Anil Dujana: आतंक का पर्याय था गैंगस्टर, चुनाव में उतरा तो विपक्षी प्रत्याक्षी को मिली थी 24 घंटे की सुरक्षा
गैंगस्टर अनिल दुजाना ने 2016 में चुनाव जीता था जिसे बाद में उच्च न्यायालय के आदेश पर रद्द कर दिया गया था। संग्राम सिंह ने बताया कि गौतमबुद्धनगर पुलिस ...और पढ़ें

दादरी, जागरण संवाददाता। 2016 में हुए जिला पंचायत चुनावों में अनिल दुजाना की ओर से पर्चा भरते ही कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं उतरा था। रसूलपुर के अधिवक्ता संग्राम ने हिम्मत दिखाते हुए अनिल दुजाना के सामने चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।
अनिल दुजाना का इतना खौफ था कि प्रत्याशी ने चुनाव में अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस फोर्स की मांग की थी। प्रशासन की तरफ से पूरी सुरक्षा संग्राम सिंह को दी गई थी।
अधिवक्ता संग्राम सिंह ने बताया कि जिला पंचायत सदस्य वार्ड एक पर उन्हें जिला प्रशासन की तरफ से एक ट्रक पीएसी,एक वज्र वाहन,तीन आरएएफ की टुकड़ी जिसमें 90 जवान रहते थे। क्यूआरटी की दो टीमें चुनाव प्रचार के समय 24 घंटे साथ रहती थी।
अनिल दुजाना ने चुनाव जीता था,जिसे बाद में हाई कोर्ट के आदेश पर रद कर दिया गया था। संग्राम सिंह ने बताया कि गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह उस दौरान मेरठ डीआइजी हुआ करती थीं।
उन्हीं की देखरेख में चुनाव शांति पूर्ण तरीके से हो पाया था। चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था भंग करने वाले 30 शूटर गिरफ्तार भी किये गये थे। बादलपुर कोतवाली की पुलिस ने भारी मात्रा में हथियारों का जखीरा भी पकड़ा था।

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