Chhath Puja 2024: आज नहाय खाय के साथ शुरू हुआ छठ महापर्व, नोएडा के घाटों पर तैयारियां पूरी
Chhath Puja 2024 शहर में छठ पूजा को लेकर लोगों में खासा उत्साह है।लगभग सभी घाटों पर छठ पूजा की तैयारियां पूरी हो गई हैं। सोमवार को श्रद्धालुओं ने पूजा से संबंधित सामग्री की खरीदारी की। इसके साथ ही मंगलवार से छठ पूजा महोत्सव नहाय खाय के साथ शुरू हो गया। सोमवार को जगत फार्म तुगलपुर रामपुर एच्छर सूरजपुर कासना समेत अन्य बाजारों में श्रद्धालुओं ने पूजा सामग्री खरीदी।
जागरण संवाददाता, नोएडा। Chhath Puja 2024 : आस्था का महापर्व छठ की आज से शुरू हो गया है। शहरभर में बडी जोरशोर के साथ यह मनाया जाता है। सेक्टरों और सोसायटियों समेत यमुना घाट पर अलग-अलग समितियां विशेष आयोजन कर रही हैं। चार दिवसीय पर्व में पहले दिन मंगलवार को नहाए-खाय के साथ शुरुआत हुई है।
छठ पर्व में मंगलवार को व्रतियों ने नहाकर महाप्रसाद के रूप में चावल, अरहर की दाल और लौकी की सब्जी ग्रहण की। यह पूजा परिवार की महिलाएं अपने ही घर पर करतीं हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे छठी मइया का कृपा उनके परिवार पर बनी रहेगी।
चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर खत्म होगा निर्जला व्रत
चार दिवसीय पर्व में महिलाएं 36 घंटे का निर्जला व्रत भी रखतीं हैं। छठ पूजा के तीसरे दिन शाम के समय नदी या तालाब में खड़े होकर अस्त होते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाएगा। चौथे और आखिरी दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर निर्जला व्रत की खत्म होगा।
सूर्यदेव के प्रति गहरी आस्था है। छठ पर्व भी सूर्य उपासना का ही पर्व है। अब यह पर्व सामूहिक रूप से मानते हैं।
-मीना देवी
छठ को सबसे बडे पर्वों में एक माना जाता है। इस व्रत को रखने वालों को छठी मइया का आशीर्वाद मिलता है और कभी निराशा हाथ नहीं लगती।
-रानी देवी
मैली यमुना नहीं हो सकी साफ, श्रद्धालु निराश
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी यमुना की गंदगी साफ नहीं हो सकी है। मैली यमुना में छठ व्रति आज से पूजा अर्चना करेंगे। प्रदूषण के उठते झागों के बीच व्रती यहां पर पूजा अर्चना करेंगे। सिंचाई विभाग की ओर से यमुना किनारे बडे-बडे पत्थर डाले गए थे जो हटाए नहीं गए हैं। यह पत्थर छठ व्रतियों की राह का रोडा बन सकते हैं।
क्या बोले श्रद्धालु?
यमुना के हाल को देखकर बुरा लगता है। जिम्मेदारों की अनदेखी से वह दिन दूर नहीं होगा जब यमुना का अस्तित्व ही नजर नहीं आएगा। -ज्योति केसरी
यमुना की साफ-सफाई नहीं होने से गंदे पानी के बीच पूजा करना मजबूरी होती है। यमुना को फिर से नई पहचान दिलाने वाले भागीरथ की जरूरत है। - मोना
यमुना सफाई के दावे और वादे किए जाते हैं लेकिन हर वर्ष इसकी स्थिति और खराब होती जा रही है। यमुना की सफाई में बीते वर्ष की अपेक्षा इस बार एक प्रतिशत भी सुधार नहीं हुआ है। - निर्मला
यमुना के अस्तित्व को जीवित करने की आवश्यकता है। राजनीतिक पार्टियां यहां पर काम से ज्यादा राजनीति करती नजर आतीं हैं। यह सामूहिक प्रसास से ही संभव होगा। -खूशबू
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