड़ा उठाया जाता है। कर्मचारी कूड़ा उठाने में सिर्फ औपचारिकता निभाते हैं। कुछ उठाते हैं और कुछ छोड़ देते हैं। जहां उठाते भी हैं, वहां पूरा नहीं उठाते।
लोगों ने घरों से कूड़ा उठाने के लिए 100 रुपये में अपने स्तर पर सफाई कर्मचारी रखे हैं। ये कर्मचारी घरों से कूड़ा उठाकर इधर-उधर फेंक देते हैं। हालात यह हैं कि गांव के अंदर के अलावा प्रवेश द्वार के पास भी कूड़े का ढेर लगा हुआ है।
चिपयाना से लाल कुआं और चिपयाना से गाजियाबाद एबीईएस कॉलेज जाने वाले रास्ते पर गांव के प्रवेश द्वार के पास कूड़े का ढेर लगा हुआ है। वहां से गुजरते समय लोग बदबू से परेशान हैं। ग्रेटर नोएडा में प्राधिकरण द्वारा अधिकांश गांवों को शहरी क्षेत्र में शामिल कर लिया गया है। लेकिन दिखाए गए विकास के सपने झूठे साबित हुए।
चिपियाना बुजुर्ग गांव जिला पंचायत अध्यक्ष का गांव होने के बावजूद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण यहां सफाई व्यवस्था को दुरुस्त नहीं कर रहा है और न ही नालियों की सफाई हो रही है। इससे गांव के लोग परेशान हैं।
कई दिनों तक कूड़ा न उठाए जाने के कारण लोग कूड़े में आग लगा देते हैं। इससे प्रदूषण फैलता है। कई दिनों तक कूड़ा नहीं उठाया जाता। इससे गांव में जगह-जगह कूड़े का ढेर लगा रहता है। बदबू से परेशानी होती है।
- मिंटू चौधरी
चिपियाना गांव में सफाई व्यवस्था ठीक नहीं है। घरों से कूड़ा उठाने वाले लोग इधर-उधर फेंक देते हैं। कई दिनों बाद कूड़ा उठाए जाने के कारण जगह-जगह कूड़े का ढेर लगा रहता है।
- हरीश जोशी
पांच दिन बाद कूड़ा उठाया जाता है। कूड़ा भी औपचारिकता के तौर पर उठाया जाता है। एक जगह से कूड़ा उठाया जाता है, दूसरी जगह से नहीं। नालियां भी कूड़े से अटी पड़ी हैं।
- जयकुमार मिश्रा
सफाई कर्मचारी को 100 रुपये देकर घर का कूड़ा उठाया जाता है। कई दिनों से कूड़ा न उठाए जाने के कारण गांव में कूड़े का ढेर लगा हुआ है।
- सुनीता देवी
संबंधित कार्य मंडल के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा।
- श्रीलक्ष्मी वी.एस., एसीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण
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